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1 Jul 2024 · 1 min read

जा लिख दे आसमान पे

जा लिख दे
आसमान पे
अब तू मेरा
पैग़ाम ये…
(१)
ज़िंदा इंसान
बेहतर है
पत्थर के
भगवान से…
(२)
कोई मत
छेड़छाड़ करे
भारत के
संविधान से…
(३)
हिल जाते हैं
इंद्रासन
आहों के
तूफ़ान से…
(४)
धरती की
हर शोभा है
मज़दूर और
किसान से…
(५)
ख़तरा है
इस देश को
अपने ही
हुक़्मरान से…
(६)
कोशिश से
कामयाबी है
क्या होगा
वरदान से…
(७)
खेलना है
देशद्रोह
मासूमों के
अरमान से…
(८)
बच सकें तो
बचें ज़ालिम
अपने बुरे
अंज़ाम से…
(९)
दुनिया में
इज़्ज़त हमारी
गंगा-जमुनी
पहचान से…
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Shekhar Chandra Mitra
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