Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2022 · 1 min read

जन्माष्टमी को मिलकर (भक्ति गीतिका)

जन्माष्टमी को मिलकर (भक्ति गीतिका)
===========
जन्माष्टमी को मिलकर, कुछ इस तरह मनाऍं
माखन चुरा के घर का, ग्वालों में बॉंट आऍं (1)

हम प्यार के पुजारी, वसुधा से प्यार सीखें
पशु पक्षियों को चाहें, गायों को हम चराऍं(2)

मस्ती में डूब जाऍं, कोलाहलों से हटकर
हम मौन हो के मन से ,फिर बॉंसुरी बजाऍं(3)

जब रात हो शरद की, पूनम का चॉंद निकले
कान्हा के साथ बालक ,हम रास फिर रचाऍं(4)

गंदा न होने दें हम, यमुना का बहता पानी
सौ-सौ फनों के कालिय, हम नाग को भगाऍं (5)

हम शांति- दूत बनकर, बस पाँच गॉंव मॉंगें
जो सामने हठी हो, तो युद्ध भी लड़ाऍं (6)

गीता के प्रष्ठ पढ़कर, हम सीख इतनी ले-लें
यदि युद्ध है जरूरी, तो पीठ न दिखाऍं(7)
********************************
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुकद्दर
मुकद्दर
Phool gufran
जो शिद्दत है एहसासों में
जो शिद्दत है एहसासों में
मनोज कर्ण
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंद्रियों की अभिलाषाओं का अंत और आत्मकेंद्रित का भाव ही इंसा
इंद्रियों की अभिलाषाओं का अंत और आत्मकेंद्रित का भाव ही इंसा
Rj Anand Prajapati
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
- लोगो के दिलो पर छा जाऊ -
- लोगो के दिलो पर छा जाऊ -
bharat gehlot
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें "फ़ॉ
*प्रणय प्रभात*
एक अधूरी कविता।
एक अधूरी कविता।
manorath maharaj
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
*गर्मी पर दोहा*
*गर्मी पर दोहा*
Dushyant Kumar
#लफ़्ज#
#लफ़्ज#
Madhavi Srivastava
मौन प्रेम प्रस्तावना,
मौन प्रेम प्रस्तावना,
sushil sarna
गाय
गाय
Vedha Singh
उनकी आंखों में भी
उनकी आंखों में भी
Minal Aggarwal
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
पंकज परिंदा
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
gurudeenverma198
खामोशी से खामोश रहने का
खामोशी से खामोश रहने का
ARVIND KUMAR GIRI
जब पलटते हैं वक़्त के पन्ने ।
जब पलटते हैं वक़्त के पन्ने ।
Dr fauzia Naseem shad
मां से प्रण
मां से प्रण
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" वफादार "
Dr. Kishan tandon kranti
The Uncountable Stars
The Uncountable Stars
Buddha Prakash
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
I love u Mummy.
I love u Mummy.
Priya princess panwar
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
सत्य कुमार प्रेमी
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
इशरत हिदायत ख़ान
4330.*पूर्णिका*
4330.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
कवि रमेशराज
Loading...