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21 Mar 2022 · 1 min read

मुक्तक

एक चाँद जो रूठा है
मुग़ालता के बादल ओढ़ कर,
संशय के पहाड़ों के पीछे
जो डेरा बनाया है।
संदेह हटाने को
हर राज बताने को
मिन्नतों से एक चाँद को
अपनी खिड़की पर बुलाया है।।।
👉Rana…

Language: Hindi
270 Views
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