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6 Oct 2021 · 1 min read

" समुद्री बादल "

हर कोई चाहे आज
बादल पर पैर रखना
कोई बोले परियों का बास
कोई कहे इसे बर्फ का जमना,
बच्चे बैठ जाएं जिद्द करके
हमको बादल पार है जाना
हवाईजहाज ज्यों चीर कर जाएं
बादलों का झुरमुटाना,
रूई की संज्ञा दे इसे कोई
कोई बोले बाज का आशियाना
कोई कहे इसे प्रदूषण का धुंआ
जो सुना हमने भी वो ही माना,
मीनू को दिखे बादल अलग सा
क्यों तुमने इसे धुंआ, बर्फ माना
लहरों से इसका गहरा लगाव
ये तो है समुद्र का दीवाना,
लहरों के वाष्पीकरण की प्रक्रिया है
गगन में जाकर बादल बनना
समुद्र के साथ ही जुड़ा अस्तित्व
इसी की गोद से बादल जन्मा।

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