Posts “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 173 authors · 405 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "कविता" बरसाती..... "कविता"बरसाती*** @@@@@@@@ ये 2021 की नई बरसात है, वर्षा ऋतु की ये सौगात है। हो रही कविताओं की बारिश, इसमें कई कवियों का हाथ है। ये बरसात ऐसे हो रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 9 1k Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है। बरस रही हो बरखा रानी पर आग़ाज़ अलग है। बीते कुछ बरसों से तेरा रंग अंदाज़ अलग है। कहीं कहीं पर बूंदे झरतीं कहीं कहीं पर पत्थर, कहीं खुशी की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 1 559 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 May 2021 · 1 min read पिया मिलन की प्यास तन मन की हुई तपन शांत, मेघा अमृत बरसाए धरती ने ओढ़ी हरी चुनरिया, जन जन का मन हर्षाए दादुर मोर पपीहा बोले, पीहू पीहू शब्द सुनाए प्रेमामृत पिय का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 14 669 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 1 min read जो अश्कों की बरसात हुई गहरा इश्क़ था, क्यों घात हुई दिल टूटा तो, बरसात हुई // मतला // ताउम्र रहे सावन-भादो जो अश्कों की बरसात हुई // 1. // दुःख ही शामिल थे क़िस्मत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 9 8 403 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 1 min read बरसात नहीं सावन-भादो की बरसात नहीं सावन-भादो की, अश्कों से यह प्रीत है दर्द-विरह में डूबा प्रीतम, अब जीवन संगीत है बरसात नहीं सावन-भादो की....... जबसे नैन लड़ें हैं तुमसे, सुख-चैन गँवाया मैंने अपना... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 9 13 616 Share Shashi kala vyas 17 May 2021 · 1 min read *"बारिश का पानी "* *"बारिश का पानी"* बूंदो की पड़ी फुहार ,रिमझिम सा बरसता वो बारिश का पानी। तनमन को भिंगोने आया ,आँगन में टपकता वो बारिश का पानी। मन की उम्मीदों को जगाने... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 10 733 Share Pratima sharma 17 May 2021 · 1 min read मुझको है बरसात से प्यार वो कागज की कश्ती, वो बचपन की मस्ती। भीगने का बेसब्री से इंतजार, मुझको है बरसात से प्यार।। सावन में झूलों का त्यौहार, रिमझिम-रिमझिम बरसती फुहार। आती इसमें खुशियों की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 784 Share नवीन जोशी 'नवल' 27 May 2021 · 1 min read बरसात- वर्षा ऋतु उमड़ घुमड़ घन नभ में छाए, प्रेम सुधा बरसाने को, पड़ने लगी फुहार मधुर, धरती की तपन बुझाने को !! वन-उपवन सब फलित पल्लवित, वसुधा में हरियाली छाई, आज खिल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 22 1k Share उमा झा 28 May 2021 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 507 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2021 · 1 min read "बरसाती बारात".... मुश्किल यहां, टिकने की बात है। यहां तो , कवियों की बारात है। अरे , नाच रहे है सब यहां , ऐसे ; जैसे, बैसाख में हुई बरसात है। स्वरचित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 9 2 620 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात, "आफत या सौगात" गर्मी से राहत, बारिश की थी चाहत। बूंदों का, झूम कर सबने किया स्वागत।। प्रफुल्लित मन, खिल उठे वन उपवन। धरती की प्यास बुझी, महक उठा जीवन।। मेघों ने भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 14 985 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 May 2021 · 1 min read अब कहां वो बरसात ! अब कहां वो बरसात , जो हमने बचपन में देखी थी । धुंआधार मूसलधार बरसती बरसात में , हल्की हल्की ठंडक महसूस की थी । मिट्टी से उठती भीनी भीनी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 16 299 Share Ashok Sharma 16 May 2021 · 1 min read ●सुहानी बरसात● ★★★★★★★★★★★★★ पवन लहर सम, बहकत तन मन , गगन बजत जस, छमछम छमछम । दमकत चमकत ,नभ बरसत जब, जलकण तनपर ,मलत मदन तब। सरवर छलकत, लचकत लचकत। जलधर सरकत,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 8 12 863 Share Minal Aggarwal 16 May 2021 · 2 min read बरसात न हो कोई बंद कमरा हो तो उसमें हो कोई खिड़की खोल लो उसे उससे अच्छा है खुले में बाहर निकल आओ बरामदे में या गैलरी में कोई कुर्सी भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 6 385 Share meenu yadav 19 May 2021 · 1 min read ऐसी देखी बरसात जब मैंने आकाश की ओर देखा, बादल गहरा रहे थे । प्रभात की बेला,रात्रि की कालिमा में बदल रही थी ... वसुधा पथराई अंखियों, सूखे अधरों से आसमाँ तक रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 11 1k Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read माँ माँ के चरणों में मैंने जन्नत को देखा है। माँ ही वो शख्स है,जिसके लिए मैंने ख़ुदा को तरसते देखा है। माँ ने मेरी खातिर हर मुश्किल को आसां बनाया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 4 458 Share KAJAL CHOUDHARY 26 May 2021 · 1 min read बचपन की बारिश याद है मुझे वो बचपन की बारिश! कागज की कश्ती बारिश का पानी! मां के हाथ की भजिया दादा जी की खटिया जिस पर बैठ कर करते हम ढेर सारी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 10 613 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 May 2021 · 1 min read धरती कहे पुकार के . धरती कहे पुकार के , आसमां की ओर निहार के । वो जो है सखी अपनी , कब आयेगी बरखा रानी । तेरे बिन सुना आंगन मेरा , और बेरंग... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 18 639 Share Shriyansh Gupta 31 May 2021 · 1 min read बारिश की बौछार बारिश की बूंदे जब धरती से मिल जाती हैं तवे सी गर्म धरती पर तब सुकून की बौछार हो जाती हैं। सूखे पत्तों में भी हरियाली सी छा जाती है।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बारिश 8 4 1k Share Dr. Rekha Saxena 2 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात बरसाती रिमझिम बूंदों में जीवन को मधुरूप मिला है।। तारापथ से चलकर आयी श्यामघटा नभ में फहराये।। चपला चमके मन हरषाये मेघदूत सन्देशा लाये ।। वर्षा की हर प्रखर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 12 677 Share स्वर्णलता विश्वफूल 4 Jun 2021 · 1 min read बरसात में जवान लड़की मायूस हो जाती है ! अब तो पोखर पर मॉल बने हैं नालियाँ भी ठसमठस भरे हैं मेढकों ने टर्राने छोड़ दिए हैं उनके घर मानचित्र से गायब हैं ! बारिश का पानी सड़क पर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 41 560 Share Neelam Chaudhary 7 Jun 2021 · 1 min read * बारिश का मौसम * बारिश का मौसम आया । मौसम सुहाना लाया ।। चहकेंगे पक्षी महकेगी खुशबू । खुशियों की सौगात लाया ।। बारिश का मौसम आया । मौसम सुहाना लाया ।। फसलें ख़ुशी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 8 12 719 Share लक्ष्मी सिंह 11 Jun 2021 · 3 min read बरसात 1) गीत शुन्य हृदय में प्रेम की,गहन जलद बरसात। गहन अँधेरा कर गयी, पावस की यह रात।। झुलस रही हूँ अग्नि-सी, बढ़ा दिया संताप। मुझ विरहण को यूँ लगे, दिया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत · बरसात 8 8 296 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम। सब ऋतुओं की रानी हो तुम। बरखा अमर जवानी हो तुम। तुमसे धरा हुल्लसित होती , पुष्पित और पल्लवित होती, बांझ नहीं ये साबित होता, तेरे वीर्य से गर्वित होती,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 3 466 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "वर्षा-ऋतु".. "वर्षा- ऋतु ********** वर्षा- ऋतु जब आती है, ढेर सारा खुशियां लाती है। हम स्कूल नही जाते है।, बारिश में खूब नहाते हैं। फलों के राजा आम को, ऋतु संग... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 8 9 774 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात आई झमाझम। लेकर नई सौगात झमाझम। खिल उठे चेहरे किसान के झमाझम। लगा बादल भी खिल -खिलाने झमाझम। चारो ओर मिट्टी की खूशबू झमाझम। बरसात आई लेकर नई आश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 10 576 Share Phoolchandra Rajak 16 May 2021 · 1 min read वरदान है बरसात! पपीहा की तपस्या का फल है बरसात। ऋतु चक्र का हिस्सा है बरसात। कोयल की मीठी वाणी है बरसात। किसान की खुशी का ठिकाना है बरसात। धरा की हरियाली की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 8 413 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात बारिशों ने जगाया दिलों में चाह होना, आप आसान समझते हैं बरसात होना, है आसमां की छाती और तड़पती बूंदें, तूने देखा नहीं नदियों का समंदर होना, खेत लहलहाते ज़मीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 7 18 369 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 16 May 2021 · 1 min read बरसात और बाढ़ बरसात, अपने साथ लाती है बाढ़, उफना जाती हैं शांत बहती नदियाँ, ताण्डव करने लगती हैं, किनारों को उदरस्थ करने लगती हैं, यही नदियाँ, जो मानव सभ्यता की उद्गम हैं।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 8 518 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 May 2021 · 1 min read मैं वर्षा का नीर हूं निर्मल मैं वर्षा का नीर हूं निर्मल उज्जवल धारा में बहता हूं बादल बनकर उड़ता फिरता रिमझिम धरती पर गिरता हूं आता हूं मूसलाधार कभी हाहाकार मचा देता हूं नदी नाले... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 14 382 Share Rajesh vyas 17 May 2021 · 1 min read बरसते सावन में__घनाक्षरी ???मनहरण घनाक्षरी छंद ??? घुमड़ घुमड़ कर,उमड़ उमड़ कर। घटाएं तो अंबर में, घीर घीर आई है।। छमा छम छम छम,बिजुरी चमक रही। फुर फुर गिरे नीर, धरा को भिगाई... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 7 8 430 Share Shashi kala vyas 17 May 2021 · 1 min read *"पावस ऋतु "* *"पावस ऋतु"* मेघदूत का आगमन, सुखद लगे संसार। कोयल कूके डाल पर , शीतल पवन फुहार।। ??????? पावस ऋतु की कामना, धरती अंबर नीर। मन मयूर नाचन लगे , मिटे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 5 430 Share GOVIND UIKEY 19 May 2021 · 1 min read बरसात कहाँ से होगी अब पहले जैसी घनघोर बरसात । शहरों में तो हमने सीमेंट के जंगल बसा लिए । कहाँ से पूर्ति होगी हमारे शहरों में शुद्ध पानी की ।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 11 677 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 20 May 2021 · 1 min read सावन आया हुई वर्षा , मन हर्षा ,देख मौसम मन भावन का । बूँदें पड़ी , लगी झड़ी ,आया महीना सावन का ।। उजली लड़की , बिजली कड़की , नाच उठा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 12 405 Share रीतू सिंह 29 May 2021 · 1 min read "मन का सुकून" ?️?️भीग जाने दो मुझे बरसात में, ??शायद उसका एहसास तो धुल जाए। ??उसे भूल जाने की उम्मीद तो नही, ❤️❤️पर दिल की करके क्या पता मन को सुकून आ जाए। “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · शेर 7 10 411 Share Neha 1 Jun 2021 · 1 min read बरखा नील गगन में बादल गरजे उमड़ घुमड़ कर शोर मचाते जाने किस छोर से आ जाते कभी आंख मिचौली खेलते भर अपने संग पानी लाते रिमझिम रिमझिम खूब बरसते प्यारी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 13 964 Share Buddha Prakash 3 Jun 2021 · 1 min read बरसात में गलतियांँ बरसात में गलतियांँ हो जाती हैं अक्सर । तैरने जाते पोखर में जमीन खिसक जाती है तल से, कुछ लोग बिछड़ जाते कुछ याद आते हैं इस मौसम में, बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 10 342 Share रीतू सिंह 9 Jun 2021 · 1 min read "गर बादल होता तो" कितनी नफ़रत है तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में, ??कितनी नफ़रत है तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में। काश तुझे एक बार दिखा सकता, ?️?️गर बादल होता तो बरसात की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · शेर 7 3 315 Share Rajesh vyas 11 Jun 2021 · 1 min read धरती की अब प्यास ----- (बरसात -- गीत) *************गीत************ बह रही है हवा सुहानी, बरखा रानी बरसेगी। धरती की अब प्यास बुझेगी, बीरहन भी न तरसेगी।। धरती की अब प्यास ---------------------------- तरसेगी।। (१) कारे कजरारे मेघो ने, दस्तक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 7 10 444 Share Astuti Kumari 12 Jun 2021 · 1 min read स्त्री चेतन कालचक्र पे आश्रित जीवन, चुनौतियों का है संकलन, गंतव्यता की ओर अग्रसित मन, कर्मयोगी बनने का करता प्रयत्न। क्षण भंगुर उत्कंठित अंतर्मन, सामाजिक बेड़ियों से है गमगीन, बेडिया ; चहारदीवारी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 4 351 Share Indu Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात में अब कहां वो बरसात होती है दिन में ही अब दिनदहाड़े रात होती है , बरसात भी रिश्तो की तरह अब बदल गई है , बरसात किसी और... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 5 509 Share नेहा आज़ाद 15 Jun 2021 · 2 min read कुछ तो तुम भी बदल गयी बरसात अब तो बरसात भी हो गयी पेड़ों को नया जीवन भी मिल गया और धरती को तपिश से राहत भी मिल गयी लोगों ने भी चैन की साँस ले ली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 6 358 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 16 May 2021 · 1 min read रहस्यमयी बरसात प्रकृति के अद्भुत रहस्यों का प्रकटन है बरसात, यह देती है जीवन को- नव ऊर्जा और गति सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में भर देती है, नव स्पंदन भरती है रंग विविध पर्यावरण... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 6 307 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 16 May 2021 · 1 min read कितने मादक ये जलधर हैं कितने मादक ये जलधर हैं, इठलाते, मँडराते आते, सोयी पीर जगा कर जाते, गरज-गरज कर मन भर देते, पीड़ा के विरही अंतर हैं, कितने मादक ये जलधर हैं। ये जलधर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 7 395 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 16 May 2021 · 1 min read प्रकृति का उपहार है बरसात कितने अलग होते हैं बरसात के दिन, यह अनुपम उपहार है धरा के लिए प्रकृति का, बरसात हर्षित करती है- किसानों को जब लहलहाती हैं फसलें बरसात की मोती जैसी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 9 818 Share Neetu gupta 16 May 2021 · 1 min read बरसात बिजली की ये गड़गड़ाहट, हवाओं की ये सरसराहट, बादलों से घिरा आसमान, बारिश कीभीगी बौछार। बरसात का फिर यूं बरसना फिर बादलों से टूट कर, पेड़ों के पत्तों को छूकर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 8 726 Share सुनीता सिंघल 16 May 2021 · 1 min read मेरी बारिश मुझसे रूठी है पूछा बेटी ने एक रोज़, मॉं बारिश की बूँदे गोल क्यों होती हैं । बेतुका उत्तर था मेरा, सुनकर वो हँस देती है । बूंदें गोल हैं, क्योंकि मेरी बारिश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 7 476 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 May 2021 · 1 min read छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छुपा हुआ अंतस में सूरज,आए नजर न भोर रे मन छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर काम क्रोध मद लोभ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 6 8 854 Share Ruchika Rai 17 May 2021 · 1 min read बरसात हो ऐसी बरसात कि दिल पिघल जाये, मन पर जमी नाराज़गी उसमें धुल जाये। फिर से रिश्तों में प्यार की फुहार बरसे, उस प्यार में हर दिल आपस में मिल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 7 470 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 18 May 2021 · 2 min read तुम पावस में घर आ जाना जाते हो परदेस पिया, तुम पावस में घर आ जाना प्रेम से भीगी वर्षा ऋतु को, साजन भूल ना जाना तुम पावस में घर आ जाना बिजली कड़के बादल गरजे,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 6 13 371 Share Previous Page 2 Next