Comments (8)
3 Jun 2021 07:54 AM
सुंदर अभिव्यक्ति ??सुंदर रचना, प्रणाम ??
22 May 2021 04:46 PM
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना
20 May 2021 03:55 PM
बढ़िया रचना
17 May 2021 03:16 PM
सुंदर रचना
Phoolchandra Rajak
Author
7 Oct 2021 06:37 AM
बहुत बहुत आभार आपका जी
17 May 2021 10:12 AM
बहुत ही शानदार आदरणीय जी आपकी रचना
16 May 2021 09:55 PM
वर्षा ऋतु के बिना ना तो हरियाली है ना ही पीने को पानी,ना ही बहने को नदी नाले, और ना ही किसानों की फसलों को जीवनी शक्ति! यह ऋतु गरम भी है और ठंडक भरी भी,पल में तोला पल में माशा! जीवन जीने की आशा! सादर अभिवादन रजक साहेब।
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.