Comments (4)
3 Jun 2021 07:50 AM
सुंदर अभिव्यक्ति ??सुंदर रचना, प्रणाम ??
25 May 2021 01:53 PM
मां ही है जो धरती पर मुझे लाई है।
ममता उर में मां के ही समाई है।
भूलने वाले भूल गए होंगे मां को,
मां ने बेटे_ बेटियों के लिए सदा लोरियां गाई है।।
सुंदर सृजन आदरणीय???
Bhupendra Rawat
Author
25 May 2021 02:04 PM
तह दिल आभार सर आपका
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.