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19 May 2021 · 1 min read

बरसात

कहाँ से होगी अब पहले जैसी घनघोर बरसात ।
शहरों में तो हमने सीमेंट के जंगल बसा लिए ।

कहाँ से पूर्ति होगी हमारे शहरों में शुद्ध पानी की ।
बहती नदियों में तो हमने अपशिष्ट बहा दिए ।

अब बरसात में कहां से लाओगे पहले जैसे
वो कागज की कश्ती का खेल, दोस्तो संग कीचड़ में रेलम – रेल, ।
क्योंकि हमे अब बरसाती पानी में कीटाणु दिखने लगे ।

बहुत कुछ खो दिया है हमने, कुछ पाने की होड़ में ।
वो बाहर पानी मे अलमस्त नहाना और यारो संग छिया छतोड़ी का खेल ।।

पहले की बरसात और अब की बरसात में कुछ तो बात है ।
वक्त वक्त की बात है तब कैसी और अब कैसी बरसात है ।।

7 Likes · 11 Comments · 676 Views
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