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30 Jul 2023 · 1 min read

दोस्ती के नाम

दोस्त मिलते ही नहीं हैं
आजकल उस मोड़ पर
रास्ते सब ठीक हैं
कुछ भी मैं भुला नहीं
इमारते हैं सब वहीं
आवाज कोई आती नही

पीठ पे थप्पी नहीं
कोई मिलता क्यूं नहीं
आजकल उस मोड़ पर
चाय की वो चुस्कियां
अखबार की बारीकियां
कह कहे कुछ अनसुने
खाब थे कितने बुने
खो गए जाने कहाँ
मिलते नहीं हैं
आजकल उस उस मोड़ पर

उधार की कुछ चाएँ पड़ी है
शर्त लगाकर जीती जो हैं
पर लौट के क्यूं आएंगे
आजकल उस मोड़ पर
भीड़ बहुत हो गयी
ट्रैफिक का शोर है
चरहे बदरंग हो गए
लोग भी सब खो गए
अब यहां मिलते नहीं हैं
आजकल उस मोड़ पर

कह के गए थे कि
बात अब कल करेंगे
बात जो बाकी रही
बरसों तलाशता रहा
उस जगह उन के निशां
सब गुम हो गए है बियाबां
इसलिए मिलते नहीं हैं
आजकल उस मोड़ पर

1 Like · 461 Views
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