Paras Nath Jha 243 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Paras Nath Jha 15 Apr 2025 · 1 min read चिंता चिंता ----------------------------------------- अभी चिंता का बाजार भाव ऊंचा है कोई चुटकी भर तो कोई मन भर चिंता को अपने साथ साथ लिए होठों पर खोखली मुस्कान के साथ केवल सामने... Quote Writer 30 Share Paras Nath Jha 24 Jan 2025 · 1 min read अब बेटियां भी हर दिशा में अब बेटियां भी हर दिशा में अपना परचम लहराने लगी है मां भी अपनी बेटियों के भाग्य पर अब खूब ही इतराने लगी है पारस नाथ झा Quote Writer 49 Share Paras Nath Jha 24 Jan 2025 · 1 min read जिस घर में बेटी का जन्म होता है जिस घर में बेटी का जन्म होता है उस घर का संस्कार बदल जाता है समय को जैसे भी चलना हो चले घर का पूरा भाग्य बदल जाता है पारस... Quote Writer 106 Share Paras Nath Jha 23 Jan 2025 · 1 min read हो कर्मवीर तुम सच में अगर हो कर्मवीर तुम सच में अगर तब सब खड़ा मिलेगा साथ भाग्य रेखा को भी बदल दे दृढ़ संकल्प और मजबूत हाथ पारस नाथ झा Quote Writer 1 37 Share Paras Nath Jha 22 Jan 2025 · 1 min read कितना भी कर लो जतन कितना भी कर लो जतन तुम चाहे कर लो लाख उपाय भाग्य में लिखे अक्षर को न सके कोई कभी मिटाय पारस नाथ झा Quote Writer 47 Share Paras Nath Jha 21 Jan 2025 · 1 min read जब तक मचा रहता है अन्दर में कशमकश जब तक मचा रहता है अन्दर में कशमकश तो मन को फिर कुछ भी भा नहीं सकता वैसे भी जिंदगी से दो-चार हाथ किए बिना डर कर कोई कहीं भी... Quote Writer 74 Share Paras Nath Jha 20 Jan 2025 · 1 min read जिंदगी से सामना जिंदगी जब कभी किसी मरघट की तरह एकदम बंजर और वीरान लगने लगती है आस पास के लोगों को देख सुसुप्त मन में फिर से एकबार नई आस जगने लगती... Hindi · कविता 1 91 Share Paras Nath Jha 19 Jan 2025 · 1 min read निर्वंश का दाग दिल से अब निकल रही है आह केवल संतान की मन में है चाह दवा दारू भी न जब आया काम तब पत्नी संग घुम आया चारों धाम देखा जब... Hindi · कविता 40 Share Paras Nath Jha 19 Jan 2025 · 1 min read अखण्ड प्रेम की आस जब कभी याद तुम्हारी आती है तब नाम भी लेता हूॅं डर डर कर फिर भी अब तक अपने दिल को रखा है मैंने उम्मीदों से भर कर सबसे छुप-छुपकर... Hindi · कविता 48 Share Paras Nath Jha 18 Jan 2025 · 1 min read मुझ पर तरस खाकर जिंदगी अब मुझ पर तरस खाकर जिंदगी अब मुझसे कुछ और करवाने पर अड़ी है उसके इसी चक्रव्यूह में पड़ कर तो मेरी सांसे अब भी अटकी पड़ी है पारस नाथ झा Quote Writer 80 Share Paras Nath Jha 11 Jan 2025 · 1 min read जब भी मिले चुनौती पथ में जब भी मिले चुनौती पथ में उसे जी भर कर तुम ललकारो गुमसुम चिंता में बैठ कर केवल कभी भी हिम्मत ना तुम हारो पारस नाथ झा Quote Writer 1 46 Share Paras Nath Jha 11 Jan 2025 · 1 min read शब्द मत चलाओ कभी ऐसा शब्द वाण जो सीने को भी छलनी कर जाये लाख जतन करने के बाद भी मन नहीं कभी पीड़ा से उबर पाये बातें कह लो तुम... Hindi · Poem · कविता 1 102 Share Paras Nath Jha 10 Jan 2025 · 1 min read जब तक मचा हो अन्दर कशमकश जब तक मचा हो अन्दर कशमकश कोई तो कुछ कह भी नहीं सकता जिंदगी से दो-चार हाथ किए बिना ऐसे कोई कहीं जा भी नहीं सकता पारस नाथ झा Quote Writer 42 Share Paras Nath Jha 10 Jan 2025 · 1 min read विश्व हिन्दी दिवस विश्व हिन्दी दिवस (10 जनवरी) की हार्दिक शुभकामनाएं। हिन्दी एक ऐसी भाषा है,जो विभिन्न संस्कृतियों,देशों और लोगों के बीच सामूहिकता और गौरव का संदेश फैलाती है। हिन्दी सम्पूर्ण दुनिया में... 44 Share Paras Nath Jha 18 Dec 2024 · 1 min read जब भी मिले चुनौती पथ में जब भी मिले चुनौती पथ में उसे जी भर कर तुम ललकारो गुमसुम चिंता में बैठ कर केवल कभी भी हिम्मत तुम ना हारो पारस नाथ झा Quote Writer 103 Share Paras Nath Jha 2 Nov 2024 · 1 min read जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान और पग पग पर बैठा हो चोर तब क्यों नहीं मचेगा वहां पर शोर यहां चारों ओर है भ्रष्टाचार का जोर पारस नाथ... Quote Writer 324 Share Paras Nath Jha 2 Nov 2024 · 1 min read नशा के मकड़जाल में फंस कर अब नशा के मकड़जाल में फंस कर अब छोटे बच्चे भी दिखलाने लगे हैं दम खुशियां उसने अभी देखी भी नहीं है पर रोज नशा कर भूलाने लगे हैं गम पारस... Quote Writer 140 Share Paras Nath Jha 31 Oct 2024 · 1 min read दिवाली फिर है आई दिवाली फिर है आई °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° साफ सफाई कर लो घर की अपनी दिवाली फिर है आई बूढ़े बच्चे सभी के चेहरे पर खुशियाॅं ही खुशियाॅं है छाई दीपों की सुन्दर... Quote Writer 164 Share Paras Nath Jha 16 Jul 2024 · 1 min read स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है,पर चरित्र अगर भ्रष्ट हो जाय,तो उसे सुधारना अत्यंत कठिन है। पारस नाथ झा Quote Writer 384 Share Paras Nath Jha 30 Jun 2024 · 1 min read जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लगे,तो हो सकता है कि आपका कदम तरक्की की ओर अग्रसर हो। पारस नाथ झा Quote Writer 478 Share Paras Nath Jha 28 Jun 2024 · 1 min read कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक् कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्ष प्रकट करने से बचना चाहिए अन्यथा वही सब भविष्य में ताना के रूप में सुनने के लिए... Quote Writer 362 Share Paras Nath Jha 26 Jun 2024 · 1 min read आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी दिशा क्या होगी। पारस नाथ झा Quote Writer 2 154 Share Paras Nath Jha 21 Jun 2024 · 1 min read अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन् अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्हें व्यर्थ में टोक कर हतोत्साहित नहीं करें,जो कार्य करने का प्रयास कर रहा है। पारस नाथ... Quote Writer 178 Share Paras Nath Jha 18 Jun 2024 · 1 min read खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर्मों के परिणाम के रुप में प्रकट होती है। पारस नाथ झा Quote Writer 238 Share Paras Nath Jha 17 Jun 2024 · 1 min read अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप कर सकते हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि आपने कार्य करने का आधा बाधा पार... Quote Writer 243 Share Paras Nath Jha 11 Jun 2024 · 1 min read आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उसके वश में है और अगर आत्मविश्वास ही ना हो,तो सड़क पार करना भी मुश्किल ही है। पारस नाथ... Quote Writer 251 Share Paras Nath Jha 10 Jun 2024 · 1 min read जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम हो,तो निस्संदेह कार्य का परिणाम उत्कृष्ट ही होगा। पारस नाथ झा Quote Writer 1 1 236 Share Paras Nath Jha 8 Jun 2024 · 1 min read आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है। आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है। पारस नाथ झा Quote Writer 223 Share Paras Nath Jha 27 May 2024 · 1 min read विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक् विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्तियों के साथ ही हो,तो शायद अधिक अच्छा होता है। पारस नाथ झा Quote Writer 179 Share Paras Nath Jha 18 May 2024 · 3 min read संस्मरण #पिछले पन्ने (11) 1980 का दशक#खासकर टीन एजर्स छात्रों के लिए यह उम्र का वह दौर था,जब किसी बाल मन में निर्माण और विध्वंश दोनों तरह के विचारों का उदय एक साथ होता... Hindi · संस्मरण 163 Share Paras Nath Jha 6 May 2024 · 1 min read . काला काला बादल जब कभी भी वो काला काला बादल नीले नीले से सुन्दर आकाश में मंडराता है सूरज चाॅंद और तारों की चमक को भी क्षण भर में ही वो अपना ग्रास... Hindi · कविता 1 249 Share Paras Nath Jha 4 May 2024 · 1 min read इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित परिस्थिति को अनुकूल बनाना है अपने हाथ साथ ही कठोर संकल्प धैर्य का हो संतुलन तो जीवन के हर मोड़ पर... Quote Writer 184 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर साहस से सामना करना सिखता है आने वाले दिनों में फिर वही दुनिया में अपनी सफलता की कहानी लिखता है पारस नाथ... Quote Writer 250 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read औचक निरीक्षण स्कूल के गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी नींद... Hindi · कविता 110 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 1 min read ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है, बल्कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार इसे सफल बनाने का नाम है। पारस नाथ झा Quote Writer 217 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read लंका दहन देखते ही ये बात सम्पूर्ण द्रुत गति से फैल गई सैनिकों ने एक बन्दर को पकड़ कर लाया है उस बन्दर का एक झलक पाने के लिए असुर बहुत संख्या... Hindi · कविता 144 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read दुर्योधन की पीड़ा किस काल खण्ड में और किस व्योम तले किन किन गोदों में बचपन से पला बढ़ा था विधाता ने भी अपने हाथों से किस घड़ी में मेरे भाग्य में ही... Hindi · कविता 146 Share Paras Nath Jha 21 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने 10 यह वह समय था जब टीवी पर प्रसारित किये जा रहे रामानंद सागर और बी आर चोपड़ा निर्देशित धारावाहिक रामायण और महाभारत ने लोगों की जीवन शैली को अच्छी तरह... Hindi · संस्मरण 165 Share Paras Nath Jha 21 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 9 मैट्रिक पास करने के बाद भागलपुर शहर के एक कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मैं कॉलेज से सटे बगल वाले मुहल्ले के ही एक लॉज में कमरा लेकर... Hindi · संस्मरण 390 Share Paras Nath Jha 20 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 8 छुट्टी में या किसी विशेष अवसर पर हाॅस्टल से जब घर आते तो घर में पढ़ाई कम ही होती थी। हॉस्टल में रहने के कारण घर के लोग भी पढ़ने... Hindi · संस्मरण 175 Share Paras Nath Jha 19 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 7 मिडिल स्कूल पास करने के बाद बगल के गाॅंव के हाई स्कूल में मेरा दाखिला करवा दिया गया था। वहाॅं हॉस्टल में रहना था। पहली बार घर से बाहर निकले... Hindi · संस्मरण 216 Share Paras Nath Jha 19 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 6 उस समय गाॅंव में किसी के दरवाजे पर ट्रैक्टर होना बहुत बड़ी बात थी। जिसके दरवाजे पर मवेशियों के साथ ट्रैक्टर भी खड़ा रहता था, उनकी गिनती गाॅंव के रसूखदार... Hindi · संस्मरण 204 Share Paras Nath Jha 18 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 5 साल में एक बार माघी मेला लगता था। इस मेले में सिनेमा, नौटंकी,सर्कस,लैला मजनू बीड़ी कम्पनी एवं यमपुरी नाटक तथा तरह-तरह का खेल और झूला आता था। मेला के समय... Hindi · संस्मरण 292 Share Paras Nath Jha 17 Apr 2024 · 1 min read राम नाम की जय हो आज त्रेता युग का भान हो रहा है सर्वत्र श्री राम का गुणगान हो रहा है राममय हो गया है अब यह तन मेरा केवल राम-राम ही है अब मन... Hindi · कविता 238 Share Paras Nath Jha 16 Apr 2024 · 1 min read पिछले पन्ने 4 सुबह और शाम में परिवार के सभी बच्चों को नियमित रूप से दरवाजे पर मास्टर साहब पढ़ाते थे। शाम में छह बजे से रात नौ बजे तक हमारी पढ़ाई लिखाई... Hindi · संस्मरण 176 Share Paras Nath Jha 15 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 3 गाॅंव का स्कूल घर से पैदल पाॅंच मिनट की दूरी पर था। वैसे तो स्कूल का समय सुबह दस बजे से चार बजे तक था, पर गर्मियों के दिनों में... Hindi · संस्मरण 276 Share Paras Nath Jha 14 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने भाग 2 गलती की सजा मिलने के अगले दिन ही इन बातों को भूल फिर कुछ ना कुछ ऐसा कर देते, जिससे स्कूल में शिक्षक द्वारा मार पड़नी तय रहती थी। एक... Hindi · संस्मरण 251 Share Paras Nath Jha 10 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने भाग 1 एक बार हमारे स्कूल से सटे ठीक बगल गाॅंव में जिला से परिवार नियोजन का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का एक दल आया। जहाॅं प्रोजेक्टर के द्वारा पर्दे... Hindi · संस्मरण 179 Share Paras Nath Jha 9 Apr 2024 · 1 min read जहर ना इतना घोलिए जहर ना इतना घोलिए कि पीते ही प्राण गंवाए मिसरी क्यों ना परोसिये खाने को प्राण कहां से लाए पारस नाथ झा Quote Writer 1 288 Share Paras Nath Jha 2 Apr 2024 · 1 min read वैर भाव नहीं रखिये कभी वैर भाव नहीं रखिये कभी कहीं गांठ नहीं पड़ जाए फटे दूध मथने पर भी कभी मक्खन नहीं निकल पाए पारस नाथ झा Quote Writer 266 Share Page 1 Next