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22 Jan 2025 · 1 min read

कितना भी कर लो जतन

कितना भी कर लो जतन
तुम चाहे कर लो लाख उपाय
भाग्य में लिखे अक्षर को
न सके कोई कभी मिटाय

पारस नाथ झा

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