उमा झा 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next उमा झा 10 Mar 2022 · 1 min read अमृताक्षर--- नीरम् मथनेन लक्ष्मी क्षीर मथनेन घृतम्। मेघ:मथनेन आप:विद्यायै मथेन्द्रियम् ।। ३।। गुरूर्ज्ञानम् गगनसदृशं धारेण धरायारपि गुरू:। चेत चेतना शून्य भूवि: इदम् ज्ञानम् वायुसदृशं ।। ४ ।। उमा झा Sanskrit · श्लोक 1 249 Share उमा झा 4 Mar 2022 · 1 min read अमृताक्षर पिक:कूजति यदा भूमौ बसंतोत्तेजित करोति लोक: । काकस्वरेण पथिकागत्य तृप्यन्ति जना:। तथापि पिककाकयो:अति प्रिय: पिक:।। 1।। शुकन: स्वाम्या: अनुगामि न वहन्ति कदापि ते । विस्मृत्येव कष्टभारं वहति स्वाम्योऽपि खर: ।... Sanskrit · श्लोक 1 271 Share उमा झा 19 Feb 2022 · 1 min read हे जननी पावक दिय नै बांधि (भगवती गीत) हे जननी पावक दिय नै बांधि गंगा सन, निर्मल धार, से हो नै बुझाएत आगि, जननी से हो नै बुझाएत आगि, हे जननी पावक दिय नै बांधि।१ हम नर पापी,... Maithili · कविता 3 2 475 Share उमा झा 13 Feb 2022 · 2 min read सुन री तितली *तु मन की अति प्यारी, चंचल हृदय आंखों वाली, चल आज कर हंसी-ठिठोली, सुन री तितली। देख जग में आया नया बसंत, लेकर सृष्टि की खुशियाँ अनंत । छुलूॅं जब... Hindi · कविता 3 2 221 Share उमा झा 2 Feb 2022 · 1 min read माँ के मंदिर माँ के मंदिर भीड़ लगल छै, आरती लै माँ तैयार छै । कियो माँ के चरण पखारै, कियो करै श्रृंगार छै माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ... Maithili · कविता 4 2 485 Share उमा झा 9 Aug 2021 · 1 min read ॐ शिवाराधना ॐ भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना, भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना। सबके त देलियै कते सुन्दर ललाट, हमरे धिया लै कियै भेलियै यौ काठ। यौ कतैक दिन... Hindi · गीत 8 6 377 Share उमा झा 27 Jul 2021 · 11 min read अनपढ वायरस आज जब हम अपने आपको एक और समृद्धि, बुद्धिमान, शिक्षित, तथा स्वर्णिम युग के होने का गौरव धारण करने के लिए उद्विग्न है तो वहीं दूसरी ओर निरक्षरता समाज को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 12 791 Share उमा झा 28 May 2021 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 558 Share उमा झा 20 Apr 2021 · 11 min read *विचित्र* समय समय पर एक अफवाह उड़ाए जाते हैं और लोगों को मूर्ख बनाए जा रहे हैं ।कौन ऐसा रोग फिर आया है जो एक-दूसरे के सटने मात्र से हो जाता... Hindi · कहानी 5 14 721 Share उमा झा 9 Nov 2020 · 1 min read क्रांति की ज्वाला रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे, महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे, है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला, है वीर धरा का... Hindi · कविता 8 9 709 Share उमा झा 17 Oct 2020 · 1 min read कोकिल गान सन रण -वन लगैयै किछ शोर, नाचै पंख पसारने मोर, बाजै माँ के नूपुर, कोकिल गाने सन । खन-खन खन-खन चूड़ी खनकै, कुंडल कंठा हार, शिखर हिमालय, भूषित लागै, माँ के... Hindi · गीत 10 4 394 Share उमा झा 17 Oct 2020 · 1 min read ऊँचे शिखर की काली माता ऊँचे शिखर की काली माता, दश दिन के लिए बन गई दुर्गा । दुर्गा माँ का नव-नव रूप, नोवों रुप अनोखा, कभी बनी माँ, शैल कुमारी, कभी बन गई सबकी... Hindi · कविता 9 7 494 Share उमा झा 12 Oct 2020 · 1 min read ढूँढे कहाँ जा अपनी पहचान हम ने सुना है इस दुनिया में, है मात-पिता का ऊँचा स्थान । पुत्र-पुत्री नेत्र हैं इनके,काटूँ किसको, दोनों ही इनके संतान । जब अपना सगा दिखे न कोई, आँचल... Hindi · कविता 9 12 365 Share उमा झा 27 Sep 2020 · 1 min read आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा, करो... Hindi · कविता 12 6 608 Share उमा झा 14 Sep 2020 · 1 min read आवाह्न स्व की! !!! हिन्दी दिवस का मचा है शोर, पढते- पढते हो गया संध्या से भोर, सच बता हे मनुज! क्या छलका नैना से नोर, क्या हुआ कभी, हृदय में कंपन होड़, तो... Hindi · कविता 14 18 501 Share उमा झा 13 Sep 2020 · 2 min read गुड्डी की व्यथा हम थे सखी अदृश्य पवन के, हम गुड्डी थे निर्बंध गगन के। कौन अबोध बालक ने हमको, गगन समीर दिखाया । उसके दुर्बल कर से कट कर, मेरा तन उस... Hindi · कविता 12 14 328 Share उमा झा 8 Sep 2020 · 1 min read सुन मानव !! हे मानव नीरस पथ पर क्यों भटक रहा, तेरी जीवनधारा कंकड़ पत्थर से क्यों अटक रहा, तू जिस जीवन को अपना माना है, बता तू उस पथ को कितना जाना... Hindi · कविता 14 18 441 Share उमा झा 6 Sep 2020 · 4 min read बहरा खानदान - (भाग-2) अभी तक आपने पढ़ा -- किसी गांव में एक अठ्निया नामक किसान रहता था ।उसके चार बेटे ----------धन्नो के कारण अठ्निया और उसकी पत्नी में तु-तु, मैं-मैं हो जाता है... Hindi · कहानी 16 10 336 Share उमा झा 5 Sep 2020 · 1 min read गुरु वंदन वंदन करूँ गुरु श्रेष्ठ, प्रकृति हे तुम्हारी । तू आकर से सहित हो, आकर से रहित हो, हर रूप में उदित हो, हर कांति में निहित हो, बन कर विशाल... Hindi · कविता 19 14 573 Share उमा झा 31 Aug 2020 · 4 min read बहरा खानदान -(भाग 1) किसी गांव में एक अठ्निया नामक किसान रहता था ।उसके चार बेटे थे । फ्फरा,मचान ,टेटरा और हरखू ।फ्फरा अपने पिता के साथ खेतीबाड़ी करता था , मचान किराना दुकान... Hindi · कहानी 17 10 618 Share उमा झा 29 Aug 2020 · 1 min read उपहार सुनो! शिष्य करते सम्मान यदि, मत दे वह उपहार कभी, जो उपज हुआ मन का मैला, गुरु शिष्य एक ही, दक्ष धरा के, एक पथ, एक दिशा के, एक लक्ष्य,... Hindi · कविता 14 6 511 Share उमा झा 21 Aug 2020 · 1 min read जन्मदिन की मंगलकामना आज मेरी सुपुत्री का जन्म दिन है , इसलिए हृदय से उद्गमित एक छोटी-सी प्रस्तुति ÷- तेरा जीवन हो सफल, यशगान करे सम्पूर्ण अचल, तू स्वस्थ्य रहे, दीर्घायु रहे, काया... Hindi · कविता 16 13 460 Share उमा झा 20 Aug 2020 · 1 min read काली स्तुति द्वारे अबला छी हम ठार, खोलु माँ हे ! बज्र किबाड़ । संकट में माँ, देव अराधल, एलौं अष्ट भुजाधारि, शुंभ-निशुंभ अहाँ मारलौं, केलों मधुकैटभ संहार, द्वारे अबला छी हम... Hindi · गीत 14 8 324 Share उमा झा 18 Aug 2020 · 1 min read विनती विनती करूँ हे जननी, तेरी शरण में आ कर। तेरी शरण में आई, थोड़ी भी न भिक्षा पाई, विनती करूँ हे माता, माँ बन न तू कुमाता, माँ बन न... Hindi · गीत 15 14 358 Share उमा झा 13 Aug 2020 · 1 min read जन्म दिन की बधाई आज बड़ी ही शुभ दिन आई, वरष एक दिन के बाद तेरी जन्म दिन आई। मिले तुझे सबसे खुब बधाई, हमसब को मिले भरपेट मीठाई। "विप्रम् मधुरं रोच्यते"'कहा संत बुझाई,... Hindi · कविता 13 14 587 Share उमा झा 10 Aug 2020 · 1 min read दूर करो माँ सघन अंधेरा दूर करो माँ सघन अंधेरा, जाने आया किस काल द्वार से, महाप्रलय, अट्टहास- अहंकार से, विध्वंस नृत्य किया घनघोर, क्रंदन, विलाप करता नित फेरा, दूर करो माँ सघन अंधेरा ।... Hindi · कविता 16 12 309 Share उमा झा 2 Aug 2020 · 1 min read टिप्पणी टिप्पणी करना गए हम भूल , दिखा जब भावों का शूल । हमने तो परिहास किया, सम्मुख जन को व्यंग्य शब्द कुछ खास लगा । चले फिर शब्दों के सहस्र... Hindi · कविता 12 18 351 Share उमा झा 26 Jul 2020 · 1 min read शिशु और चंद्रमा एक नन्हा शिशु सोया था, माँ के आँचल में खोया था । स्व चेतना में भरकर उमंग, खेल रहा था नव उदित चंद्रमा के संग । अनायास पड़ोसन द्वार लगाई,... Hindi · कविता 15 16 394 Share उमा झा 22 Jul 2020 · 2 min read जातक कथा शिव की थी मैं अति प्यारी, नाम हमारा उमा कुमारी । सुनाऊँ मैं अपनी जातक कथा, मत कहना है मनगढा । धरती की एक तपस्विनी नारी, शिव से बेटी याचना... Hindi · कविता 15 16 600 Share उमा झा 6 Jul 2020 · 1 min read सत्युक्ति जहाँ ज्ञान वहाँ गुरू है, जहाँ धुंध वहाँ आग, जहाँ जीवन वहाँ नीर है, जहाँ जीव वहाँ मात, भले दिखाई पड़े नहीं, किन्तु सत्य सौगात - - - -क्रमशः *उमा... Hindi · कविता 18 10 489 Share उमा झा 5 Jul 2020 · 1 min read भारत वंदना अखण्ड भारत, सुर-सर तारक, कण-कण शायद धारक, जग करे अर्चना, अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठिलत करु कोना माँ अराधना । सप्तसिंधुनी, जंबूद्विपिनी, विश्व वंदनी, धनधना, अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित... Hindi · गीत 16 10 796 Share उमा झा 28 Jun 2020 · 1 min read शौर्य उद्घोष चेत धरा के रिपु समस्त! यह हिन्दुस्तान नहीं, जम्बूद्वीप का अभियान है । हम सत्य अहिंसा के परिचायक, शान्ति धरम के हम हैं नायक, एक और सुन, शौर्य पराक्रम भी... Hindi · कविता 16 12 622 Share उमा झा 23 Jun 2020 · 2 min read फूल सी बच्ची थी वह एक फूल सी बच्ची, मृदुल कोमल भाव की सच्ची । पिता से पाया था बस देह, मिला नहीं कभी मन का नेह । बेटी बनना उसके लिए था... Hindi · कविता 16 12 561 Share उमा झा 18 Jun 2020 · 1 min read पराक्रम वह भुजबल ही क्या, भुजबल है, बंदी पर कहर प्रहार करे। वह साहस ही क्या साहस है मूर्छित का गर्दन काट चले । भुजबल की चाह अगर है तो, बंदी... Hindi · कविता 17 19 578 Share उमा झा 13 Jun 2020 · 1 min read चल हवा तू चैलते चल चल ,हवा तू चैलते चल, चल,हवा तू चैलते चल, निर्भीक चित सौं जतौऽ जइहैं, गाछ- पात सौं नेह लगविहैं, हम छी गुड्डी, संगे- साथ, डऽरै के छै किछ नै बात... Hindi · गीत 18 10 642 Share उमा झा 11 Jun 2020 · 3 min read स्वर संधि व्याख्यान दो स्वर वर्णों की होती जब युगलबंदी, तब ही दिखती स्वर संधि । नवम, नागेन्द्र, बसुधैव, हिमालय, हैं कितने किसलय स्वर संधि के आलय । स्वर संधि के पांच भेद,... Hindi · कविता 17 13 1k Share उमा झा 4 Jun 2020 · 1 min read कविता होगा कब मेरे जीवन का भोर, कब फैलेगी सुख-शांति युक्त इंजोर। थी जो अपनी छाया,प्रतिक्षण रहती साथ, चली वह भी ,देख अंधियारी में छोड़ । उपकार किया था, जिस विषधर... Hindi · कविता 16 6 402 Share उमा झा 30 May 2020 · 1 min read जाग जाग हे-- - - जाग जाग हे परशुराम, छोड़ो अब चिर ध्यान । बिन तेरे त्रासद है जनता, पिंजर बंध पड़ा निर्बोध विहंगा, तरप रहा जल रहित भांति मीन, क्रंदन, विवश, निरार्थ निर्स्वामी दीन,... Hindi · कविता 13 4 311 Share उमा झा 29 May 2020 · 1 min read तू ज्वाला की तिल्ली हो तू ज्वाला की तिल्ली हो, चाहो तो जीवन भस्म करो , या जन- जन में ज्योति का संचार करो, विपदा आए राह अगर, ग्रास करो बन कर मगर, तू विपत... Hindi · कविता 12 4 348 Share उमा झा 20 May 2020 · 4 min read रिसेप्शन कल दीपक भैया की शादी हुई थी ।अगले दिन रिसेप्शन होने वाला था ।दीपक भैया हमारे मंझले भाईजी के पक्के मित्र थे ।जिस कारण उनका हमारे घर आना जाना होता... Hindi · कहानी 13 4 630 Share उमा झा 19 May 2020 · 1 min read कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा, हे मनुज तु सोच जरा, जो नर भाग्यशाली होते हैं, सुख शांति का सोमरस पीते हैं, जग के सदा करणीय वो ही होते, उनका कथन... Hindi · कविता 13 4 455 Share उमा झा 18 May 2020 · 1 min read चिड़िया रानी दूर गगन की चिड़िया रानी, आकर पीलो थोड़ा पानी । दाना चुगते लगेगी प्यास, कहाँ भटकेगी दूर आकाश, बिन पानी क्या जीवन का आस, तन मन तेरा होगा हताश, है... Hindi · कविता 14 8 442 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read मेरी लेखनी कहती मुझसे मेरी लेखनी कहती है मुझसे, शब्द लिखो फिर सूझबूझ से , लिखे शब्द में होती इतनी क्रांति, छिन्न-भिन्न हो जाती दिशा भ्रांति , माना कि तु धनवान नहीं, है पद... Hindi · कविता 10 3 317 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read पराधीन सत्य कहा है तुलसीदास, पराधीन होने से उत्तम है वनवास । अधीनस्थ रहने वाले ही होते दोषी, स्नेह, सहानुभूति कहाँ कहलाते परपोषी। होता सदा उनका जीवन धरती का भार, ढोता... Hindi · कविता 10 2 354 Share उमा झा 16 May 2020 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Hindi · कविता 16 8 287 Share उमा झा 13 May 2020 · 1 min read तुम्हारा ही पुकार है अखण्ड दीप ज्योत्सना, प्रकाश दिव्यमान है, धरा में अंधकार है, तुम्हारा ही पुकार है तुम्हारा ही पुकार है ,तुम्हारा ही पुकार है । उठो हे देवी सिन्धसुता, उठो हे देवी... Hindi · कविता 14 8 329 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read 30वाॅ राज्य सब मोदी की ही करते जय जयकार, किन्तु मैं दूं धन्यवाद विपक्षी तुम्हार । तुम सब मिलकर ही कीचड़ बनाया, देश के सोए जनता को झकझोर जगाया । उसके निर्मित... Hindi · कविता 11 3 446 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read मजदूर की करुणा हे ईश्वर तेरी माया के आगे, विवश पड़े मजदूर अभागे। थे रहते जब अपने गाँव, गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव। गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी, मरने वालों... Hindi · कविता 15 8 308 Share उमा झा 11 May 2020 · 1 min read माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास, जब तक न मिलता नारी को संतान सुख, घर-परिवार सर्व समाज रहते विमुख। जाने किन किन बातों से करते तीक्ष्ण उपहास , उन नारी... Hindi · कविता 14 4 574 Share उमा झा 10 May 2020 · 1 min read मैं विपदा - - - मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Hindi · कविता 11 2 599 Share Previous Page 3 Next