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Comments (14)

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28 Jul 2021 01:32 PM

बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

8 Aug 2021 09:12 AM

धन्यवाद !

21 Jun 2021 09:27 AM

बहुत उम्दा उमा जी.

9 Jul 2021 09:09 PM

धन्यवाद !

22 Apr 2021 05:17 PM

!!!! सचमुच बहुत ही विचित्र है ।

23 Apr 2021 06:17 PM

धन्यवाद !

21 Apr 2021 09:46 PM

उमा जी, आपकी कहानी पड़कर हृदय द्रवित हो उठा, मै भी निजी संस्था में शिक्षक हूं,पिछले एक वर्ष से लगभग हर निजी संस्थाओं में यही दशा है।
सीमा जी जैसी परिस्थितियां अनेक के साथ है,खाली हाथ है,ओर आंचल जैसी होनहार बेटियों के साथ यह बहुत अन्याय है।
भाई का स्नेह न मिलना और बुरी बात है।
दर्द हम भी कई सहते है,जीना तो पड़ेगा जीते है। हाथ तो हमारे भी रीते है।।
ईश्वर सब की रक्षा करे।

22 Apr 2021 05:11 PM

सादर प्रणाम !
जी ! बड़ा ही त्रासद काल है । अंधकार मिटाने वाले ही अंधकार से ग्रसित है ।
बहुत बहुत धन्यवाद !

21 Apr 2021 07:48 AM

अच्छा है

22 Apr 2021 05:04 PM

प्रणाम ! धन्यवाद

वर्तमान त्रासदी की अत्यंत मार्मिक
भावउद्वेलित प्रस्तुति !
धन्यवाद !

21 Apr 2021 06:26 AM

जय माता दी ! आपको सहृदय प्रणाम ! रामनवमी की ढेर सारी बधाई !
अभी निजी विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन करने वालों के साथ बड़ी ही दयनीय स्थिति बनी हुई है । फिर कोरोना के कारण अभी भी शिक्षण कार्य बंद है पता नहीं भगवान् क्या करने वाले हैं !

कहनी पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यावाद !

जय माता दी आपको सादर प्रणाम, आप बहुत दिनों बाद आए हैं। रचना बहुत अच्छी लगी।

21 Apr 2021 06:17 AM

जय माता दी ! आपको सहृदय प्रणाम ! रामनवमी की ढेर सारी बधाई ! हमारा मोबाइल हमसे 16km की दूरी पर शैक्षणिक कार्य करता रहता है इसलिए हम कुछ लिख नहीं पाते हैं ।

कहानी पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यावाद !!

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