सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया शक्ति छंदाधारित गीत चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया। बड़ा नीक लागे बजरिया पिया। जिलेबी, मिठाई, खिआ दऽ सजन। निरहुआ क पिक्चर दिखा दऽ सजन। नथुनिया गढ़ा दऽ, उधारे भले-... Bhojpuri · गीत 1 1 517 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read रिमझिम शब्द- रिमझिम रिमझिम रिमझिम हो रहल, दोहा के बरसात। दोहालय लहरत हवे, हरिहर आज बुझात।। रिमझिम रिमझिम ए सखी, सावन के बरसात। साजन बिन लागति हवे, नागिन काली रात।२। मौसम... Bhojpuri · दोहा 1 394 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read किताब पढि लऽ लिखल किताब में, नैन हृदय के द्वार। जे अँखिया ना पढि सकल, पोथि पढ़ल बेकार।। जे चाहे आ के पढ़ो, हिरदय खुलल किताब। लिखनी हम महबूब के, हर्फ... Bhojpuri · दोहा 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read दो मुक्तक जबसे दिल पर वार हुआ है। घायल दिल बीमार हुआ है। अश्क छुपाए रहता हरपल- आशिक क्यों लाचार हुआ है। रिमझिम बारिश की बूंदों को, लाया सावन। बच्चे बूढ़े सबके... Hindi · मुक्तक 276 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 739 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 3 min read देशभक्ति मुक्तक **************************** तिरंगा तीन रंग का प्यारा झंडा, भारत की है शान। इस झंडे के खातिर लाखों, वीरों ने दी जान। झुकने कभी न देंगें इसको, जब तक तन में प्राण-... Hindi · मुक्तक 457 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read भोजपुरी देशभक्ति गजल २१२२ २१२२ २१२२ २१२ हो गइल आजाद जब, भारत ब्रिटिश शैतान से। हिंद के जयकार गूंजल, खेत से खरिहान से। जे भइल कुर्बान भारत, भूमि के रक्षा करत। बा नमन,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 519 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 2 min read कुछ मुक्तक विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read चौपाई छंद आधारित मुक्तक विधा-मुक्तक आधार छंद-चउपाई कवनो नाहीं चली बहाना। लागल रहि ई जाना आना। लाख उधापन कऽ लऽ भाई- साथ न जाई माल खजाना। जीवन अउर मरण के खेला। मानव मूरख निपट... Bhojpuri · मुक्तक 482 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read सजन ना आए विधा- गीतिका आधार छन्द-राधिका (22 मात्रा ,मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल अनिवार्य। समान्त-आए,अपदान्त। ******************************************** अब सावन बीता जाय, सजन ना आये। भेजत नाहीं संदेश, हृदय घबड़ाये। कछु भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 420 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read नशा हो गइल मापनी-212 212 212 212 *********************** नैन उनकर शराबी नशा हो गइल। जुल्फ लहरल त करिया घटा हो गइल। नींद नैना लुटल चैन हमरो गइल। आज अँखिया मिलावल सजा हो गइल।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read माँ माँ की ममता का इस जग में, मोल नहीं है भाई। बेटा चाहे जैसा भी हो, माई होती माई। लाज शर्म सब त्याग तुझे वह, इस जग में लाती है।... Hindi · गीत 2 2 482 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read कर्त्तव्य विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 461 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read प्रेम का उपहार हो तुम ============================ आधार छन्द- "माधवमालती" (28 मात्रा, मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगागा समान्त- "आर, पदान्त- "हो तुम"। =============== राम ने मुझको दिया जो, प्रेम का उपहार हो तुम। थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read रंजिश रंजिश मत रखिए कभी, आपस में ऐ मीत। जबतक धड़कन जान है, करते रहिए प्रीत। करते रहिए प्रीत, सदा सुखमय जीवन हो। दूर रहेगा रोग, निरोग सदा तन-मन हो। कहें... Hindi · कुण्डलिया 358 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read ओलंपिक आयोजन था ओलंपिक का, शहर टोक्यो था जापान। हाथ तिरंगा लेकर पहुँचे, शेर हिंद के वीर जवान। कांसा जीता चांदी जीता, उन्नत कर भारत का भाल। गोल्ड न आया ओलंपिक... Hindi · कविता 496 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read ओलंपिक के भइल आयोजन ओलंपिक के भइल आयोजन,शहर टोक्यो देश जपान। देश विदेश क वीर धुरंधर, सबकर उहँवा रहल जुतान। कुश्ती खातिर आंखाड़ा तऽ, सजल रहल हांँकी मैदान। केहू भाला लेके पहुँचल, केहू लेके... Bhojpuri · छंद 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read सबके दिलों में प्यार हो छन्द हरिगीतिका मापनीयुक्त वाचिक मापनी गागालगा गागालगा गागालगा गागालगा ध्रुव शब्द-प्यार हो मुक्तक धड़कन रहे जबतक हृदय में सत्य ही आधार हो। दौलत रहे या ना रहे खुशियों भरा संसार... Hindi · मुक्तक 317 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Aug 2021 · 1 min read शिव के गीत सावन में भोला की नगरी, भींड भइल बा भारी। दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी। तन प गेरूआ बस्तर अरुरी, मन में शम्भू दानी। बम-बम शिव के नारा खाली, मुख... Bhojpuri · गीत 291 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति सोहर देशवा ई सोना के चिरइया त, हीरा उगवइया नू हो। ए ललना दुश्मन विदेसी लुटवइया त, माटी मिलवइया नू हो। तड़पत कुहुकत धरती त, लोरिया बहावसूँ हो, ए ललना कइलस... Bhojpuri · गीत 511 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read सावन के दोहा सावन में हरिहर भइल, सगरो खेत बघार। सखियन के झूला पड़ल, खुश बा गाँव जवार।। सावन मनभावन भइल, हरिहर भइल जहान। झूला बगियन में पड़ल, विखरल कजरी गान।। सावन बिन... Bhojpuri · दोहा 300 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Jul 2021 · 1 min read आँसुओ का नल खुला यूँ छोड़कर विधा-गजल बेखबर होने लगे हो आजकल। चैन से सोने लगे हो आजकल।१ जख्म कुछ गहरा मिला क्या आपको, हर घड़ी रोने लगे हो आजकल।२ हो गई है पुष्प से क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Jul 2021 · 1 min read चलऽ देवघर #शक्ति_छंद नापनी 122 122 122 12 भजऽ नाम भोले क आठो पहर। चलऽ हो चलऽ हो, चलऽ देवघर। सजी काम बिगड़ल बनावत हवें। सुपथ आज सबके दिखावत हवें। उमापति, अनघ,... Bhojpuri · छंद 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 27 Jul 2021 · 1 min read राधिका छंदाधारित चार मुक्तक आधार छंद- राधिका (मापनीमुक्त मात्रिक, 22 मात्रा) विधान- 13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल, गाल-यति-लगा उत्तम, आदि में वाचिक गा अनिवार्य। ---------- देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ... Hindi · मुक्तक 589 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read जय महादेव देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ , अनघ त्रिपुरारी। आदर पाते सर्वत्र, उमापति भोले- बोलो सब जय जयकार , चलो नर-नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया,... Hindi · मुक्तक 208 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read बिरहन साजन सावन का मास, करूंँ मनुहारी। देखो बिरहन है आज, तुम्हारी प्यारी। चूड़ी कंगन बेकार, महावर पायल- आदर सादर बिन हाय, तुम्हारी नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.) ☎️7379598464 Hindi · मुक्तक 1 339 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Jul 2021 · 1 min read तिरंगा मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ क़ाफिया-आन, रदीफ-बा बा कहीं अल्ल्लाह ईश्वर, राम रब भगवान बा। एक ही बाटे तिरंगा, एक हिंदुस्तान बा। भेष-भूषा जाति मजहब, बा अलग बोली मगर। दिल बसल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Jul 2021 · 1 min read भारत रहो विजयी सदा छंद-गीता 2212 2212 2212 221 भारत रहो विजयी सदा दिल में इहे अरमान। फहरे तिरंगा विश्व में दुनिया करे सम्मान। जय हिन्द जय, भारत अजय, दुश्मन करे जयकार। सागर शिखर... Bhojpuri · छंद 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read हाल भइल गंभीर हाल बड़ी बाउर भइल, घाव भइल गंभीर। जबसे कनखी नैन के, लागल हमके तीर।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 381 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read सावन सम नैना भइल सावन सम नैना भइल, बरसत बा दिन-रात। परदेसी साजन सखी, करें न हमसे बात।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 266 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लावणी छंद आधारित मुक्तक सुबह शाम सुतला जगला में, अँखिया में दिलदार रहल। कुछऊ नाहीं नीमन लागे, बस ऊहे संसार रहल। बाबूजी के खबर भइल तऽ, पीठी पर पैना टूटल- फिर भी दिल में... Bhojpuri · मुक्तक 620 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read आँख मेरी हमेशा छलकने लगी गीतिका साँझ बनकर जवानी ये' ढलने लगी। जिंदगी रेत जैसे फिसलने लगी। उम्र के साथ अनुभव बढ़ा हर समय, जिंदगी ठोकरों से सँभलने लगी। लाख दौलत कमा कर बनाया महल,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read मेरा कुछ अधिकार नहीं तुम ही साँसें तुम ही धड़कन, तुम बिन यह संसार नहीं। छोड़ दिया मैं सबकुछ अपना,फिर भी कहते प्यार नहीं। बिंदी चूड़ी कंगन पायल, सिंदुर सर पे तेरा है- इच्छाएँ... Hindi · मुक्तक 1 327 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 401 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read जख्म चुपके से सहल जाई हाल केसे अब कहल जाई। आदमी पल में बदल जाई। नून मुठ्ठी में हवे सबके- जख्म चुपके से सहल जाई। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 261 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लोग बस आपन कहावे के हवे दुख कवन के से सुनावे के हवे। हाल खुद के का बतावे के हवे। वक्त पर ना साथ देला आदमी। लोग बस आपन कहावे के हवे। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 255 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read नून रोटी दाल मँहगा हो गइल #वज़्न - 2122. 2122 2122 212 #अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन #बह्र - बह्र: बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़ #काफ़िया - ई स्वर #रदीफ़ - गैर मुरद्दफ़ (#क़ाफ़िया_ही_रदीफ़ है) ■■■■■■■■■■■■... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 352 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Jul 2021 · 1 min read अर्पित सीस हमार गांधी भगत सुभाष के, नमन करीं सौ बार। मातृभूमि खातिर रही, अर्पित सीस हमार।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 240 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read नेह वासना लिपटी हुई है नेह में। ढूंढते हो क्या न जाने देह में। है वचन झूठा तुम्हारे प्रेम का- मर रही मैं आँसुओं के गेह में। 'सूर्य' (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Hindi · मुक्तक 1 515 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 1 592 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि माई हई, रखिहऽ हरपल ध्यान। माई की सम्मान में, जान करऽ कुर्बान।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 283 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Jul 2021 · 1 min read वाह जी अब क्या कहने कहने को सब ने कहा, समझ न पाए लोग। आज भयानक हो गया, जनसंख्या का रोग। जनसंख्या का रोग, मिटाना अब है भारी। साधन रिक्त समाज, आज की है बीमारी।... Hindi · कुण्डलिया 263 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read अभी उतना नहीं लिखता हृदय में दर्द है जितना अभी उतना नहीं लिखता। बनावट के वुसुलों पर कोई रिश्ता नहीं टिकता। दिखावे के लिए सब लोग कहते हैं तुम्हरा हूंँ। मुसीबत में यहाँ कोई,... Hindi · मुक्तक 370 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read मास्क मत छोड़ो रहे दो गज भले दूरी मगर मुखड़ा नहीं मोड़ो। रहो घर में ही अपने और कोविड चेन को तोड़ो। सुनो यह रोग भारी है इसे हल्के में मत लेना। अगर... Hindi · मुक्तक 1 252 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read चलो अब गाँव चलते हैं जहाँ सबके दिलों में प्रेम के हीं दीप जलते हैं। मटर सरसो के फूलों पर जहाँ भँवरे मचलते हैं। यहाँ की मखमली बिस्तर से सुंदर गाँव की माटी। शहर में... Hindi · मुक्तक 1 530 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read सोहर आजु हमरे बेटी के छठियार के अवसर पर हमार लिखल सोहर------ अँगना में बेइली फूलइली, चमेली फफनइली नू हो। ऐ बबुनी---- महके ला घरवा दुअरवा, अँगन उठे सोहर हो। सगरो... Bhojpuri · गीत 430 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बताईं रूप ई सुंदर खुदा कइसे सँवारे नी कबो बिंदी कबो काजल, कबो नैना निहारे नी। कबो लाली कबो बाली, निरखि जिनगी गुजारे नी। बड़ी मासूम बा मुखड़ा, नजर तनिको हटट नइखे- बताईं रूप सुंदर ई, खुदा कइसे... Bhojpuri · मुक्तक 1 1 415 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरूरी १२२२ १२२२ १२२ बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरुरी। बचा लऽ ई विरासत बा जरूरी। शजर जड़ से जुदा हो के रही ना, समझ लऽ आज निस्बत बा जरूरी। (निसबत-लगाव) पिता... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बरखा पर के घाम लागल बाटे रोपनी, जरे देह के चाम। अन्न क दाता हऽ कृषक,कइसे करी अराम। माथे बीज कुदार धर, चलल खेत की ओर- लागे ला मरिचा नियन, बरखा पर के घाम।... Bhojpuri · मुक्तक 614 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read प्रभु से कर लीं प्रीत कर लीं प्रभु के वंदना, सुबह-सुबेरे मीत। हृदय बसा लीं राम के, गायीं उनकर गीत। जग उद्धारक राम प्रभु , करीं सदा कल्याण- सुखमय जीवन चाह बा, प्रभु से कर... Bhojpuri · मुक्तक 479 Share Previous Page 4 Next