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26 Jul 2021 · 1 min read

बिरहन

साजन सावन का मास, करूंँ मनुहारी।
देखो बिरहन है आज, तुम्हारी प्यारी।
चूड़ी कंगन बेकार, महावर पायल-
आदर सादर बिन हाय, तुम्हारी नारी।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Hindi
1 Like · 315 Views
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