Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2023 · 1 min read

आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा

मैं आलोचक हूँ
मगर उपन्यास नहीं पढ़ता।
मेरी मर्ज़ी

मैं आलोचक हूँ
मगर टार्गेटेड लक्ष्य को ध्वस्त करता हूँ
मेरी मर्ज़ी

मैं आलोचक हूँ
मगर भक्त पलता हूँ
उसके मुंह चाटता, उससे मुंह चटवाता हूँ अपनी
मेरी मर्ज़ी

मैं आलोचक हूँ
मैं दस पन्ने में दस की आलोचना समेटता हूँ
मगर भक्त को अकेले पांच पन्ने देता हूँ
मेरी मर्जी

मैं आलोचक हूँ
मगर आत्मरक्षा में
फ़ेसबुक पर कुत्तगुर्गों को तैनात रखता हूँ
मेरी मर्जी

मैं आलोचक हूँ
मगर ईर्ष्या द्वेष ही मेरे आलोचना धर्म की ख़ुराक़ है
मेरी मर्जी

मैं आलोचक हूँ
मगर सारी अच्छी कमाई, अबके सड़े लेखन से अपनी गंवाता हूँ
मेरी मर्जी!

*डिस्क्लेमर :
मौके का आलोचक दलित नहीं हो सकता, ऐसा नहीं है!

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
जिंदगी ना जाने कितने
जिंदगी ना जाने कितने
Ragini Kumari
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
विलीन
विलीन
sushil sarna
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2980.*पूर्णिका*
2980.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Perceive Exams as a festival
Perceive Exams as a festival
Tushar Jagawat
नववर्ष-अभिनंदन
नववर्ष-अभिनंदन
Kanchan Khanna
"पत्नी और माशूका"
Dr. Kishan tandon kranti
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
निजी विद्यालयों का हाल
निजी विद्यालयों का हाल
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
🪸 *मजलूम* 🪸
🪸 *मजलूम* 🪸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
शेखर सिंह
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
🙅क्षणिका🙅
🙅क्षणिका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
कसास दो उस दर्द का......
कसास दो उस दर्द का......
shabina. Naaz
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
gurudeenverma198
★बरसात की टपकती बूंद ★
★बरसात की टपकती बूंद ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Loading...