Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

2980.*पूर्णिका*

2980.*पूर्णिका*
🌷 लोग यहाँ नादानी करते
22 22 22 22
लोग यहाँ नादानी करते।
खुद ही पानी पानी करते।।
तकलीफ उठाते कौन भला।
यूं सब बेईमानी करते।।
दिन अपना काली रात कहाँ ।
दुनिया रोज कुर्बानी करते।।
जीवन महके चाहत रखते ।
साथी देख जवानी करते।।
मसलों का हल होते खेदू।
हम दौरा तूफानी करते।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-02-2024सोमवार

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी दिन
किसी दिन
shabina. Naaz
वो लोग....
वो लोग....
Sapna K S
घर में दो लाचार (कुंडलिया)*
घर में दो लाचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
राष्ट्रप्रेम
राष्ट्रप्रेम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जीवन की इतने युद्ध लड़े
जीवन की इतने युद्ध लड़े
ruby kumari
कावड़ियों की धूम है,
कावड़ियों की धूम है,
manjula chauhan
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
Buddha Prakash
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
आता है उनको मजा क्या
आता है उनको मजा क्या
gurudeenverma198
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
💐प्रेम कौतुक-374💐
💐प्रेम कौतुक-374💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पिता की नियति
पिता की नियति
Prabhudayal Raniwal
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ms.Ankit Halke jha
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
सूरज सा उगता भविष्य
सूरज सा उगता भविष्य
Harminder Kaur
"झाड़ू"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
अब जीत हार की मुझे कोई परवाह भी नहीं ,
अब जीत हार की मुझे कोई परवाह भी नहीं ,
गुप्तरत्न
■ पांचजन्य के डुप्लीकेट।
■ पांचजन्य के डुप्लीकेट।
*Author प्रणय प्रभात*
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
मन
मन
Neelam Sharma
गीत
गीत
Shiva Awasthi
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
पूर्वार्थ
Bhut khilliya udwa  li khud ki gairo se ,
Bhut khilliya udwa li khud ki gairo se ,
Sakshi Tripathi
Loading...