[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] भाग–7
क़यामत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वहशीपन का शिकार होती मानवता
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
संविधान को अपना नाम देने से ज्यादा महान तो उसको बनाने वाले थ
शिखर ब्रह्म पर सबका हक है
ओ मां के जाये वीर मेरे...
'महंगाई की मार'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
everyone run , live and associate life with perception that
💐प्रेम कौतुक-242💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
The enchanting whistle of the train.
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'