Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

21)”होली पर्व”

“फागुन मास रंगो का, तन में खिलता जाये।
फूलों से भी खेलें होली, कृष्ण प्रेम को सजायें”

हर्षोल्लास संग होली पर्व है आया,
पर्व मनाने का ख़्याल,मन को हर्षाया।
कन्हैया संग राधा की प्रीत का रंग चढ़ आया,
होली रंगो का त्योहार,सब को है भाया।

खिल खिल कर आया,होली पर्व मनाया।।

खेलने को दिल हुआ उतावला,
नाच और गाने का मौसम हुआ सुहावना।
शर्मीली सी पिचकारी करती कमाल,
पीली सरसों से लदी हुई धरा का,
जोश के साथ होता धमाल।

रंगो का सुंदर है मेल,
रखना नही कोई भेद।
मिठाइयों का लगता है भंडार,
गुजिया,ठंडाई का स्वाद है बेशुमार।

दिलों को जोड़ना एंव होली है खेलना,
लाल हुआ गुलाबी,पीला भी शराबी,
हरा करता कमाल,संतरी के साथ,
मिल जुल कर बोलना,होली है खेलना।

खिल खिल कर आया,होली पर्व मनाया।।

सोचो ज़रा…
जश्न अधूरा,कोरोना ने था घेरा,
दूर रखो बसेरा,फ़रमान था आया ।
सब्र था पास,आए दिन ख़ास,
समझा वं समझाया।
स्वस्थ मन,स्वस्थ तन संग रंगों को सजाया,
खिल खिल कर आया,होली पर्व मनाया।।

🔴🟡होली मुबारक🟢🟣

✍🏻स्वरचित/ मौलिक
सपना अरोरा।

Language: Hindi
1 Like · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पाती कोई जब लिखता है।
पाती कोई जब लिखता है।
डॉक्टर रागिनी
💐प्रेम कौतुक-320💐
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ लघुकथा
■ लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
पूर्वार्थ
अपना पराया
अपना पराया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
Surinder blackpen
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
Dr. ADITYA BHARTI
अनंत का आलिंगन
अनंत का आलिंगन
Dr.Pratibha Prakash
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
तुम्हारी छवि...
तुम्हारी छवि...
उमर त्रिपाठी
2461.पूर्णिका
2461.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
surenderpal vaidya
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
DrLakshman Jha Parimal
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
Taj Mohammad
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...