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7 Mar 2024 · 1 min read

मान तुम प्रतिमान तुम

गीत
मान तुम, प्रतिमान तुम, मेरे जीवन की दशा
कहते घुँघरू पाँव के, भूल जाओ अवदशा

नसीब में जो था नहीं, है मिला मुझको यहाँ
करीब वो जो थे नहीं, हैं मिले मुझको यहाँ
हार कर भी मैं न हारा, जीत का चढ़ा नशा
कहते घुँघरू पाँव के, भूल जाओ अवदशा

क्या गिला इस धूप से, आग में जो तपी-तपी
संग- संग था चंद्रमा, और धरा डरी-नपी
सुगंध थी स्वेद में, मैं हँसा.. ओ पूर्वदशा
कहते घुंघरू पाँव के, भूल जाओ अवदशा।।

सूर्यकान्त

Language: Hindi
Tag: गीत
30 Views
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