डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 3 min read भरत कुल 4 भाग 4 ग्राम में आज उत्सव का माहौल था। आम के बाग में चौपाल का आयोजन था। प्रातः से जलपान और रंगों की भरमार थी, दरियां व कुर्सियां बिछाई जा... Hindi · कहानी 323 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 4 min read भरत कुल भाग2 भाग 2 सेठ भरत लाल की धर्म पत्नी का नाम सुशीला था। वह अत्यंत धार्मिक एवं कुशल ग्रहणी थी। वे सेठ जी का बहुत ख्याल रखती ,सेठ जी भी सुशीला... Hindi · कहानी 394 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 2 min read भरत कुल भाग-1 मिष्ठानों में रसगुल्ले का बहुत महत्व है। रसीले रसगुल्ले यदि आइसक्रीम की तरह मुंह में घुल जायें ,और गुलाब जल मुंह का स्वाद अच्छा कर दे, तो रसगुल्ले के क्या... Hindi · कहानी 426 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 1 min read विश्व योग दिवस विश्व योग दिवस पर गीत । इस पावन इक्कीस जून में , सबको योग कराएंगे। नित्य सूर्य को नमन करेंगे, सब को स्वस्थ बनाएंगे । ऊर्जावान युवा सब मिलकर, नवभारत... Hindi · गीत 207 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 1 min read गणेश चतुर्थी पावन गणेश चतुर्दशी, गणपति उपासना आज। मनोकामना पूर्ण कर, मंगल करते काज । पुत्र स्नेह सबको मिले ,हे! गणपति आराध्य। शिव- शिवा दोनों भजें, हे !गणपति महाराज। सकट चतुर्थी के... Hindi · गीत 179 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 1 min read मुक्तक मुक्तक न छेड़ो तार पीड़ा के दुःखे रग रग हमारा है। न खीचों तार वीणा के बजाती धुन तुम्हारा है। प्रिये, हिय में तुम्हारी वेदना के स्वर कहाँ गूंजे। न... Hindi · मुक्तक 167 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 1 min read हरि कथन मद भागवत श्री हरि कथन वेदस्य वाणी भूषणम। मद मोह नाशं अर्जुनम सत् मित्रमम आभूषणं। कुरुक्षेत्र मध्ये रथआरूढे श्रीकृष्ण वाचे पार्थमम। शोका कुले है पार्थमम रणक्षेत्र मध्ये केशवम।(1) कर समर्पित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 141 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Mar 2022 · 2 min read मेरी पंचवटी मेरी पंचवटी यह कैसी वासना दृगों में,लखन देख कर घबराये। बेचारी उर्मिला भवन में,कैसी होगी कुम्हलाये। सूर्पणखा सुंदरी अनूठी, छल से माया रच लायी। पर्णकुटी में राम दिखे थे,सहज लालसा... Hindi · गीत 634 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Feb 2022 · 1 min read सुमन बहकती चंचला का मन, खिला जब तन बदन चहका। बसंती रूप है पावन, खिली जब धूप तन दहका । पवन चलती सुमन महके, खिलें जब क्यारियाँ देखें। गुलाबी रंग है... Hindi · मुक्तक 257 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Feb 2022 · 6 min read पत्रकारिता एक सामाजिक दर्पण पत्रकारिता एक सामाजिक दर्पण पत्रकारिता सामाजिक दर्पण है। समाज की यथार्थ प्रस्तुति पत्रकारिता को प्रासंगिक व रोचक बनाती है। पत्रकारिता को संविधान के चतुर्थ स्तंभ के रूप में दर्शाया गया... Hindi · लेख 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Feb 2022 · 1 min read श्रद्धांजलि लताजी श्रद्धांजलि, हे !महान आत्मा, हे !महान गायिका, भारत रत्न सुशोभित ,माँ भारती की अनमोल सुता अमरत्त्व को प्राप्त आदरणीया लता मंगेशकर जी।सादर शतशत नमन। ओ!कोकिला सुरों की, ओ! साधिका लता... Hindi · मुक्तक 197 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Jan 2022 · 1 min read व्याल दोहा छंद विधा- व्याल दोहा छंद गिरत परत उठि-उठि चलत, नयनन करत सुभाष। नचत फिरत नैनन सहित, करें नयन अभिलाष।(1) गिरत परत उठि उठि लड़त, रिपुदल सहित सुभाष। नैन नचावत रिपु कटत,... Hindi · दोहा 329 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2022 · 1 min read जनता चुन चुन भेजती, हर चुनाव के बाद। जनता चुन चुन भेजती, हर चुनाव के बाद। पर जन प्रति निधि करें, जनता को बरबाद। बाटें घर घर रेवड़ी, जब मक्खन के साथ। लूट मचे तब मानिये,नेता जिन्दाबाद। मतदाता... Hindi · मुक्तक 263 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2022 · 1 min read मिथ्या यह संसार। मानों भ्रम जग का नहीं, मिथ्या यह संसार। झूठी जग की नौकरी, जीवन का शुचि सार। जीवन का शुचि सार,किरायेदार ठिकाना। अब सत को पहचान ,बोध यह सबने जाना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 256 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Jan 2022 · 1 min read कालिया दह कालिया का गर्व देख, वासुकी का दर्प देख, नाथ , विष सर्प देख,काली दह कीजिये। कालिया को नाथ कर,भय को अनाथ कर, कालिन्दी का जल अब,स्वच्छ कर दीजिये। कन्दुक को... Hindi · घनाक्षरी 3 2 302 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jan 2022 · 1 min read विदाई समारोह सम्मानित दो शल्य चिकित्सक , जनता में जिनसे खुश हाली। विदा हो रहे हैं सबसे अब, यश वैभव है देखीभाली। पुनः भेंट होगी सबसे कब, कभी- कभी अब मिल पाओगे।... Hindi · मुक्तक 360 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jan 2022 · 1 min read नया वर्ष नया हर्ष,खुशियों का नवदर्श| नव वर्ष नव हर्ष, खुशियों का नव दर्श, नव नव जीवन का, नव गीत गाइये। रोग शोक बीते अब,नोंकझोक कीजे जब, रीझ रीझ खीर सब, पति को खिलाइए। प्रेम क्षेम... Hindi · घनाक्षरी 305 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Dec 2021 · 1 min read वह प्रीति अनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है। वह प्रीतिअनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है । निस्वार्थ प्रेम के बदले में ,निस्वार्थ प्रेम जब मिलता है । क्या कोई सीमा होती है, प्यारे इन रिश्ते नातों... Hindi · मुक्तक 2 2 490 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Dec 2021 · 1 min read मानक सफलता के कब तक बनोगे मानक सफलता के, कब तक बनोगे। नाम ले विफलता का,कब तक डरोगे। चरण चूम लेगी, सफलता तुम्हारी, संकल्पों का निश्चय जब तुम करोगे। कदम तुम बढा कर ,न पीछे हटाना।... Hindi · मुक्तक 448 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Dec 2021 · 1 min read श्याम रंग मन को हरे, उस पर मधु मुस्कान श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान । नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।। श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह। सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय... Hindi · मुक्तक 276 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Dec 2021 · 1 min read श्याम रंग मन को हरे, श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान । नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।। श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह। सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय... Hindi · मुक्तक 1 2 250 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Nov 2021 · 1 min read माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण जानो। माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण जानो। बिन ममता नारी वैसे है, जैसे बिन पल्लव तरु मानो। शस्यश्यामला बसुन्धरा ने,सबको जीवन दिया अनोखा। सदा हिरण्यगर्भा माता ने ,निज... Hindi · गीत 2 424 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 31 Oct 2021 · 5 min read ईद इस समाज में हर प्रकृति के लोग रहते हैं ।उदारवादी, संकीर्ण मानसिकता वाले कट्टरपंथी, और, आस्था को विज्ञान के पहलू से देखने वाले लोग भी हैं ।विभिनता में एकता की... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 327 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2021 · 1 min read पुष्प वाटिका में श्री राम का समर्पण नजरों की परिभाषा समझो,चंचल चितवन रहे बसेरा। नयनों की भाषा जो समझे,नयनों का है वही चितेरा। नयनों की चितवन के कायल, राम वाटिका में अटके हैं। पलकों के तीरों से... Hindi · गीत 1 2 703 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Oct 2021 · 2 min read शिक्षा नीति एवं विद्यार्थी व शिक्षक शिक्षा नीति एवं विद्यार्थी व शिक्षक भारत वर्ष की शिक्षा व्यवस्था कभी विवादों से मुक्त नहीं हो सकी ।कभी पाठ्यक्रम को लेकर विवाद ,कभी कार्यप्रणाली को लेकर विवाद सर्व विदित... Hindi · लेख 2 402 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Oct 2021 · 1 min read लाल बहादुर औ गाँधी जी,भारत के दो लाल हुये। जन्म हुआ दो अक्टूबर को,लाल बहादुर बाल हुये। लाल बहादुर औ गाँधी जी,भारत के दो लाल हुये। सीमा पर जो युद्ध छिड़ा था, भारत पाकिस्तानी में, बलिदानी थे वीर सिपाही,सीमा... Hindi · गीत 2 266 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read फार्मेसी दिवस जय जय 25 सितंबर, फार्मेसी दिवस जय जय। फार्मेसी, दवा ,व्यापार यह हैं तीनों अपरिहार्य । दवा, व्यापारी, रोजगार, यह तीनों हैं पर्याय। बच्चों ने जिन्होंने सीखाअपनों से, विश्व बंधुत्व व्यापार, विश्व... Hindi · मुक्तक 1 634 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read बेटियाँ माता-पिता की आन बान शान बेटियाँ घर-घर की आन बान पर कुर्बान बेटियाँ। मन मोहती सदा है मुस्कान बेटी की है मीठे बोल बोलती मासूम बेटियाँ। थी हैरान परेशान क्यों?... Hindi · मुक्तक 1 2 504 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Sep 2021 · 1 min read राखी(विधाता छंद) "राखी" (विधाता छंद) चले आओ पुकारे है ,बहन द्वारे खड़ी भैया। मना मत कर बहन राखी, लिए द्वारे खड़ी भैया। अमिट विश्वास है मेरा , जतन से बाँध दो बंधन... Hindi · मुक्तक 466 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Sep 2021 · 1 min read राखी पावन त्यौहार राखी पावन त्यौहार, भाई बहन का प्यार , सुंदर हो उपहार, राखी मँगवाइये। बहना करे इंतजार, द्वार देखे बार-बार, बाँहे सूनी है बेकार,राखी बंधवाइये। फौजी भाई हो तैनात, बहना की... Hindi · घनाक्षरी 333 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 6 min read आखिरी दाँव मित्रो, ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल को उजागर करती आंख खोलने वाली कहानी प्रस्तुत है "आखिरी दाँव "।अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। कहानी -आखिरी दाँव वे चिकित्सक दंपति कार पार्किंग में कार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 332 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 5 min read अंबर किसान अंबर किसान एक ग्राम में अंबर नामक कृषक रहता था ।उसकी पचास बीघा कृषि फसल से लह लहा रही थी। अंबर जब उपज देखता ,फूला नहीं समाता, किंतु,विधि की मार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 459 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 4 min read भाभी अचानक, वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसका इस तरह घर आना, और रोना देखकर, मुझे हैरानी हुई। उसे किसी तरह सांत्वना देकर मैंने पूछा क्या हुआ? क्यों रो रही हो?... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 613 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 1 min read हायकु मुक्तक हायकु मुक्तक सत्ता लौकिक।सपने अलौकिक।कार्य मौखिक। है अनैतिक।मँहगाई भौतिक।राजनैतिक। लाये रुलैयाँ।मँहगी दवाइयाँ।साग सब्जियाँ। कोरोना इक।कृत्रिम व जैविक।असांस्कृतिक। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष, जिला चिकित्सालय, सीतापुर।... Hindi · हाइकु 547 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jul 2021 · 1 min read मर्यादा भ्रमर दोहा छंद मर्यादा ही राखिये, माता सीता जान। सीता -रामा पाइये, रामा- रामा मान। मर्यादा ही जानिये,आते -आते काम। मैंने देखा देखिये,मारा -मारी आम। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम मौलिक... Hindi · दोहा 301 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jul 2021 · 5 min read मँझली बेटी मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न अतीत का दुख होता है , उन्हें । बस ,वर्तमान में सुखी संसार गाता –बजाता ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 533 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Jul 2021 · 1 min read बड़े भाग्य से मिले देखिये,सभी बुजुर्गों का आशीष। बड़े भाग्य से मिले देखिये , सभी बुजुर्गों का आशीष। सारे अनुभव यही बताते, कर प्रणाम मिलेगी सीख। खेल-खेल में यह बतलाते , करो नहीं शैतानी तुम। जब गिर पड़ते... Hindi · गीत 2 4 349 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Jul 2021 · 1 min read निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस। विधा-करभ दोहा छंद निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस। धर्म कर्म अपना करें, करें पूर्ण विश्वास।1। कर्म करें अपना सभी, स्वावलंब विश्वास। अपना भारत देश है, वेश -भेष... Hindi · दोहा 504 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Jun 2021 · 1 min read आषाढ़ के बादल विधा-मुक्तक(लावणी छंद) विषय-आषाढ़ केबादल ये आषाढ़ी बादल सुंदर ,घुमड़ घुमड़ कर गरजेंगे। धूप छांव का खेल खेल कर, उमड़ उमड़ कर बरसेंगे। जेठ दुपहरी आग उगलती, बेचैनी है आंखों में।... Hindi · मुक्तक 1 388 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Jun 2021 · 1 min read भारत वर्ष करभ दोहा छंद -भारत वर्ष भारत माता को नमन, मातृभूमि यह शान। देखो! अपना देश है, न्यौछावर है जान।1। वीरों को वंदन करूँ, वीर वंदना आज। जागो! भारत वीर अब,... Hindi · दोहा 1 1 488 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Jun 2021 · 1 min read बाट देखते पथिक की,देखे पति की राह। मित्रों ,करभ दोहा छंद में प्रस्तुत है मेरी एक रचना। बाट देखते पथिक की, देखे पति की राह। अब आंखें पथरा गईं, चाहे मन की थाह। रातें कंटक सम हुईं,... Hindi · दोहा 1 491 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jun 2021 · 1 min read पिता धर्म का मूल है, माता जग की शान। दोहे/मुक्तक पिता धर्म का मूल है,माता जग की शान। बेटा-बेटी मिल करें,वयोवृद्ध का मान।। विद्या अर्जन सब करें,विद्या सुख का मूल। धर्म कर्म परहित करें, मानवता की जान। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · दोहा 2 375 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Jun 2021 · 1 min read रानी झाँसी लक्ष्मीबाई वीर छंद/आल्हा नाना की बहना मुख बोली,लक्ष्मीबाई नाम सुभाय। पढ़ती- लिखती सँग नाना के, उसको नाना खेल सुहाय।। खेल-खेल में व्यूह रचाये, दुर्ग तोड़ती,तीखे वार। बर्छी, ढाल, कृपाण, कटारी, थे... Hindi · कविता 1 4 418 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 May 2021 · 1 min read रानी झांसी आल्हा/वीर छंद, जीत कालपी रण में रानी,अंग्रेजों को थी ललकार। भीषण युद्ध हुआ रानी से,दोनों हाथों में तलवार।। जब-जब दुश्मन जाल बिछाता, झलकारी करती संहार। चंडी बनकर झपटी रानी, धर... Hindi · कविता 500 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 May 2021 · 1 min read आल्हा ऊदल बड़े लड़ैया, चम चम चमक रही तलवार। आल्हा, आल्हा -ऊदल बड़े लड़ैया, चम- चम चमक रही तलवार। मची खलबली रण में भारी, होने लगे वार पर वार।। जब- जब दुश्मन रण में आये,टूट पड़े ऊदल तत्काल। काट... Hindi · कविता 19 7 25k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 May 2021 · 1 min read सपूत पूत है सदा,ऋणी रहे न मात का। पंच चामर छंद सपूत पूत है सदा ,ऋणी रहे न मात का। कपूत पूत है सदा ,ऋणी रहे न तात का। अनेक पूत मातु ने, सदा जिया लिया सभी। सपूत... Hindi · कविता 1 2 286 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 5 min read ईद ईद इस समाज में हर प्रकृति के लोग रहते हैं ।उदारवादी, संकीर्ण मानसिकता वाले कट्टरपंथी, और, आस्था को विज्ञान के पहलू से देखने वाले लोग भी हैं ।विभिनता में एकता... Hindi · कहानी 1 590 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा, मुक्तक देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा , अश्रु आँखों में छलके सदा सर्वदा । बाढ़ लीला मचाये भयंकर प्रलय , स्वप्न हैं टूटते झेलकर आपदा । रेवड़ी बाटते हो... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 3 526 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read अति हर्षित होकर चले, सब बारिश में स्कूल। अति हर्षित होकर चले , सब बारिश में स्कूल । शिक्षक बच्चे कह रहे , मौसम है प्रतिकूल । मौसम है प्रतिकूल , सभी वाहन अब गायब। बिन बस कैसे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 5 371 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल। सावन बरसे झूम के , ननदी झूला झूल । रोके भौजी बाग में , रोके रुके न शूल । रोके रुके न शूल , टपाटप अमिया टपके , करें न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 5 320 Share Previous Page 4 Next