डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 515 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल। सावन बरसे झूम के , ननदी झूला झूल । रोके भौजी बाग में , रोके रुके न शूल । रोके रुके न शूल , टपाटप अमिया टपके , करें न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 5 320 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read छायी है बदरी घनी,बारिश है चहुँ ओर। कुण्डलिया। छायी बदरी है घनी,बारिश है चहुँओर। घोर घटा घन बीच है , चपला चमके जोर। चपला चमके जोर, चाँदनी चमके जैसे। करके घन की ओट,शर्म से दमके वैसे। कहें... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 2 6 304 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read मेघ रुपहले राज छुपा कर, जीवन को हरसाता है। गीत सागर गहरे राज समा कर,जीवन को अपनाता है । मेघ रूपहले राज छुपा कर,जीवन को हरसाता है। प्रातः धरती की प्यास बढ़ाने,सूरज नभ में आता होगा। जल बिन मछली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 8 336 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2021 · 1 min read अगर स्वदेश जान है, पंच चामर छंद अगर स्वदेश जान है, जवान आन बान है। किसान देश हिंद का, महान मान शान है । पढ़े लिखे पले बढ़े ,मगर कभी रुकेंं नहीं । भले... Hindi · कविता 4 8 416 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 May 2021 · 1 min read छायी बदरी है घनी, कुण्डलिया। छायी बदरी है घनी,बारिश है चहुँओर। घोर घटा घन बीच है , चपला चमके जोर। चपला चमके जोर, चाँदनी चमके जैसे। करके घन की ओट,शर्म से दमके वैसे। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 643 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 May 2021 · 1 min read मेरा जीवन है प्रिये, कुण्डलिया। मेरा जीवन है प्रिये, प्रिय सब के आधीन। परहित निज जीवन करुँ,सुख सपने स्वाधीन। सुख सपने स्वाधीन,चंचला धन की छाया मन चंचल ही करे, छलेगी सबको माया। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 3 7 314 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 May 2021 · 1 min read मेरा जीवन है ऋणी, मेरा जीवन है ऋणी ,कर सेवा का भाव। मात पिता आशीष दें,उनका जीवन छाव। उनका जीवन छाव,कर्म का बनकर योगी । कंटक पथ पर बढा, योग व्रत लेकर भोगी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 3 2 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 May 2021 · 1 min read कोरोना का काल जीवन दूभर हो गया, कोरोना का काल। प्राण वायु को क्षीण कर,तड़पाया बेहाल। तड़पाया बेहाल,दवाओं का है टोटा। जल बिन तड़पत मीन, वायरस है यह खोटा। कहें प्रेम कविराय,दुखी है... Hindi · कुण्डलिया 2 6 341 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 May 2021 · 1 min read त्रिगुणात्मक प्रकृति पंञ्च चामर छंद प्रमादि दोष मोचनं सतोगुणं स्वभाव सं। तमोगुणादि लोचनं मनोबलं अभाव मं। रजोगुणादि पोषितं रजादि दोष भूषितं सतोगुणादि शोभितं नृपादि दोष मोचितं। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम वरिष्ठ परामर्श... Hindi · कविता 2 8 305 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 May 2021 · 1 min read रिश्ते रिश्ते नजदीकी बने, ,दूरी को मजबूर । मजबूरी रिश्ता बना, हुये फासले दूर। हुये फासले दूर, प्यार है ये इकलौता। पति पत्नी के बीच, प्यार है इक समझौता। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 4 602 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 May 2021 · 1 min read नारंगी पृथ्वी हुई, नारंगी पृथ्वी हुई, चंदा हुआ चकोर। मंगल ग्रह की खोज में,आस रही झकझोर। आस रही झकझोर, खोजने लैंडर आया। पृथ्वी पर है जोर,लाल ग्रह में क्या पाया। कहें प्रेम कवि... Hindi · कुण्डलिया 1 6 325 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 May 2021 · 1 min read वंदन नेता जी करें, विधा -कुण्डलियाँ वंदन नेता जी करें, पूरी होगी माँग। जनता अब स्वागत करे ,नेता जी का साँग। नेता जी का साँग ,बड़ी है उनकी कोठी। सुख सुविधा से युक्त, तोंद... Hindi · कुण्डलिया 1 2 239 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Apr 2021 · 1 min read चितायें जल रही हैं श्रद्धांजलि(विधाता मुक्तक) चिताएं जल रही हैं वेदना के स्वर सुनाती हैं। धधकती राख है प्रतिवेदना के स्वर सुनाती हैं। सदा जीवन कहें भंगुर पलों की आत्मियता को। सुलगती लकड़ियाँ संवेदना... Hindi · मुक्तक 251 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Apr 2021 · 1 min read यह सखियों की खीर चंचल छंद यह सखियों की खीर। मन की हरती पीर। सुंदर छवि घायल करे। चल नैनन के तीर। यह जन्मों का लेख। अजब भाग्य की रेख। मृगनयनी घायल हुई। जीव... Hindi · मुक्तक 2 329 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2021 · 1 min read मुस्कान चंचल छंद चलें साथ में दूर। श्रम से होकर चूर। एकला चलता तेज है। साथ नहीं भरपूर। चंचल सुर की तान मोहक है मुस्कान हरती मन का चैन है। नैसर्गिक... Hindi · मुक्तक 433 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Apr 2021 · 1 min read नमन माँ गंग !पावन नमन मां गंग ! पावन, शिव जटा से अवतरण करती। नमन मंदाकिनी! अविरल ,सदा हित वैतरण करती। यहां भागीरथी मां श्राप धोती सगर पूतों का। सरित देवी !बहो निर्मल धरा... Hindi · मुक्तक 2 573 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Apr 2021 · 1 min read कोरोना नियंत्रण हायकुमुक्तक मास्क लगायें। ज्वर, श्वसन रोग । रोज घटायें। हाथ धुलायें कोरोना संक्रमण। कष्ट मिटायें। दो गज दूरी । कोरोना नियंत्रण । मास्क जरूरी। टीका लगायें। प्रतिरक्षण कर । रिस्क... Hindi · हाइकु 2 344 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Apr 2021 · 1 min read मुस्कुरा कर हायकु मुक्तक मुस्कुरा कर। सजा रही दिल में। प्रेम की बाती। गुनगुनाती। सुनाती है चाहत। प्रेम की पाती। कालिन्दी तीरे। कन्दुक खेले कान्हा। रास रचाये। कपकपाते। अधराधर मोहें। प्रेम की... Hindi · हाइकु 386 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Apr 2021 · 1 min read पायल पायल विधा-विधाता मुक्तक सजी पायल बजे घुंघरू,करे छम छम सुहाती है । बजी पायल करे घायल ,सजे पग में लुभाती है । चुराए मन मयूरा थाम लो उड़ती उमंगों को।... Hindi · मुक्तक 1 431 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Mar 2021 · 1 min read स्वास्थ्य विषय-स्वास्थ्य विधा-दोहा मुक्तक बचपन कैसे स्वस्थ्य हो,मूल मंत्र ले जान। शुद्ध पेयजल पान कर,दूर दस्त लें मान। आंत्र रोग औ पीलिया ,हो उपचार तुरंत। ताजा भोजन नित करें,निज उर्जा हो... Hindi · दोहा 308 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Mar 2021 · 1 min read होली सुनहरा रंग उपवन में, बसंती रुप छाया है। वसंती छा गया मौसम, रुपहला रुप पाया है। जहां कोयल पपीहा मोर नाचे नित्य सुध बुध खो, वनों मे सुंदरी भटके, निखर... Hindi · मुक्तक 2 280 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2021 · 1 min read खेलते होली हायकु मुक्तक खेलते होली ,नाचते हम सब, झूमझूम के खुशी मनायें, सब गुझिया खायें , चूमचूम के। मलें गुलाल,अबीर संग रंग,रुप निखारो। साथ भिगायें , संग में सब भीगें,घूम घूम... Hindi · हाइकु 1 525 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2021 · 1 min read नीर बहाता, हायकू मुक्तक नीर बहाता,बचपन अपना, याद दिलाता।ं खेलो खुलके, मत डर डर के, पाठ पढ़ाता बचपन के , ये खेल सुनहरे, रोज सबेरे। बोझ उठाता,झुक कर चलता,राह दिखाता। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · हाइकु 410 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2021 · 5 min read भारतीय भाषाएं एवं राष्ट्र भाषा के रुप में हिंदी मित्रों भाषा भारती न्यास ,सीतापुर एवं नगर राज्य भाषा कार्यकारिणी समिति द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय में हिंदी भाषा को राष्ट्रीय गौरव प्राप्त कराने हेतु" भारतीय भाषाएं एवं राष्ट्रभाषा के रूप... Hindi · लेख 1 2 598 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2021 · 1 min read सुनहरा रंग उपवन में, मित्रों, सादर समर्पित है। विषय-होली विधा-विधाता मुक्तक छंद सुनहरा रंग उपवन में, बसंती रुप छाया है। वसंती छा गया मौसम, रुपहला रुप पाया है। जहां कोयल पपीहा मोर नाचे नित्य... Hindi · मुक्तक 1 2 455 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Mar 2021 · 6 min read रंग पर्व विशेषांक, कला कुन्ज भारती पत्रिका समीक्षा समीक्षा- रंग पर्व विशेषांक कला कुन्ज भारती पत्रिका कला और साहित्य को समर्पित ,"कला कुंज भारती "पत्रिका मार्च 2021 अंक का विशेषांक रंग पर्व आज प्राप्त हुआ। मुख पृष्ठ पर... Hindi · लेख 1 4 380 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Mar 2021 · 1 min read सीमा पर सैनिक करें, सीमा पर सैनिक करें ,रक्षित निज अभिमान। राष्ट्र प्रेम जाहिर करें, कर अपना बलिदान। कर अपना बलिदान, देश की सेवा करते। मिले वीरता चिन्ह ,वीर जनहित में मरते। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 223 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Mar 2021 · 1 min read सत्य तथ्य से जान विधा-दोहा मुक्तक विषय "सत्य" अहम प्रकाशित हो सदा, सत्य तथ्य से जान। सदा प्रकाशित सत्य से , अविवेकी श्री मान। सदा विवेकी मानते ,ईश्वर का आदेश। स्वचिंतन दिन रात कर,... Hindi · दोहा 238 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Feb 2021 · 1 min read ऋतु बसन्त का स्वभाव मित्रों, सादर समर्पित है, बसन्त ऋतु का स्वभाव वन -वन चहकत, वन -वन महकत बरबस बहकत,चहक -चहक कर। चहल -पहल चल, कसक -मसक चल। लह -लह लहकत , फसल फसल... Hindi · घनाक्षरी 2 2 488 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Feb 2021 · 4 min read भाभी अचानक, वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसका इस तरह घर आना, और रोना देखकर, मुझे हैरानी हुई। उसे किसी तरह सांत्वना देकर मैंने पूछा क्या हुआ? क्यों रो रही हो?... Hindi · कहानी 1 3 470 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Feb 2021 · 1 min read पलक भिगा कर पलक भिगाकर ओ प्रिये , अश्रु बरसाती प्रीत। अंतर्मन की पीर को ,दर्शाने की रीत । बचपन बीता गोद में, अद्भुत नन्हे बोल। खुशियों से झोली भरुँ, ओ मेरे मन... Hindi · मुक्तक 5 6 339 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read चंचल चितवन दोहा मुक्तक चंचल चितवन ही सदा, हरते मन की पीर। चंचलता से ही चलें, दो नैनन के तीर। रहा हिलोरें मारता ,मन उमंग में प्यार। प्रीति जता गृहिणी खड़ी,लिये हाथ... Hindi · दोहा 3 5 633 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read वेलेंटाइन प्यार दोहा मुक्तक रोज रोज मिलता नहीं, वेलेंटाइन प्यार। कहाँ रोज मिलता सदा, वैलेंटाइन यार। रहें मनाते रोज डे, ,मिलें गुलाबी फूल । अंतर्मन ऐसे मिलें, भूल रार का सार ।... Hindi · दोहा 1 3 220 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read मन को धन से जीत ले, दोहा मुक्तक मन को धन से जीत ले , धन की ऐसी चाह। धन से प्रीतम ना निभे,प्रीति प्यार की राह। सौदा इनका ना करो, प्रीति, रीति, विश्वास, प्रीति निभा... Hindi · दोहा 249 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read नींद चुराई आपने, दोहा मुक्तक नींद चुराई आपने ,नैन चुराये चैन। चंचल चितवन आपकी ,अंतर है बेचैन। अंतर्मन में पीर है, ,पीर न समझे कोय। मन का आपा खो रहे, श्याम सलोने सैन।... Hindi · दोहा 427 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read प्रेम पुजारी दोहा मुक्तक प्रेम पुजारी आप का, मिले आप से नैन। हृदय समर्पित आपको ,सजल नयन बेचैन। चंचल नैना बावरे, पल-पल देखें राह। मान सरोवर झील सी,आँखों में हो रैन। डा.प्रवीण... Hindi · दोहा 3 333 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Jan 2021 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर,24.1.2021 नन्ही नन्ही सी मुस्कान,मीठी बोली बोले जान। नन्हें नन्हें से हैं पांव, प्यारी बेटी आइये। ये खुशियों का भंडार, प्यार करती अपार । चंचला सा व्यवहार,मासूम ही पाइये। बेटों की... Hindi · घनाक्षरी 2 209 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Jan 2021 · 1 min read गण तंत्र मानते है जनतंत्र, धारते हैं गण तंत्र, सबका है प्रजातंत्र, इसे श्रेष्ठ मानिये। राजतंत्र वंश वादी,तानाशाही क्रूर शाही, गणतंत्र गण वादी,इसे श्रेष्ठ जानिये। राजतंत्र राजा हित,तानाशाही सत्ता हित, जनतंत्र जनहित... Hindi · घनाक्षरी 435 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2021 · 1 min read राष्ट्र भक्ति विधा- दोहे जन्म भूमि बेजोड़ है, कर्म भूमि अनमोल। मातृ भूमि अनुपम यहाँ ,देश भक्त जै बोल।।(1) जनता करती अर्चना, करके धन का दान। राष्ट्र भक्ति सबसे बड़ी, जीवन का... Hindi · दोहा 1 4 235 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2021 · 1 min read वीर शिवाजी वीर शिवा जी वीर शिवाजी की गाथाएं ,हमको याद जुबानी है । माता जीजाबाई की है, दीक्षा बहुत पुरानी है। गुरु समर्थ के लिए शिवाजी, दूध शेरनी का लाया औरंगजेब... Hindi · गीत 560 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read स्वामी विवेकानंद जयंती पर मनहरण घनाक्षरी विश्व बंधु दिव्य बंधु,योग का अनन्य बन्धु, ध्यान संग संग बन्धु,सुयोगी ले आइये। स्वामी हैं विवेकानंद ,युवा हिय के आनंद, सुख शान्ति में सानन्द, नियोगी भी आइये। नारी... Hindi · घनाक्षरी 4 273 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 4 min read वीर शहीद संतोष बाबू वीर शहीद बी. संतोष बाबू वह 15 जून 2020 की स्याह रात थी।14000 फीट की ऊंचाई पर गलवान घाटी में ,वास्तविक नियंत्रण रेखा पर, इंडियन आर्मी की बिहार इन्फेंट्री रेजीमेंट... Hindi · कहानी 2 347 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चहकते थिरकते झूमकर आइये, अब नये साल को चूमकर जाइये। ये नया साल है काल का इक नशा, हैं युवा होश में घूम कर छाइये। खनकते चमकते चहकते आइये। झूमते... Hindi · मुक्तक 541 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read मातृ भूमि मनहरण घनाक्षरी शीर्षक- "मातृ भूमि" मातृ भूमि जन्म भूमि ,शिशु की अनन्य भूमि, राधा-कान्हा ब्रज भूमि ,भारत में आइये। ऋषि मुनि तपोभूमि,गुरुकुल गर्व भूमि, शस्त्र -शास्त्र ज्ञान भूमि,भारत में पाइये।... Hindi · घनाक्षरी 2 274 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 5 min read डिवाइडर कहानी- डिवाइडर रात के अंधकार में रिमझिम बारिश की फुहार पड़ रही थी। एक वृद्धा अपने आप को समेटे डिवाइडर पर विराजमान थी। कहा गया है ,कि, जीवन का आवागमन... Hindi · कहानी 1 2 573 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jan 2021 · 1 min read दिनकर जयंती पर कुंडलिया-दिनकर जयंती पर। दिनकर कहते साफ हैं, राजनीति से दूर। हिंदी के राष्ट्रीय कवि, हो यशगान सुदूर। हो यश गान सुदूर, राष्ट्र हृदयों से गाता। रश्मि रथी कुरुक्षेत्र, उर्वशी सबको... Hindi · कुण्डलिया 1 4 540 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चहकते थिरकते झूमकर आइये, अब नये साल को चूमकर जाइये। ये नया साल है काल का इक नशा, हैं युवा होश में घूम कर छाइये। खनकते चमकते चहकते आइये। झूमते... Hindi · मुक्तक 2 6 406 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 6 min read विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका विषय- विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका। विधा -आलेख विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक का अर्थ है।... Hindi · लेख 1 4 678 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 7 min read धर्म योग व विज्ञान विरोधी या परस्पर पूरक विषय :--धर्म ,योग व विज्ञान विरोधी या परस्पर पूरक । सनातन धर्म में कथन है, "जहां विज्ञान की सीमा अंत होती है,वहीं से अध्यात्म आरंभ होता है ।" धर्म पर... Hindi · लेख 2 322 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 4 min read शिक्षा संस्कृति और संस्कार भारतीय संस्कृति में संस्कारों का महत्वपूर्ण स्थान है ।समाज में पुरुष प्रधान व्यवस्था होने के उपरांत भी, महिलाओं को बराबरी का दर्जा एवं बराबर का सम्मान देने की प्रथा है।... Hindi · लेख 2 1k Share Previous Page 5 Next