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9 Feb 2021 · 1 min read

मन को धन से जीत ले,

दोहा मुक्तक

मन को धन से जीत ले , धन की ऐसी चाह।
धन से प्रीतम ना निभे,प्रीति प्यार की राह।
सौदा इनका ना करो, प्रीति, रीति, विश्वास,
प्रीति निभा कर हो भला, जीतो मन की थाह।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

Language: Hindi
222 Views
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