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29 May 2023 · 1 min read

सुलगते एहसास

देख कर उनको, सुलगते हैं एहसास।
रहते हैं हर पल ,वो दिल के आस पास।

दरिया के किनारों सी,हो गई है जिंदगी,
सागर सामने मगर,बुझती नहीं प्यास।

मुस्कराना चाहे मेरी आदतों में है शुमार
लेकिन आंखों को,रहना है बस उदास ।

दिल किसी एक के लिए धड़कता रहे
राह में मिलते हैं वैसे काफिले पचास।

हर किसी को इश्क की नेमत अता नहीं
टूटने वाले दिल, होते हैं कुछ खास।

सुरिंदर कौर

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