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28 Jul 2023 · 1 min read

बेहतर है गुमनाम रहूं,

बेहतर है गुमनाम रहूं,
यूं ही बदनाम रहूं,
कर ले लोग अगर मुझसे किनारा
खुद में खोया सुबह शाम रहूं।
– अमित पाठक शाकद्वीपी

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