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30 Nov 2023 · 1 min read

बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ

बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ मेरे लिए
सर पे काफ़ी है सुकूँ का आसमाँ मेरे लिए

ज़िन्दगी सच में मुसीबत है यहाँ मेरे लिए
ख़ुदखुशी बन जाएगी दोज़ख वहाँ मेरे लिए

आप बेशक सारी दुनिया शौक़ से ले लीजिए
बख़्श दीजे अब फ़क़त हिन्दोस्ताँ मेरे लिए

आए हो जब मुश्किलों के हो गए सूरज ग़ुरूब
इससे पहले तुम कहाँ थे मेहरबा मेरे लिए

ख़ुद हक़ीक़त के महल तामीर तुमने कर लिये
और बस, अच्छे दिनों की दास्ताँ मेरे लिए

तुमसे मिलने के मिरे अरमान सारे धुल गए
जाँ का दुश्मन बन गया अबरे रवाँ मेरे लिए

आप सोने के महल में चैन से रहिए हुज़ूर
बख्श दो तहज़ीब के कच्चे मकाँ मेरे लिए

इन हसीं यादों को भी अब साथ लेते जाइए
छोड़कर क्यों जा रहे हो ये निशाँ मेरे लिए

फ़ख्र होता है बताने में बहुत ‘अरशद रसूल’
इक सनद से कम नहीं उनका बयाँ मेरे लिए

– अरशद रसूल बदायूंनी

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