Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

गुजरा वक्त।

गुज़रा वक्त कहां लौटकर आता है।
झूठी जिन्दगी यहां हर बशर बिताता है।।

हम जिंदगी जी रहें है बस यादों में।
आज में जीना इस दिल को न आता है।।

जनाजा ले जाना यार की गली से।
देखना वो कैसे दीदार को नज़र आता है।।

ये वक्त है यूं न बिताओ आराम से।
गुरबती में हर रिश्ता फिर बिगड़ जाता है।।

यूं न हो मायूस तू इस जिन्दगी से।
मेहनत से वक्त सबका ही संवर जाता है।।

जिंदगी में आजमाइशें होती है खूब।
पर हो लगन तो बंजर में गुल खिल जाता है।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सत्य की खोज
सत्य की खोज
SHAMA PARVEEN
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
*Author प्रणय प्रभात*
विद्याधन
विद्याधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
Sanjay ' शून्य'
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
Tum hame  nist-ee nabut  kardo,
Tum hame nist-ee nabut kardo,
Sakshi Tripathi
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
प्यार
प्यार
लक्ष्मी सिंह
धन्य सूर्य मेवाड़ भूमि के
धन्य सूर्य मेवाड़ भूमि के
surenderpal vaidya
लंका दहन
लंका दहन
Paras Nath Jha
"दो हजार के नोट की व्यथा"
Radhakishan R. Mundhra
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे राम तेरे राम
मेरे राम तेरे राम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
'अशांत' शेखर
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
नफरतों को भी
नफरतों को भी
Dr fauzia Naseem shad
2928.*पूर्णिका*
2928.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संघर्ष........एक जूनून
संघर्ष........एक जूनून
Neeraj Agarwal
*मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)*
*मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
Surya Barman
Loading...