Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2023 · 1 min read

*मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)*

मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)
———————————–
मिलना जग में भाग्य से ,मिलते अच्छे लोग
चार दिवस की जिंदगी ,होते शुभ संयोग
होते शुभ संयोग ,बिछड़ मिलते नर- नारी
पल दो पल आह्लाद ,जीव पाता संसारी
कहते रवि कविराय, सुमन दो दिन ज्यों खिलना
नश्वर जग निस्सार ,चार दिन होता मिलना
————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451

170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
ये दुनिया है
ये दुनिया है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
2278.⚘पूर्णिका⚘
2278.⚘पूर्णिका⚘
Dr.Khedu Bharti
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
चुका न पाएगा कभी,
चुका न पाएगा कभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"उतना ही दिख"
Dr. Kishan tandon kranti
ये आँखों से बहते अश्क़
ये आँखों से बहते अश्क़
'अशांत' शेखर
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
बालको से पग पग पर अपराध होते ही रहते हैं।उन्हें केवल माता के
बालको से पग पग पर अपराध होते ही रहते हैं।उन्हें केवल माता के
Shashi kala vyas
है कौन वो
है कौन वो
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
पिता
पिता
sushil sarna
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
gurudeenverma198
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
दो मुक्तक
दो मुक्तक
Ravi Prakash
मेरे प्रेम पत्र
मेरे प्रेम पत्र
विजय कुमार नामदेव
खत्म हुआ जो तमाशा
खत्म हुआ जो तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...