Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2021 · 1 min read

रिश्ते

रिश्ते नजदीकी बने, ,दूरी को मजबूर ।
मजबूरी रिश्ता बना, हुये फासले दूर।
हुये फासले दूर, प्यार है ये इकलौता।
पति पत्नी के बीच, प्यार है इक समझौता।
कहें प्रेम कवि राय,घाव जो इतना रिसता।
कटु बोली का घाव, बने दूरी का रिश्ता।

डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
मौलिक रचना।

1 Like · 4 Comments · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
श्रृंगार
श्रृंगार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
प्रदीप कुमार गुप्ता
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
Dr. Kishan Karigar
बाक़ी है..!
बाक़ी है..!
Srishty Bansal
अंगद के पैर की तरह
अंगद के पैर की तरह
Satish Srijan
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हिंदी शायरी संग्रह
हिंदी शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
वो हमें भी तो
वो हमें भी तो
Dr fauzia Naseem shad
डाल-डाल तुम हो कर आओ
डाल-डाल तुम हो कर आओ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
"पूनम का चांद"
Ekta chitrangini
मिष्ठी रानी गई बाजार
मिष्ठी रानी गई बाजार
Manu Vashistha
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
3216.*पूर्णिका*
3216.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Tushar Jagawat
■ ताज़ा शेर ■
■ ताज़ा शेर ■
*Author प्रणय प्रभात*
जो भी पाना है उसको खोना है
जो भी पाना है उसको खोना है
Shweta Soni
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
Harminder Kaur
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"वाकया"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...