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9 Feb 2021 · 1 min read

नींद चुराई आपने,

दोहा मुक्तक

नींद चुराई आपने ,नैन चुराये चैन।
चंचल चितवन आपकी ,अंतर है बेचैन।
अंतर्मन में पीर है, ,पीर न समझे कोय।
मन का आपा खो रहे, श्याम सलोने सैन।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

Language: Hindi
394 Views
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