Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2022 · 1 min read

विश्व योग दिवस

विश्व योग दिवस पर गीत ।

इस पावन इक्कीस जून में ,
सबको योग कराएंगे।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे,
सब को स्वस्थ बनाएंगे ।

ऊर्जावान युवा सब मिलकर,
नवभारत को उदित करें।
भर कर नित्य उमंग हृदय में, नवभारत को मुदित करें ।

ध्यान भक्ति शक्ति सँग हम सब,
जीवन सफल बनाएंगे।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे ,
सब को स्वस्थ बनाएंगे।

इस पावन इक्कीस जून में ,
सबको योग कराएंगे ।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे ,
सब को स्वस्थ बनाएंगे।(1)

प्राणायाम स्वास्थ्य हित हम सब,
चित्तवृत्ति को मंद करें ।
योगासन अपनाकर हम सब ,
अब रोगों का अंत करें।

नीरोगी होकर सब जग में ,
रोगों से लड़ पाएंगे ।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे,
सब को स्वस्थ्य बनायेंगे।

इस पावन इक्कीस जून में,
सबको योग कराएंगे ।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे ,
सब को स्वस्थ बनाएंगे ।(2)

बनें योग गुरु बनें विश्व गुरु
जग में यश फैलाना है ।
जय जननी जय भारत माता ,
योग दिवस अपनाना है।

ऋषि-मुनियों से सदा सुशोभित,
एक विश्व कहलाएंगे ।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे,
सब को स्वस्थ बनाएंगे ।

इस पावन इक्कीस जून में ,
सबको योग करायेंगे।
नित्य सूर्य को नमन करेंगे ,
सब को स्वस्थ बनाएंगे।(3)

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

Language: Hindi
Tag: गीत
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मशीन कलाकार
मशीन कलाकार
Harish Chandra Pande
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
वक्त
वक्त
लक्ष्मी सिंह
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
*धक्का-मुक्की मच रही, झूले पर हर बार (कुंडलिया)*
*धक्का-मुक्की मच रही, झूले पर हर बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
shabina. Naaz
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"अवसाद"
Dr Meenu Poonia
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
Loading...