Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 1 min read

बाट देखते पथिक की,देखे पति की राह।

मित्रों ,करभ दोहा छंद में प्रस्तुत है मेरी एक रचना।

बाट देखते पथिक की, देखे पति की राह।
अब आंखें पथरा गईं, चाहे मन की थाह।

रातें कंटक सम हुईं, गाये बिरहा गीत।
हिय पर लोटे साँप सी, रोये मन के मीत।

द्वारे पर आहट हुई ,छेड़े मन के तार।
उमंग भर दौड़ी चली ,देखे घर के पार।

पूनम की अब चाँदनी, रोके प्रिय की राह ।
झंकृत वीणा जब बजी, छेड़े मन की आह।

योगी चौखट पर खड़ा, दूर देश का मान।
राधे की कब टेर सुन, राधा- वल्लभ जान।

मौलिक रचना।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।

Language: Hindi
1 Comment · 457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
मान बुजुर्गों की भी बातें
मान बुजुर्गों की भी बातें
Chunnu Lal Gupta
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
sushil sarna
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
जीवन को नया
जीवन को नया
भरत कुमार सोलंकी
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
Rj Anand Prajapati
24/244. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/244. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आहिस्था चल जिंदगी
आहिस्था चल जिंदगी
Rituraj shivem verma
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पढ़ता  भारतवर्ष  है, गीता,  वेद,  पुराण
पढ़ता भारतवर्ष है, गीता, वेद, पुराण
Anil Mishra Prahari
दोहे
दोहे
डॉक्टर रागिनी
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उसकी गली तक
उसकी गली तक
Vishal babu (vishu)
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
rajeev ranjan
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
DrLakshman Jha Parimal
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
Rajesh Kumar Arjun
Loading...