Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 2 min read

सुनो पहाड़ की…..!!! (भाग – ४)

अगले दिन सुबह तैयार होकर चाय-नाश्ता लेकर हम तीनों ने जैसा कि रात में तय किया था, हम ऋषिकेश के प्रसिद्ध स्थल त्रिवेणी घाट की ओर निकल गये।
त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के सुन्दर गंगा घाटों में अग्रणी कहा जा सकता है।
यह घाट यहाँ का प्रमुख स्नानागार घाट है जहाँ प्रात:काल में अनेक श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। कहा जाता है कि त्रिवेणी घाट पर हिन्दू धर्म की तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है तथा त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है।
त्रिवेणी घाट के एक छोर पर शिवजी की जटा से निकलती गंगा की मनोहर प्रतिमा है तो दूसरी ओर अर्जुन को गीता ज्ञान देते हुए श्री कृष्ण की मनोहारी विशाल मूर्ति और गंगा माता का सुन्दर मन्दिर हैं। घाट पर चलते हुए जब दूसरी ओर की सीढ़ियाँ उतरते हैं तब यहाँ से गंगा के सुंदर रूप के दर्शन होते हैं।
शाम को त्रिवेणी घाट पर भव्य गंग-आरती होती है और गंगा में दीप छोड़े जाते हैं, उस समय घाट पर काफ़ी भीड़ होती है। बहुत से व्यक्ति यहाँ पितृ- तर्पण हेतु भी आते हैं। यहाँ घाट पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिये भी उचित व्यवस्था है।
यहाँ टीन-शेड बनाकर पंखे लगाये हैं ताकि यहाँ बैठकर गंगा-आरती एवं प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सके। सुबह दस-ग्यारह बजे से घाट पर पहुँच कर हम लगभग दोपहर बारह बजे तक वहाँ रहे।
इस बीच अर्पण व अमित ने वहाँ पवित्र गंगा में स्नान किया। स्वयं मैंने गंगाजल से मुँह-हाथ धोये। साथ ही तस्वीरें लेने व हमारा आपसी हँसी-मजाक का दौर भी चलता रहा। दोपहर होने के कारण अब धूप चढ़ रही थी और भोजन का समय भी हो गया था, अतः हम आश्रम की ओर लौट आए।
आश्रम लौटकर भोजन करने के उपरांत हम कुछ देर विश्राम हेतु अपने कमरे में आकर बैठ गये और शाम का कार्यक्रम आपस में तय कर आराम करने का विचार कर लेट गये।
अमित व अर्पण एक-दूसरे को अपनी खींची तस्वीरें दिखाने लगे। स्वयं मैं बंद आँखें किये त्रिवेणी घाट पर मानो पुनः विचरण करने लगी।

(क्रमशः)
(चतुर्थ भाग समाप्त)

रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ०९/०७/२०२२.

278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all
You may also like:
👉 सृष्टि में आकाश और अभिव्यक्ति में काश का विस्तार अनंत है।
👉 सृष्टि में आकाश और अभिव्यक्ति में काश का विस्तार अनंत है।
*Author प्रणय प्रभात*
आज़ाद
आज़ाद
Satish Srijan
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
पूर्वार्थ
माँ की करते हम भक्ति,  माँ कि शक्ति अपार
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार
Anil chobisa
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
(6)
(6)
Dr fauzia Naseem shad
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
माँ के लिए बेटियां
माँ के लिए बेटियां
लक्ष्मी सिंह
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
"रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
नारी
नारी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
Kishore Nigam
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
Ravi singh bharati
भूल गए हम वो दिन , खुशियाँ साथ मानते थे !
भूल गए हम वो दिन , खुशियाँ साथ मानते थे !
DrLakshman Jha Parimal
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
माँ
माँ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
Tushar Jagawat
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
💐प्रेम कौतुक-216💐
💐प्रेम कौतुक-216💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सफलता का महत्व समझाने को असफलता छलती।
सफलता का महत्व समझाने को असफलता छलती।
Neelam Sharma
ईश्वर से यही अरज
ईश्वर से यही अरज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...