Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।

धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है,
वेदना भरी चीखों का मुख से नहीं, आत्मा से ताना-बाना है।
मान-सम्मान बढ़ाने को, उसे डोली में लेकर आना है,
फिर वही मान हनन कर उसे, पाताल की राह में भटकाना है।
पहले तो इंद्रधनुषी रंगों से, उन नयनों को सजाना है,
फिर उन्हीं आशा भरे नयनों को, सपनों से वंचित करवाना है।
कृत्रिम सुंदरता की आर में, उसे पायल तो पहनाना है,
फिर उन्हीं पायलों को, जंजीरों का रूप दे जाना है।
घर की गृहस्वामिनी होने का, भ्रमजाल भी फैलाना है,
फिर उसी घर को उसके लिए, शापित कोठरी भी बनाना है।
प्रेम की पवित्रता को, स्वार्थ में रंग जाना है,
और चरित्र पर उसके हीं, सैंकड़ों सवालों को उठाना है।

3 Likes · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
23/130.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/130.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
*वीर सावरकर 【गीत 】*
*वीर सावरकर 【गीत 】*
Ravi Prakash
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
VINOD CHAUHAN
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
Shutisha Rajput
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
दुनिया असाधारण लोगो को पलको पर बिठाती है
दुनिया असाधारण लोगो को पलको पर बिठाती है
ruby kumari
मित्र कौन है??
मित्र कौन है??
Ankita Patel
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
💐Prodigy Love-28💐
💐Prodigy Love-28💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
कवि रमेशराज
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
'अशांत' शेखर
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
सुनी चेतना की नहीं,
सुनी चेतना की नहीं,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
सही पंथ पर चले जो
सही पंथ पर चले जो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
शेखर सिंह
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
Loading...