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28 Mar 2024 · 1 min read

“मेरी नज्मों में”

“मेरी नज्मों में”
आँसुओं का
कोई लफ़्ज़ नहीं होता
ना ही होती है
अहसास की कोई किताब,
कुछ ऐसे भी
होते हैं सवाल
जिसके होते नहीं कोई जवाब।

1 Like · 1 Comment · 29 Views
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