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6 May 2024 · 1 min read

दोहे

दोहे
🍃

तन मन मधुवन हो गया,नैन हुए बृजधाम ।
श्वासों मे सुमरिन हुआ, रोम -रोम में श्याम ।।
🍃
कान्हा की बंशी मधुर, स्वर के उठे हिँडोल ।
बलि जा री मुस्कान की ,रसना राधे बोल
🍃
सखियाँ बाजू में खड़ी , प्रीतम मारे सैन ।
नैनो पर पहरे लगे , व्याकुल मन बेचैन ।
🍃
प्रियतम को पाती लिखूँ ,धड़कन करती शोर ।
चाहत चितवन ढूँढ़ती नाचे मनवा मोर
🍃
मौसम मनभावन हुआ,उठा आज मन डोल ।
भीगा आँचल साजना,रहा शोखियाँ घोल ।।
🍃
मस्ती गीतों में सजी,दोहे हैं मदहोश ।
मुक्तक -मुक्तक रागिनी, असर करे खामोश ।।
✍🏻
डॉक्टर रागिनी शर्मा
इंदौर

Tag: Poem
2 Likes · 26 Views
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