Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2021 · 1 min read

रानी झांसी

आल्हा/वीर छंद,

जीत कालपी रण में रानी,अंग्रेजों को थी ललकार।
भीषण युद्ध हुआ रानी से,दोनों हाथों में तलवार।।
जब-जब दुश्मन जाल बिछाता, झलकारी करती संहार।
चंडी बनकर झपटी रानी, धर प्रलंयकर का अवतार।।
जनरल स्मिथ को रण में घेरा,रानी देती धूल चटाय।
झलकारी जो डटी वहाँ थी,फिरंगियों को रही सताय।।
रानी झांसी अमर सुता थी,समर क्रांति का बन हथियार।
स्वतंत्रता का परचम थामे, वीर शहीदों का व्यवहार।।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
मौलिक रचना।

Language: Hindi
463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पंख पतंगे के मिले,
पंख पतंगे के मिले,
sushil sarna
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
*बाल गीत (पागल हाथी )*
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
किस्मत
किस्मत
Vandna thakur
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
Ravi Prakash
उसने
उसने
Ranjana Verma
"बेटी और बेटा"
Ekta chitrangini
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
बितियाँ बात सुण लेना
बितियाँ बात सुण लेना
Anil chobisa
6-
6- "अयोध्या का राम मंदिर"
Dayanand
#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
Kshma Urmila
अबला नारी
अबला नारी
Neeraj Agarwal
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
"यही वक्त है"
Dr. Kishan tandon kranti
2527.पूर्णिका
2527.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
ऐ दोस्त,
ऐ दोस्त,
Umender kumar
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
Ranjeet kumar patre
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...