Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2021 · 1 min read

हायकु मुक्तक

हायकु मुक्तक

सत्ता लौकिक।सपने अलौकिक।कार्य मौखिक।

है अनैतिक।मँहगाई भौतिक।राजनैतिक।

लाये रुलैयाँ।मँहगी दवाइयाँ।साग सब्जियाँ।

कोरोना इक।कृत्रिम व जैविक।असांस्कृतिक।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष,
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
मौलिक रचना।

Language: Hindi
509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
पत्रकार
पत्रकार
Kanchan Khanna
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी के साथ साथ ही,
जिंदगी के साथ साथ ही,
Neeraj Agarwal
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
बीते कल की क्या कहें,
बीते कल की क्या कहें,
sushil sarna
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राखी सबसे पर्व सुहाना
राखी सबसे पर्व सुहाना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
जिन्दगी की पाठशाला
जिन्दगी की पाठशाला
Ashokatv
एक ही भूल
एक ही भूल
Mukesh Kumar Sonkar
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
पूर्वार्थ
3130.*पूर्णिका*
3130.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हिंदी दिवस पर एक आलेख
हिंदी दिवस पर एक आलेख
कवि रमेशराज
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
आनंद
आनंद
RAKESH RAKESH
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
बता तुम ही सांवरिया मेरे,
बता तुम ही सांवरिया मेरे,
Radha jha
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...