डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 515 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read गुरुवर गुरुवर के निर्मल चरण, करते ह्रदय प्रकाश । श्रुतियों की वाणी सुना, करते विमल विकास। करते विमल विकास, नयन कमलों को खोलें। गुरुवर भानु समान,शारदा माता बोलें। कहें प्रेम कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 185 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read संगीत तन मन झंकृत हो गया, सुन करके संगीत। गीतों का संगम हुआ,संग मनोहर मीत। संग मनोहर मीत, जगत जीवन संचारे। भाव अनोखे गूंज, गगन गूँजे गुंजारे। कहे प्रेम कविराय, मगन... Hindi · कुण्डलिया 120 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read बसंत ऋतु शोभित हैं ऋतुराज के, बासंती परिधान। ऋतुओं के सरताज हैं,ऋषियों में सम्मान। ऋषियों में सम्मान,आम राजा बौराया। कोकिल की सुन कूक, पुष्प टेसू हरषाया। कहें प्रेम कविराय, भ्रमर उपवन में... Hindi · कुण्डलिया 460 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read वर्षा ऋतु वर्षा ऋतु रिमझिम वर्षा हो रही ,नूतन किसलय चूम। हरित तृणों की नोक पर ,बारिश बूंदे झूम। बारिश बूंदे झूम, मेघ गरजे घनघोरा। नर्तन करें मयूर,मोरनी का चितचोरा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 235 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read शीत ऋतु आया मौसम शीत का ,गर्मी दूर भगाय। जाड़े से बचना सभी, जब मौसम अति भाय। जब मौसम अति भाय,कटे रातें सब प्यारी। पहनें हों परिधान ,धूप की महिमा न्यारी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 287 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read नारी नारी की जो गोद है, ममता का ही रूप। माँ की ममता के लिए, महिला का प्रारूप। महिला का प्रारूप, ऋचा की अद्भुत रचना। शोभित मोहित भाव , मातु अद्भुत... Hindi · कुण्डलिया 317 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Oct 2022 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी ,यार ये जिन्दगी।2। रोटियां जो मिली,... Hindi · ग़ज़ल 3 1 256 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read शुभ करवा चौथ आँख मिचौली खेलता ,व्योम चौथ का चाँद। चंद्र चाँदनी संग दिखे, करवा लेकर चाँँ द। अर्ध्य चंद्र को दे रहीं, चंद्र मुखी पति आज। व्रत से विह्वल आज है,द्युति यामिनी... Hindi · मुक्तक 226 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read विश्व मानसिक दिवस वर्ल्ड मेंटल हेल्थ का, शुरू हुआ अभियान। खुशियाँ जो भी बाँटता, खुश है आठों याम। घर घर मानस रोग है, दुःख का है सैलाब। मानस रोगी अब कहे,कब होगा कल्याण।... Hindi · मुक्तक 1 1 243 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Oct 2022 · 1 min read विरासत विरासत लूट खसोटी और गुलामी ,अब- जब मिली विरासत में। खूनखराबा व बंटवारा ,तब- तब मिला सियासत में। भ्रष्टाचारी नीति बनाकर, जाँति- पाँति में बाँट दिया। राजनीति में चाटुकार को,प्रश्रय... Hindi · गीत 1 200 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Oct 2022 · 1 min read बेटियां गर्भ में पल रही, एक नन्ही कली, पुष्प शतदल रही, एक नन्ही कली, मोह छूटे नहीं,लोभ टूटे नहीं, गोद में छल रही, एक नन्ही कली। हर्ष से तुम पलो,खुश रहो,खुश... Hindi · मुक्तक 3 192 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Sep 2022 · 1 min read राम लला दर्शन अद्भुत दर्शन राम का,कलयुग में हो आज। रामलला मन में बसे,करते पूरन काज। अनुपम छवि प्रभु राम की,हिय में बसती आय। भव्य दिव्य मंदिर सुखद,राम ट्रस्ट सम साज। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 1 233 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2022 · 1 min read ट्विन टावर ट्विन टावर को ध्वस्त किया है, धूल गुबार उड़ाकर। उल्टी गिनती भ्रष्टाचारी ,जों अब उन्हें सिखाकर लोभ त्याग राजस्व व कर का ,शुरू किया शुभ खेला। लालच के ठेकेदारों को,विस्फोटक... Hindi · Poem 1 166 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Aug 2022 · 1 min read सावन की शुचि तरुणाई का,सुंदर दृश्य दिखा है। सावन की शुचि तरुणाई का , सुंदर दृश्य दिखा है। घर-आंगन की अँगड़ाई पर, सुंदर गीत लिखा है। यौवन दहका,बारिश चहकी,बूंद बूंद है महकी। तन्हाई में अब तरुणी ज्यों ,... Hindi · मुक्तक 1 461 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Aug 2022 · 1 min read स्थानांतरण परिवर्तन कर स्थान में ,नीति न समझे लोग। चले संघ धीमी गति ,मंजिल का यह जोग। महिमा मंडित लोग हैं, धन वर्षा है खूब। लक्ष्मी का दर्शन करें, सुबह शाम... Hindi · मुक्तक 238 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Aug 2022 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता दिवस पावन स्वतन्त्रता दिवस, पावन है वर्षगांठ। देश तिरंगा मय हुआ, आजादी का पाठ। दृढ़ निश्चय करके रहें,अपना अवगुण छोड़। शासन जब हो सात्विक ,सबकी अपनी ठाठ। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 187 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Aug 2022 · 1 min read नया चिकित्सक हरे भरे मोहक लगे, हमें ग्राम संदेश नये डाक्टर चाहते, नित्य नया परिवेश। बने नये जो डाक्टर, मोहक सपने साथ। मिले सभी का साथ जो,सिद्धहस्त हो हाथ। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · दोहा 1 230 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Aug 2022 · 1 min read सरकारी चिकित्सक गाँव चिकित्सा हम करें, घर आँगन को छोड़। पब्लिक ताना मारती, साहब जी रणछोड़।1। जनता खाये रेवड़ी,करती रोज विकास। डाक्टर रिश्ते जोड़ कर,रहा मिटाता प्यास। 2। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम... Hindi · दोहा 212 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 2 min read मुंशी प्रेमचंद, एक प्रेरणा स्त्रोत मुंशी प्रेम चंद, प्रेरणा स्त्रोत। हिंदी लेखन के अद्वितीय सूर्य, कलम के धनी , कहानी सम्राट प्रेमचंद जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे ।भाव प्रवण लेखनी ,आदर्शवाद ,यथार्थवाद और प्रगतिशील... Hindi · लेख 390 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read प्रियतम सीप नयन हैं अधखुले, श्याम वर्ण सम गात। खोये स्वप्नों मेंं सजन, मधुर मधुर मुस्कात। प्रिय की ऐसी प्रेरणा, आलिंगन की चाह। हँस कर बोले प्रियतमा, मधुर मिलन की बात।... Hindi · मुक्तक 1 353 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read पानी बरसे मेघ से पानी बरसे मेघ से,बिजली चमके पार । जल प्लावन सब ओर है,त्राहि त्राहि करतार। त्राहि त्राहि करतार, झमाझम पानी बरसे। जन मानस हो त्रस्त,जल व विद्युत को तरसे। पर्यावरण स्वदोष,... Hindi · कुण्डलिया 1 363 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2022 · 1 min read बरसात बरसात, झूम झूम के मेघा बरसे, आयी अब बरसात है । सावन में दिल ऐसे झूमे, माँई! दिल सरसात है । जैसे हथिनी सूंढ़ उठा के, पानी भरभर फेंक दे।... Hindi · मुक्तक 1 360 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Jul 2022 · 1 min read यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से यशोधरा के नयनों को, क्या गौतम पढ़ पायेगें। अश्रु पूरित व्यथा- कथा को,बुद्ध कभी गढ़ पायेगें। गौतम भामिनि होकर तुमने ,क्या पाया पति को खोकर। हुये तथागत वो गौतम से,तुमने... Hindi · गीत 1 2 468 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read करके शठ शठता चले मित्रों, सादर समर्पित है कुण्डलिया विषय-विश्वेश्वर महादेव करके शठता शठ चले, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल... Hindi · कुण्डलिया 337 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read नन्हा और अतीत सच नन्हे की भूख को, कौन मिटाता यार। नन्हा भूखा ही रहा,कलम कर गयी वार। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम मित्रों समर्पित है दोहा राहों पर मिलता नहीं , सोया हुआ... Hindi · दोहा 1 296 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read कवि का कवि से ' कवि का कवि से सम्मान होना चाहिए। सुकवि का हृदय से आह्वान होना चाहिए। तरन्नुम में पढें या ठेठ हिन्दी में, काव्य का संविधान होना चाहिये। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · मुक्तक 2 718 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read हरियाली और बंजर विश्व पर्यावरण दिवस पर मित्रों सादर समर्पित है गीत। हरियाली औ बंजर कोसे हरियाली बंजर को,क्यों विकास इतना करती। फलस्वरूप बंजर धरती को,कंक्रीट है क्यों भरती?। क्यों मानवता हरित धरा... Hindi · गीत 337 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read अनुपम माँ का स्नेह अनुपम मां का स्नेह है , अनुभव का नहि तोड़। शतजीवी हों कामना,माँ अपनी बेजोड़। माँ अपनी बेजोड़ ,समस्या सब हर लेती। ममता की है छाँव,ठाँव है सबको देती कहें... Hindi 336 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 5 min read जर,जोरू और जमीन वर्तमान राजनीतिक परिवेश में ग्रामीणों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। ग्राम और ग्रामीण राजनीतिक संस्कारों के संरक्षक ,पालक- पोषक हैं। धरती से जुड़ा हुआ राजनेता ही सबसे सफल... Hindi · कहानी 1 882 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read महाराणा प्रताप मित्रों, सादर समर्पित है आल्हा(वीर छंद) विषय-महाराणा प्रताप चेतक को साथ लिये राणा,रण मेंं मुगलों को ललकार। भीषण युद्ध किया अकबर से, प्रकटे महाकाल के यार। सिहों जैसे दमके राणा,चम... Hindi · लोकगीत 1 2 450 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read विश्वेश्वर महादेव शठ करके शठता चलें, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला।... Hindi · कुण्डलिया 3 2 689 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read हरियाली और बंजर कोसे हरियाली बंजर को,क्यों विकास इतना करती। फलस्वरूप बंजर धरती को,कंक्रीट है क्यों भरती?। क्यों मानवता हरित धरा को,अपमानित कर रहती है? कंक्रीट का जंगल लेकर, खुशियाँ पाकर कर सहती... Hindi · गीत 398 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 May 2022 · 1 min read गुरू गोविंद मित्रों सादर समर्पित है ,आल्हा। गुरू गोविंद बडे़ लडै़या,संहारा मुगलों का ताज। दोनों पूतों की बलि देदी, ऋणी हो गया हिन्द समाज। हर हर महादेव के नारे,गूंज रहे थे तीनों... Hindi · लोकगीत 316 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2022 · 1 min read हायकु मुक्तक-पिता असरदार। बच्चों का वफादार। है कामदार। पिता का प्यार। अनमोल बहार। घर संसार। तर्क की युक्ति। पत्नी की अनूभूति। सहानूभूति। सहता वार। अनुशासित प्यार। सबका यार। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 11 12 636 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पितृ स्तुति पालक पोषक है पिता,देव तुल्य सम मेव। कर्ता धर्ता आप हैं,पिता ब्रह्म मम एव। मात पिता की छांव में,जीवन स्वर्ग समान। एक सत्य ब्रह्मांश है, पिता तुल्य त्वं देव। डा.प्रवीण... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 13 14 740 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पिता की छांव दूर क्षितिज के पार है,सपनों का इक गांव। चंद्र किरण देती वहां,नयना को इक छांव। बचपन की अठखेलियां ,घोड़े कुर्सी दौड़। पिता संग थे खेलते, खुशियां की थी ठांव ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 18 25 578 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 May 2022 · 7 min read ब्रेक अप वर्तमान भौतिकता वादी समाज में सात फेरे लेने का अर्थ आज भी सात जन्मों का बंधन है। यह कहीं से कॉन्ट्रैक्ट दृष्टिगत नहीं होता है। पति- पत्नी के बीच विश्वास... Hindi · कहानी 1 2 352 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Apr 2022 · 7 min read ब्रेक अप ब्रेकअप वर्तमान भौतिकता वादी समाज में सात फेरे लेने का अर्थ आज भी सात जन्मों का बंधन है। यह कहीं से कॉन्ट्रैक्ट दृष्टिगत नहीं होता है। पति- पत्नी के बीच... Hindi · कहानी 1 584 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Apr 2022 · 1 min read हायकु हायकु कर्म की आस। सुख की अनूभूति। भक्ति की प्यास।(1) सृष्टि अनंत। है ब्रह्मांश आजन्म। है पुनर्जन्म।(2) ब्रह्म ही सत्य। अहम जो असत्य। शाश्वत तथ्य।(3) सुखानुभूति। है सनातन सत्य। कर्मानुभूति।(4)... Hindi · हाइकु 1 469 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2022 · 1 min read साल गिरह भैया प्यारे आ गये, घर में बाजे साज। मैया आशीर्वाद दे, साल गिरह पर नाज। साल गिरह पर नाज,केक सबने हैं काटा। फेश वेश पर लगा, केक सबने हैं बाँटा।... Hindi · कुण्डलिया 313 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2022 · 1 min read प्रेम की साधना "प्रेम" की साधना नित्य चलने लगी। साधकों कामना नित्य फलने लगी। कल्पना बन गई मां की आराधना । स्वार्थ की भावना हाथ मलने लगी। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,प्रेम Hindi · मुक्तक 1 399 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2022 · 6 min read लुटेरों का सरदार लुटेरों का सरदार समाज में हर जाति संप्रदाय के लोग रहते हैं। कुछ प्रभुता संपन्न कुछ प्रभुता हीन विपिन्न। प्रभुता नेतृत्व क्षमता का गुण है ।नेतृत्व क्षमता सबके बस की... Hindi · कहानी 243 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Mar 2022 · 9 min read परित्यक्ता परित्यक्ता पाठकों! परित्यक्ता कहानी एक विवाहित जोड़े के बिछड़ने की कहानी मात्र नहीं है ।यह सामाजिक विघटन और चारित्रिक मूल्यों के अवमूल्यन की कहानी है। जिसे समाज ने स्वीकार किया... Hindi · कहानी 1 2 517 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2022 · 1 min read होली पथरायी सूनी आँखों में, खोया प्यार जगा दे होली। खोये खोये सपनों को भी ,सच में यार जगा दे होली। सपनों के लुट जाने का दुःख ,दुःख कर अहसास हुआ... Hindi · गीत 356 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 4 min read भरत कुल3 भाग 3 सेठ जी के छोटे बेटे का नाम किशोर है। किशोर को असलहे का बहुत शौक है। वह कभी-कभी नए हैंड मेड असलहे लेकर घर में आ धमकता।कभी देर... Hindi · कहानी 1 243 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 5 min read भरत कुल 9 भाग- 9 सेठ जी की गृहस्थी अच्छे से चल रही है। इतना समय कब बीत गया पता ही नहीं चला। अब किरण 25 वर्ष का हो चुका है। यह उसका... Hindi · कहानी 241 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 2 min read भरत कुल 6 भाग 6 अब सुशीला माँ स्वस्थ हो रही थी। बड़ी बहू ने तन मन धन से अपनी सास की सेवा की थी ।अतःसुशीला की दिनचर्या अब सामान्य हो रही थी।... Hindi · कहानी 281 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 4 min read भरत कुल 10 अब किरण हर्षा के घर पहुंचा । अचानक ,भैया को घर पर देखकर हर्षा हतप्रभ रह गई । उसने भैया का स्वागत करते हुए परिवार का हालचाल पूछा। किरण ने... Hindi · कहानी 210 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 3 min read भरत कुल 8 भाग-8 छोटी बहू प्रज्ञा ने सासू मां से शिकायत की, किशोर कुछ दिनों से घर नहीं आया। प्रज्ञा बहुत परेशान थी। उसका उसके पति पर पूर्ण अधिकार था ।उसे सब... Hindi · कहानी 478 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Mar 2022 · 6 min read भरत कुल 7 भाग-7 हर्षा सुंदर व सुशील कन्या थी। वह अठारह वर्ष की थी। वह अपने परिवार के प्रति समर्पित, व्यवहार कुशल,व अनुभवी कन्या थी। प्रत्येक परिवार में होने वाली उठापटक, संस्कारों... Hindi · कहानी 167 Share Previous Page 3 Next