कवि संजय कौशाम्बी Tag: ग़ज़ल/गीतिका 193 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मिरी ख़मोशी को... मिरी ख़मोशी को फ़रियाद समझ बैठा है उधार ले के वो इमदाद समझ बैठा है मजे की बात तो ये है कि तिरी दुनिया में शिकार खुद को ही सैय्याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 159 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जिन्दगी तेरे सिवा और क्या बाकी रहा ऐ आशिकी तेरे सिवा कर नहीं पाया किसी की बन्दगी तेरे सिवा जब अँधेरे बन गए हिस्से की मेरी मिल्कियत न मिली मुझको कही भी रोशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मदारी का तमाशा हो रहा है था वादा क्या मगर क्या हो रहा है हकीकत में दिखावा हो रहा है चलो बच्चों जरा ताली बजाओ मदारी का तमाशा हो रहा है खबर उड़ने लगी जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हमारा नाम आने दीजिए तोड़कर अरमान दिल के यूँ न जाने दीजिए हक उसे भी है उसे भी दिल दुखाने दीजिए कैद करिए खूब सूरज को तिजोरी में मगर झोपड़ी में जुगनू को तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हिन्दुस्तान ज़िन्दा है है गहरा जख्म़ फिर भी आज तक नादान ज़िन्दा है नमी है आँख में लब़ पर मगर मुस्कान ज़िन्दा है कोई जाकर जरा बतला दो नफऱत के च़रागों को हमारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read खुद को भी समझाइए साहिब ऐसी भी क्या नाराजगी फरमाइए साहिब बातें हैं जो भी दिल में वो बतलाइए साहिब भूखे मरोगे कब तलक ईमानदारी में थाली भरी है व्यंजनों से खाइए साहिब आईना खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बने मुश्किल से जो रिश्ते बने मुश्किल से जो रिश्ते निभाना छोड़ मत देना नहीं आयेंगे हम लेकिन बुलाना छोड़ मत देना करेंगी भीड़ में तनहा बड़ी बदमाश हैं यादें तसव्वुर मे हमारे खिलखिलाना छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 181 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बड़ा मगरूर बैठा है बड़ा मगरूर बैठा है कहीं आता न जाता है किसी के इश्क में शायद कोई सपना सजाता है कहूँ क्या हाल दीवाने का जाकर देखिए साहिब बनाकर झोपड़ी लोहे का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read यूँ सच बोलेगा तो यूँ सच बोलेगा तो सारा जमाना रूठ जायेगा ये आईना किसी दिन देख लेना टूट जायेगा नुमाया हो गयी गर ख़्वाब की दौलत निगाहों में लुटेरा कोई आकर के खजाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हो जिसके हाथ लाठी हमें सब कुछ पता है कैसे क्या सरकार होता है है चोला सेवियों का पर फ़क़त व्यापार होता है लड़ाई कुर्सियों की है महज़ इस मुल्क में क्योंकि हो जिसके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 379 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read उड़ गए बच्चे परिंदों के... कोर्ट में भी जुर्म का ये सिलसिला होता रहा झूठे सबूतों की बिना पर फैसला होता रहा चंद सिक्के फेंककर वो चैन से सोए मगर जिंदगी में मुफ़लिसों के जलजला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 170 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मन्दिर औ मस्जिद दिखा देते हैं वो काम सब सम्भव बना देते हैं वो रेत में गुलशन खिला देते हैं वो एक मुद्दे को दबाने के लिए इक नया मुद्दा बना देते हैं वो लूटते सब मुल्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 171 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सिकंदर अब भी रोता है हँसी है होठ पर लेकिन वो अंदर अब भी रोता है पलट इतिहास के पन्ने सिकंदर अब भी रोता है बहुत की कोशिशें लेकिन न खारापन गया उसका किसी दरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मिरे लहजे में बतियाया करोगे युँ हर पल खुद को तड़पाया करोगे मुझे ख्यालों में जब लाया करोगे यकीनन आँख में आयेंगे आँसू मिरे गीतों को जब गाया करोगे शरारत याद जब आयेगी मेरी तन्हा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 222 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुमने पढ़ना छोड़ दिया नित नवीन क्यों कीर्तिमान अब तुमने गढ़ना छोड़ दिया जड़वत् क्यों हो गए मित्र क्यों आगे बढ़ना छोड़ दिया अहंकार से ग्रसित तुम्हारा जब देखा धन-वैभव तो पीछे रहना और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ये तितलियाँ नहीं होतीं भरी फूलों से अगर डालियाँ नहीं होतीं तुम्हारे बाग में ये तितलियाँ नहीं होतीं हवा-पानी में अगर यारियाँ नहीं होतीं जिंदा पानी में कभी मछलियाँ नहीं होतीं कटे हैं जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 193 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चमचागिरी होती रही थी पुलिस थाने में पर....गुण्डागिरी होती रही मात्र आश्वासन मिला.....नेतागिरी होती रही दारुलशफा के सामने ही....वो तड़पकर मर गयी छुप के घर के कोने में ही...वैद्यगी होती रही जब गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 222 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read कैसे भला मिलायेंगे हमसे निगाह वो बैठे हुए हैं करके हजारों गुनाह वो कैसे भला मिलायेंगे हमसे निगाह वो चोरी,डकैती,कत्ल के मुजरिम हैं जो हुजूर देते रहे सुधरने की हमको सलाह वो वक्त़ की आँधी ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 155 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read धीरे-धीरे उछलो यार अंतराणविक बल कम होगा बनकर बर्फ न पिघलो यार भाप के जैसे उड़ जाओगे इतना भी मत उबलो यार झूठ पकड़ में आ जायेगा जब भी तुम सच बोलोगे फुँफकारो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 227 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read फिर मंज़िल नहीं मिलती पलक ख़्वाबों को निद्रा से कभी बोझिल नहीं मिलती कदम रक्खे कहाँ कोई गली काब़िल नहीं मिलती सभी ग़म भूलकर हँसना यही है ज़िन्दगी क्योंकी हो जिनकी आँख में आँसू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 306 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read न तो कोई साथी अपना न कोई हमदर्द चली सफारी धूल उड़ाती दे आँखों में गर्द एसी बोगी क्या जाने जनरल डिब्बे का दर्द लाज लूटकर किसी बहन की चले गए कामांध लगा मुखौटे खड़े थे हिंजड़े कहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 163 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बेटे को अफसर बना दिया दरिया को कहो तुमने ये क्यों कर बना दिया खुद में जो मिलाया तो समंदर बना दिया बो-बो के फसल यादों की इस दिल के खेत मे अच्छी भली जमीन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 315 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हम सिरफ़िरे कुछ नया माँगते हैं सहरा से आबोहवा माँगते हैं हम काफ़िरों से दुआ माँगते हैं तुमने बहारों का सौदा किया पर हम तो वो बिछड़ी खिजाँ माँगते हैं सब कुछ पता है मगर देखिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चला था जब मैं चला था जब मैं साथ मेरी परछाई भी थी भीड़ के दामन में दुबकी तनहाई भी थी किसी के घर में मातम था सन्नाटा था वहीँ किसी के घर गूंजी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read याद भी अब तुम्हारी रुलाती नहीं चाँदनी आजकल छत पे आती नहीं रात भी अब कभी मुस्कुराती नहीं झूठ सुनना अगर चाहो तो लो सुनो याद भी अब तुम्हारी रुलाती नहीं गर मोहब्बत में न हारते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 182 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बाद में शख़्स वो मुस्कुराया बहुत ख्वाब में जा के उसको सताया बहुत इस तरह वक़्त हमने गंवाया बहुत ज़िंदगी आजमा ले तू जी भर मुझे मैंने भी तो तुझे आजमाया बहुत था पराया जो अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 166 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read याद आती हैं वो गुलशन.फूल,वो रंगीं फिजायें याद आती हैं मुझे सावन की वो काली घटायें याद आती हैं बड़ा प्यारा सा अपना गाँव था तालाब के पीछे मुझे मिटटी के घर की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 155 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आँसू देने वाला कोई पराया होगा फूलों से जब दामन को उलझाया होगा काँटों ने तब अपना रंग दिखाया होगा मंज़िल पर जाकर के ही जो ठहरे होंगे उनको चलना वक़्त ने ही सिखलाया होगा यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 211 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आँधियों में लौ जलाने के लिए डर त्याग कर लड़ जाइए डर को मिटाने के लिए घर से निकल कर आइए घर को बचाने के लिए खामोश रहना हद से ज्यादा बुज़दिली है आजकल कर दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 189 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read एलबम में तस्वीर पुरानी तेरी भी है बातें सारी याद ज़बानी तेरी भी है अफसाने में मेरे कहानी तेरी भी है खो जाता हूँ जाकर मैं उन गलियों में खोई-खोई जहाँ निशानी तेरी भी है ठहरा-ठहरा सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 192 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चुनाव आ गया उठने लगे सवाल लो चुनाव आ गया होने लगे बवाल लो चुनाव आ गया मंडी सजी है जीत हार तौल के लिए बैठे हुए दलाल लो चुनाव आ गया छूरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 283 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बीच सदन मा जूता चलिगा मार सही के...झूठा चलिगा भैंस खड़ी बा खूँटा चलिगा होइ गइ चोरी मंत्रालय मा चोरवा फाइल लूटा चलिगा पेंशनियाँ से दूर भएन जब सरकरियन मा नोटा चलिगा ठोंक पीट के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे कुदरत ने ही लिक्खा है सब कुछ अफ़साने में बेमतलब हँसते हैं, बेमतलब रोते हैं है कौन नहीं पागल इस पागलखाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 178 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सभी के दिल में रहता है किसी मंदिर या मस्जिद में कभी ईश्वर नहीं मिलता सभी के दिल में रहता है कभी बाहर नहीं मिलता नदी तुम हो वो सागर है बताओ अब जरा मुझको नदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को छूने दौड़ोगे मेरी परछाँई को जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को मन को तो समझा लोगे माना मैने पर कैसे समझाओगे अँगड़ाई को घर की दीवारों ने भी महसूस किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अबकी होली में अब रंग जमाएंगे...हम अबकी होली में तुझको रँग जायेंगे...हम अबकी होली में रंगीन जमीं होगी...रंगीन फ़लक होगा यूं गुलाल उड़ाएंगे...हम अबकी होली में ढोलक से मजीरे से...कह दो तैयार रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 229 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read होली की विदाई महफिल है सजी दीवानों की करने धमाल तुम आ जाओ होली की विदाई करनी है लेकर गुलाल तुम आ जाओ हम लोग हैं सीधे साधे जन चुप मार के बैठे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 466 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read करने लगा हूँ शायरी सर्दी-जुकाम पर ना तो यकीं सुबह पे है ना तो है शाम पर आकर खड़े हैं इश्क़ में ऐसे मुकाम पर टूटा पड़ा था जोड़ा कितनी बार दिल मगर आने नहीं दी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 721 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अट्ठारह की हुई है वो बनकर के मजनू फिरता हूँ मैं जिसके प्यार में अट्ठारह की हुई है वो अबकी बहार में मतदाता सूची में भी उसका नाम आ गया कब से तड़प रहा था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मतदान के नाम जरा सा वक्त़ फुरसत का सुनो कुरबान कर देना दबाकर के बटन गणतंत्र का सम्मान कर देना तुम्हें सौगंध है इस देश की मिट्टी के कण-कण की वतन के वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आप रहने दीजिए दिल में है कुछ बात हमको भी तो कहने दीजिए आँसुओं को रोकना मुश्किल है बहने दीजिए भीड़ से खुशियाँ यकीनन बाँटिए मिलकर मगर गम को तो कुछ देर तनहाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 204 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम कहाँ बैठे हुए हो मुँह फुलाए दिल भला लम्हात वो कैसे भुलाए जब खड़े थे सामने तुम सिर झुकाए वो मिला बैठा हुआ अपने ही भीतर हम जिसे चारों दिशा में खोज आए तुम बहारों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 413 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read गद्दार हो गए हम दिल के तुम्हारे जब से सरकार हो गए हम सारी बुराइयों के अवतार हो गए हम उलझे जो जा के तेरी जुल्फों की झुरमुटों में रुसवा शहर में अपने इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दीपक जला देता जो फूलों से गिरी शबनम उसे शोला बना देता मैं अपने आँसुओं से सारी दुनिया को जला देता तुम्हारी मुस्कराहट में ही मेरी जान बसती है ह्रदय के दर्द को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 189 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मुझे वो भुलाने लगे ये उजाले हमें जब सताने लगे हम अँधेरों से रिश्ता निभाने लगे हमने खुद को कहा जब से सूरज मियाँ लोग दिन में भी दीपक जलाने लगे टूटकर पंखुड़ी जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम हो उस पार के कर रहे जो खुशामद खरीदार के राज कैसे बताएँगे बाजार के बात मेरी तुम्हीं ने सरेआम की मत कहो कान होते हैं दीवार के नफरतों ने जहाँ हमको रुसवा किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 325 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चुपके से चाहत का पैगाम लिया था चुपके से पढ़कर दिल को थाम लिया था चुपके से बैठे थे खामोश अदब की महफ़िल में आँखों से पर काम लिया था चुपके से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read छोड़ आए हैं खिले तू जिंदगी हम वो सहारा छोड़ आए हैं हसीं इक मौत का सुंदर नजारा छोड़ आए हैं भँवर में डूबने वालों जरा कोशिश करो के हम नदी के पास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बस कुछ कदम और हैं सह लो सह लो के थोड़े सितम और हैं पास मंजिल है बस कुछ कदम और हैं जो भी करना है कर लो अभी वक़्त है ये न सोचो कि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read फिसलती रही जिंदगी आग हरदम उगलती रही जिंदगी साथ मेरे टहलती रही जिंदगी मौत का वक़्त तो था मुकर्रर मगर रोज मुझको निगलती रही जिंदगी जलते सूरज की पेशानी को चूमकर साँझ बनकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share Previous Page 3 Next