Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

मिरी ख़मोशी को…

मिरी ख़मोशी को फ़रियाद समझ बैठा है
उधार ले के वो इमदाद समझ बैठा है

मजे की बात तो ये है कि तिरी दुनिया में
शिकार खुद को ही सैय्याद समझ बैठा है

ग़ुलाम हो गया मजहब का,सियासत का,पर
तू अपने आप को आजाद समझ बैठा है

किसी ने कर दी क्या तारीफ ज़रा सी झूठी
वो खुद को मीर की औलाद समझ बैठा है

जो जानता नहीं गहराई से कौशाम्बी को
वो मेरा घर इलाहाबाद समझ बैठा है

वो है गुनाह फ़कत और कुछ नहीं ‘संजय’
जिसे तू गलती से ज़ेहाद समझ बैठा है

152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मूल्य वृद्धि
मूल्य वृद्धि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
"सचमुच"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
*अध्याय 8*
*अध्याय 8*
Ravi Prakash
दर्द का बस एक
दर्द का बस एक
Dr fauzia Naseem shad
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
आज भगवान का बनाया हुआ
आज भगवान का बनाया हुआ
प्रेमदास वसु सुरेखा
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
The_dk_poetry
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
हरवंश हृदय
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
"कभी मेरा ज़िक्र छीड़े"
Lohit Tamta
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
जीवन है बस आँखों की पूँजी
जीवन है बस आँखों की पूँजी
Suryakant Dwivedi
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
2776. *पूर्णिका*
2776. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
Loading...