Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2023 · 1 min read

मूल्य वृद्धि

व्यंग्य कविता

मूल्य वृद्धि

पेट्रोल के मूल्य में
बीस पैसे और
डीजल के मूल्य में
दस पैसे की वृद्धि हुई ।
इसकी आड़ में
अन्य जीवनोपयोगी
आवश्यक वस्तुओं के
मूल्य में दस से पंद्रह प्रतिशत
तक की वृद्धि हो गई ।

– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
Paras Nath Jha
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
gurudeenverma198
फितरत
फितरत
kavita verma
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr.Priya Soni Khare
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
Ravi Prakash
मानवता और जातिगत भेद
मानवता और जातिगत भेद
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
उगते हुए सूरज और ढलते हुए सूरज मैं अंतर सिर्फ समय का होता है
उगते हुए सूरज और ढलते हुए सूरज मैं अंतर सिर्फ समय का होता है
Annu Gurjar
वो इशक तेरा ,जैसे धीमी धीमी फुहार।
वो इशक तेरा ,जैसे धीमी धीमी फुहार।
Surinder blackpen
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
Mohan Pandey
बढ़ना होगा
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
Sampada
जिसे तुम ढूंढती हो
जिसे तुम ढूंढती हो
Basant Bhagawan Roy
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
आखिर कब तक ?
आखिर कब तक ?
Dr fauzia Naseem shad
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
Amit Pathak
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...