डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Language: Hindi 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 30 min read गजल तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आना रदीफ़- चाहिए दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 7 min read गजल "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे भी लाचार लग रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 327 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर अधर वंशी राजती है, माल वैजंती गले में पाँव पायल बाजती है। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन... Hindi · कविता 2 1 562 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर पीतवर्णी वसन हैं, माल वैजंती सुशोभित नील नीरज नयन हैं। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन मग्न होकर... Hindi · कविता 1 1 597 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 May 2020 · 1 min read गीत पञ्चचामर छंद में गीत 'भारती पुकारती' धरा सपूत ओज पुंज भारती पुकारती, मशाल हाथ थाम भक्ति भारती हुँकारती। सुना रहीं शहादतें शहीद की कहानियाँ, मिटो स्वदेश के लिए दिखें नहीं... Hindi · गीत 1 1 480 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 May 2020 · 1 min read गीत 'रिक्शा चालक' सन्नाटा सड़कों पर पसरा, बैठ सवारी तकता है, लाचारीवश भूखा-प्यासा, तपन धूप की सहता है। कोराना की महामारी से, कैसा संकट छाया है? बीत गया ये दिन भी... Hindi · गीत 1 1 289 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल मचलती हसरतें 1222 1222 1222 1222 करें कातिल ज़माने को नज़र में धार होती है। अदावट ही मुहब्बत का यहाँ आधार होती है। सुनाने जब लगे जलसे में आकर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 260 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read मुकरी छंद कह मुकरी हीरे मोती तन बिखराए बालों में जाकर लिपटाए जा कपोल पर मारे ठुमका ए सखि साजन ?ना सखि झुमका! कारी-कारी बदरी छाई देख पिया के मन को भाई... Hindi · कविता 2 2 563 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 May 2020 · 1 min read कविता 'जीवन का सच समझ न पाऊँ' ________________________ जीवन का सच समझ न पाऊँ कुसुमित इच्छाएँ मुरझातीं। सावन पतझड़ बन जाएगा ऋतुएँ आ संदेश सुनातीं।। दर्द छुपाकर संघर्षों का कंटक पथ... Hindi · कविता 6 1 504 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 12 May 2020 · 3 min read लेख "माँ" शब्द को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि इस एक शब्द में समस्त सृष्टि समाहित है। माँ तो साक्षात् ईश्वर की छवि है। माँ के कदमों में ज़न्नत है।ऐसे... Hindi · लेख 3 1 260 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2020 · 1 min read गीत "उर्मिल की विरह-वेदना' छा गयी वीरानगी उर देख लक्ष्मण का गमन, आज उर्मिल घात निष्ठुर सह रही पीड़ा सघन। टूट अंतर्मन गया सुख कामना अब खो गयी, भोर के बुझते... Hindi · गीत 5 2 537 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 May 2020 · 1 min read दोहे विधा- दोहे प्रदत्त शब्द- औचित्य, पुलिन, पूनम, साकेत, बुद्ध। विद्या का #औचित्य क्या, बिना विनय, गुण, ज्ञान। पढ़-लिखकर पाता मनुज, जीवन में सम्मान।। बिना #पुलिन आधार के, मूरत गढ़ी न... Hindi · दोहा 2 340 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 May 2020 · 1 min read गीत भक्ति-गीत तुहिन कण मुक्तक चमकते भोर छितराने लगी, मोद मंजुल मालिनी मन मंद मुस्काने लगी। शुभ्र शुचिता स्वर्ण सज्जित नरगिसी आभास से, देह झिलमिल ओढ़ चूनर दमकती उल्लास से। ईश... Hindi · गीत 2 1 243 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 May 2020 · 1 min read मुक्तक 'चूड़ियाँ' आहटें सुन आपकी अब चहकती हैं चूड़ियाँ। लाल-पीली काँच की मिल खनकती हैं चूड़ियाँ। लौटकर आए मगर ओढ़े हुए खूनी कफ़न- टूटकर चीत्कार करती सिसकती हैं चूड़ियाँ। डॉ. रजनी... Hindi · मुक्तक 3 271 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'इश्क की होली' किनारा कर लिया जग से मगर मन पीर रखते हैं। जलाकर इश्क की होली जख़्म गंभीर रखते हैं। हवा का तेज़ झोंका ले उड़ा यादें जवानी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 240 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read मदिरा सवैया छंद छंद- मदिरा सवैया (वर्णिक) विधान-7 भगण +एक गुरु गोकुल में प्रभु रास रचा, अब मोर शिरोमणि श्याम रमे। होठ धरी मुरली हरि के, जन चैन चुरा कहुँ रूप जमे। साँवरि... Hindi · कविता 4 1 819 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'खुदाया कभी भी रिहाई न दे' उड़ें पर लगाकर सुझाई न दे। उन्हें सर ज़मीं पर खुदाई न दे। वफ़ा जो निभाते दिलों में बसे उन्हें भूलकर भी जुदाई न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक बचपन सौम्य आनन निरख मंजुल रीझ शिशु पुलकित हुआ। मेलकर आँगुल्य निज मुख बालमन शंकित हुआ। कौन मुझसा रूप धरकर छल रहा अविरल मुझे- गुन रहा उर भाव चंचल मौन... Hindi · मुक्तक 1 1 284 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक त्रय तप्त धरा शोषित मानव से धूप देह झुलसाती है। फूट गए कृषकों के छाले बंजर भू अकुलाती है। मूक वेदना सहती पृथ्वी रोम-रोम गहरी खाई- हरिताभा को तरसे धरती मेघों... Hindi · मुक्तक 2 2 526 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Apr 2020 · 1 min read गीत 'आराधना' सौम्य, मंजुल निरख छवि को उठ रही मन भावना, प्रीति प्रिय की बावरी बन कर रही आराधना। प्रेम की साकार मूरत खोजती -फिरती रही, नित नए सपने सँजोती रातभर... Hindi · गीत 2 2 370 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 383 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Apr 2020 · 1 min read गीत प्रकृति नील नीरद नेह बरसाकर हँसाने आ गया, पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया। वृक्ष, पर्वत, चंद्र, सूरज बन रहे उपहार हैं, ऊष्ण, बंजर इस धरा का कर रहे... Hindi · गीत 1 1 499 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Apr 2020 · 1 min read गीत कुकुंभ छंद विधान-16, 14 मात्राएँ, प्रति चरण 30 मात्राएँ, चार चरण, दो-दो चरण समतुकांत 'मौन व्यथा' शोक द्रवित होकर जीवन में विरह- वेदना सहता हूँ, मौन व्यथा उद्गारों की ले... Hindi · गीत 2 1 258 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Apr 2020 · 1 min read गीत स्वार्थ ,नफ़रत, द्वेष तज निज मन निरंजन कर चलो, गर्त्त का पर्दा हटाते आत्ममंथन कर चलो। आँख में भरकर उमंगें मूल्य अपना आँकते, लालसा के रथ चढ़े उपलब्धियों को नापते।... Hindi · गीत 1 564 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Apr 2020 · 1 min read गीत स्वार्थ ,नफ़रत, द्वेष तज निज मन निरंजन कर चलो, गर्त्त का पर्दा हटाते आत्ममंथन कर चलो। आँख में भरकर उमंगें मूल्य अपना आँकते, लालसा के रथ चढ़े उपलब्धियों को नापते।... Hindi · गीत 2 501 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read सवैया छंद 'राधा-कृष्ण' (विरह-वर्णन) ---------------------------------------- हरि छोड़ गए जिस हाल हमें, यमुना तट आज रुलावत है। घट नीर लिए उर पीर उठी,अब कूल- तरंग न भावत है। अँधियारि अमावस सावन की, बिन... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read सवैया छंद 'राधा-कृष्ण' (विरह-वर्णन) ---------------------------------------- हरि छोड़ गए जिस हाल हमें, यमुना तट आज रुलावत है। घट नीर लिए उर पीर उठी,अब कूल- तरंग न भावत है। अँधियारि अमावस सावन की, बिन... Hindi · कविता 418 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read गीत 'नरगिसी आभास' ---------------------- नरगिसी आभास लेकर चूमती जलधार को, देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को। मखमली अहसास पाकर मुस्कुराती बावरी, श्वेत हरसिंगार कुंतल में सजाती साँवरी। निरख उन्मादित... Hindi · गीत 1 391 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read गीत "ईश वंदना" ईश के दर पर खड़ी करबद्ध करती प्रार्थना। प्रेम अंतस में भरूँ सत्काम की हो कामना । छा रहा घनघोर तम अब खो रहा विश्वास है, चेतना को... Hindi · गीत 1 816 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read गीत 'जान है तो जहान है' छीन कर मुस्कान जीवन में भरा संत्रास है, आज कोरोना मनुज का कर रहा उपहास है। चीन से रिश्ता बना जग सह रहा उसकी चुभन,... Hindi · गीत 550 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 2 min read बालगीत 'बालगीत' अंग्रेजी अल्फाबेट के क्रम में काव्य-लेखन शब्दों के चयन की सूची- A-चींटी, B-ब्रश, C-कलर, D-डॉग, E-इंजन, F-फ्लैग, G-ग्रीन, H-अश्व, I-भारत, J-जंगल, K-पतंग, L-ज्योति, M-माँ, N-अंक, O-उल्लू, P-पाइनट्री, Q-कोयल, R-कक्ष,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 663 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read दोहे विधा-दोहे विषय- प्रदत्त शब्द-सोम, वैतरणी, अवगुंठन, पामर, नग। #सोम सुशोभित भाल पर, शंकर मान बढ़ाय। गरल पान शंभू किए, अंतस ताप घटाय।। दया, धर्म रख भावना, परहित जीवन सार। पुण्य... Hindi · दोहा 1 321 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक हनुमान जयंती हनुमान जयंती मुक्तक जन्मदिन बजरंग का सिंदूर तन पर साजता। नाम अंतस राम-सीता अंजनी सुत राजता। लो बधाई भक्त जन की पूर्ण कर दो कामना- सब करें गुणगान... Hindi · मुक्तक 1 1 484 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक हनुमान जयंती हनुमान जयंती मुक्तक जन्मदिन बजरंग का सिंदूर तन पर साजता। नाम अंतस राम-सीता अंजनी सुत राजता। लो बधाई भक्त जन की पूर्ण कर दो कामना- सब करें गुणगान... Hindi · मुक्तक 1 504 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक भूल मानवता रचे साजिश हँसे हैवानियत। चाल चीनी चल गया अब कौन लेगा कैफ़ियत। आज दहशत से भरा दिखता यहाँ इंसान है- लाश के अंबार देखो रो रही इंसानियत। डॉ.... Hindi · मुक्तक 1 512 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 250 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बुलंद हौसले' किसी-किसी की नज़र आसमान होती है। हसीन ख्वाब ज़मीं शादमान होती है। जिन्हें है खौफ़ नहीं रास्तों की मुश्किल का बला का जोश इरादों में जान होती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 274 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2020 · 1 min read अंतस का उत्पीड़न 'अंतस का उत्पीड़न' ------------------------ मेरे उत्पीड़न की ज्वाला, धधक उठी गहराएगी, अंतस के गहरे जख़्मों को, गाकर तुम्हें सुनाएगी। दर्द भरा है संघर्षों का, सुख-दुख जीवन में पाए, धूप-छाँव के... Hindi · गीत 1 1 275 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Mar 2020 · 1 min read अनुरागी मन 'अनुरागी मन' (गीत) देख तरंगित लहरों को मैं कितनी बार मचलता हूँ, बैठ किनारे सागर के मैं खुद से बातें करता हूँ। विरह-वेदना अंतस छाई प्यार न तेरा पाऊँ मैं,... Hindi · गीत 1 430 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Mar 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना (कुंडलिया छंद) मांसाहारी चीन से, फैला है यह रोग। रुधिर पान ऐसा किया, छोड़ा नहीं निरोग। छोड़ा नहीं निरोग, ग्रसित इससे जग सारा। ढूँढ़ रहा उपचार, बचा कब देश... Hindi · कुण्डलिया 1 469 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 17 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल लुटेरे रहनुमा इतरा शहर से गुज़रे हैं। ज़रा सँभल के चलें दिल जिगर से गुज़रे हैं। चुराके चैन हँसी आज हमसे छीनी है करीब आके दगा दे उधर से गुज़रे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 324 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 394 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद 'श्रम ही जीवन है ' मजदूरी का फांवड़ा ,साहस लेकर साथ। आत्मतोष श्रम से उठा, लीना लक्कड़ हाथ।। लीना लक्कड़ हाथ लक्ष्य ले आगे बढ़ती। कभी न मानी... Hindi · कुण्डलिया 250 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद 'श्रम ही जीवन है ' मजदूरी का फांवड़ा ,साहस लेकर साथ। आत्मतोष श्रम से उठा, लीना लक्कड़ हाथ।। लीना लक्कड़ हाथ लक्ष्य ले आगे बढ़ती। कभी न मानी... Hindi · कविता 2 234 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 390 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read वर्ण पिरामिड विषय--कोयल या उसके पर्याय विधा --वर्ण पिरामिड ===================== (1) ये पिक कूँ बोले मिश्री घोले गीत सुनाए मन अकुलाए साजन नहीं आए -------------------- (2) जा बैरी कोकिल वनप्रिया हरती जिया... Hindi · कविता 398 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read शिव विवाह 'शिव-विवाह' हे महादेव औघड़ दानी हे शिव शंकर हे नगवासी, हे करुणाकर हे कालेश्वर हे भोलेश्वर हे गिरिवासी! सिर सोम गंग बिराज रहे विष भोले कंठ समाया है, गल नाग... Hindi · गीत 626 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read होली के दोहे #फागुन आया प्रीत ले, रँग दूँ सारे अंग। काशी की गलियाँ कहें,खेलो होली संग।। #होली में रँग एक से, निकले टोली संग। लोकतंत्र पर चढ़ गया, साम्यवाद का रंग।। इंद्रधनुष... Hindi · दोहा 2 246 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read सवैया छंद "फाल्गुन" (किरीट सवैैया छंद) गोकुल में प्रभु रास रचावत मोर शिरोमणि रूप लुभावत। हस्त धरी मुरली मन भावत गोपिन ग्वाल धमाल मचावत।। फागुन की रुत देख सखा सब रंग-अबीर ,गुलाल... Hindi · कविता 517 Share Previous Page 3 Next