Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 17 Next Shyam Sundar Subramanian 8 Mar 2021 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... Hindi · कविता 10 20 502 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Mar 2021 · 1 min read वो अजनबी वो एक अजनबी जो मेरी जिंदगी में झोंका बनकर आया, मेरे दिल में घर कर गया , मेरे ज़हन पर था छाया , कुछ इस क़दर उसने मुझमें अपने होने... Hindi · कविता 7 8 423 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2021 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली , जो घर आंगन में पली-बढ़ी , फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान , माता पिता, बंधु बांधव , मित्रों की जान , सदा... Hindi · कविता 3 8 355 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Feb 2021 · 1 min read ग़मे ज़िंदगी जब मैं खुशी खोजने बाहर निकला , तब इस शहर में हर शख़्स को ग़मज़दा पाया , किसी को अपने अज़ीज़ों को खोने का ग़म , किसी को अपनी कोशिशों... Hindi · कविता 7 18 311 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Feb 2021 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... Hindi · कविता 4 14 402 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Feb 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 98 646 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jan 2021 · 1 min read यक्ष प्रश्न कुछ प्रश्नों के हल हमें जीवनपर्यंत नहीं मिलते , ये प्रश्न सदैव हमारे अंतःकरण में रहते डोलते , कुछ व्यवहार के प्रश्न , कुछ विचार के प्रश्न , कुछ आचरण... Hindi · कविता 8 12 306 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jan 2021 · 1 min read जीवन संवाद एक दिन चींटी ने मधुमक्खी से कहा , तुम्हारे और मेरे जीवन का लक्ष्य परिश्रम है , मैं परिश्रमरत् संघर्षपूर्ण जीवन निर्वाह करती हूं , तुम भी जीवन भर परिश्रम... Hindi · कविता 4 10 425 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jan 2021 · 2 min read वार्तालाप समय ने नियति से कहा , तू सब कुछ करती है, लोग नाहक मुझे दोष देते हैं , नियति बोली , मैं कुछ भी अपनी मर्जी से नही करती ,... Hindi · कविता 3 14 302 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Jan 2021 · 2 min read नवपदार्पण जीवन यात्रा की अड़सठ पायदानों से गुजर कर नूतन पायदान में पदार्पण पर ईश्वर का हार्दिक आभार , समस्त हितचिंतकों जिनकी शुभकामनाओं , गुरुओं के सानिध्य ,एवं बड़े बूढ़ों के... Hindi · कविता 5 14 288 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Jan 2021 · 2 min read सड़क की राजनीति उस दिन सुबह मैं जब सैर पर निकला , तो देखा सड़क पर भीड़ इकट्ठी थी , पास जाकर देखा तो वहां एक युवक की लाश पड़ी हुई थी ,... Hindi · लघु कथा 7 18 575 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jan 2021 · 1 min read नववर्ष संकल्प ये पिछला साल जो गुज़र गया , एक क़हर सा जो ब़रपा गया , किंकर्तव्यविमूढ़ से हम देखते रहे , अचानक आई विपदा को सहते रहे , निष्ठुर नियति ने... Hindi · कविता 5 18 518 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Dec 2020 · 1 min read व़क्त की हक़ीक़त ज़िंदगी हर क़दम एक नई जंग है , जिसके हर दिन हर पल बदलते नए रंग है, जिनसे लड़ते जूझते हर आदमी के अपने अपने ढंग है , कुछ मुफ़लिसी... Hindi · कविता 7 18 680 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Dec 2020 · 1 min read अहम् मुँह अंधेरे सवेरे किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगाया , उठकर देखा तो सामने एक साए को खड़ा पाया , मैंने पूछा कौन हो तुम ? तुमने मुझे क्यों जगाया ?... Hindi · कविता 17 28 417 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Dec 2020 · 2 min read दृढ़विश्वास समृद्धि एवं विकास ओर अग्रसर देश पर यह कैसा ग्रहण लग गया ? जो एक सूक्ष्म विषाणु संक्रमण से पंगु होकर रह गया ? किंकर्तव्यविमूढ़ शासन व्यवस्था कुछ समझ न... Hindi · कविता 11 20 386 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Dec 2020 · 1 min read अहद ज़िंदगी कुछ बोझिल सी हो गई है , खुश़गवार चेहरों की खुशी गुम़ हो गई है , एक अजीब सा खौफ़ ज़ेहन पर तारी है , चारों तरफ माहौल में... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 31 126 895 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Dec 2020 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... Hindi · कविता 8 14 345 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Dec 2020 · 2 min read जागृति ये कैसा ज़माना आ गया है बुद्धिजीवी चुप होकर बैठ गए हैं , धूर्त स्वार्थी चाटुकार मूर्खों के वारे न्यारे हो रहे हैं , गलत को सही और सही को... Hindi · कविता 10 22 364 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Dec 2020 · 1 min read दीदार रुदादे दिल सुनाएं तो सुनाएं कैसे ? , जज़्बे तम़न्ना का इज़हार करें तो करें कैसे ? , ज़ेहन में बसी थी जो तस्वीर मुजस्स़म क्यों नहीं होती ? ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 435 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read आरज़ू हसरत नहीं आलीशान महलों की, आरज़ू है इक छोटे से आशियाने की, जो दो दिलों के नूर से रोश़न रहे, जहां दो दिलों का प्यार पले , ज़िंदादिली से ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 10 304 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read दर्दे दिल प्यार का सैलाब़ सब कुछ बहा के ले गया, कल तक मैं उसके साथ था, आज अकेला रह गया, संग जीने मरने की कसमें खाई थी कल हमने, पर आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 10 245 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read अपने पराए उनके ख़तों को जलाकर देख लिया , उनकी यादों को भुलाकर देख लिया , उनकी तस्वीर को छुपा कर देख लिया , दिल से उनका एहसास मिटता नहीं , ज़ेहन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 6 324 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2020 · 1 min read राजनेता लटके हैं पैर कब्र में फिर भी सत्ता लोलुपता जाती नहीं , अस्वस्थ , अशक्त हैं , फिर भी कुर्सी से चिपके रहने की लालसा जाती नहीं , जनता का... Hindi · कविता 4 6 334 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Dec 2020 · 1 min read पाक च़ाहत कुछ ऐसे होते हैं ,जो दिलो जाँ से अहदे वफ़ा निभाते हैं , कुछ ऐसे होते हैं ,जो भी मरास़िम थे उसे भूल जाते हैं , दौर -ए - इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 11 502 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Dec 2020 · 1 min read कर्णधार उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक मैंने देखी थी , जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें मैंने देखी थी , परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु... Hindi · कविता 3 4 422 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Dec 2020 · 1 min read मुंतज़िर जिंदगी के इस सफर में मुझे सबने संगे राह समझा, मुझे ठोकर देखकर गुजरते रहे मैं सब कुछ सहता रहा, फर्ज़ से मजबूर ,जज़्बातों से मा'ज़ूर मैं कुछ ना कह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 12 521 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2020 · 1 min read संकल्प जीवन चक्र की गति कुछ थम सी गई है , जीवन में खुशी की उमंगे कुछ खो सी गईंं हैंं , एक विचित्र सा भय अंतर्मन में व्याप्त है ,... Hindi · कविता 3 8 598 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Dec 2020 · 1 min read युवा शक्ति समुद्र की उत्ताल तरंगों सी उमंगे लिए , पर्वत सा अटल ह्रदय समाहित किए , रमणीय प्रकृति सा स्वभाव लिए , गगन सी उत्तुंग मन की उड़ान लिए , सद्भाव... Hindi · कविता 2 10 530 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Dec 2020 · 1 min read काव्य भावना किसलय की मुस्कान बनी , मृगनयनी का श्रृंगार बनी , चंद्र किरण चंचल किरणों का वर्णन बनी, नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी , रवि आगम प्रकाश पुंजों का... Hindi · कविता 3 10 541 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Nov 2020 · 1 min read आस क्या कहें किस दौर से गुज़र रहे हैं , दोस्त दुश्मन बने , अपने अजनबी बन रहे हैं , औरों की खुशियों में भी खुश हो रहे थे हम ,... Hindi · कविता 6 10 425 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Nov 2020 · 1 min read कवि की लेखनी कवि की लेखनी उसके ह्रदय का स्वर होती है, यह कभी परिस्थिति जन्य वेदना के शब्द कहती है , तो कभी प्रफुल्लित गीत पिरोती है , कभी यह प्रेमी की... Hindi · कविता 6 6 378 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Nov 2020 · 1 min read शायर की क़लम शायर की क़लम उसके दिल की ज़ुबाँ होती है , कभी हालात के दर्द -ओ -अलम़ के शेर कहती है , तो कभी मस़र्रत के तराने पिरोती है , कभी... Hindi · कविता 4 8 516 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Nov 2020 · 1 min read सत्य की खोज एक जीवन सत्य की खोज में , भ्रांतियों के समुद्र में डूबता, उबरता , निष्ठुर प्रकृति की मार को झेलता , त्रासदियों के कष्टों का सामना करता , क्रोध ,दंभ... Hindi · कविता 6 2 581 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Nov 2020 · 2 min read मतिभ्रम मतिभ्रम मनुष्य की वह मानसिक अवस्था है , जिसमें उसका विवेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष का विश्लेषण करने में असमर्थ पाता है , और प्रत्यक्ष को सत्य मानकर वह उसके अनुसरण... Hindi · लेख 2 4 355 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2020 · 1 min read पेंगुइन संवाद भाग 2 बेबी पेंगुइन नें बाबा पेंगुइन से कहा , बिल्ली मौसी जो दुबक गई थी , फिर बाहर आकर दहाड़ रही है , लगता है बंदर मामा के डंडे से नहीं... Hindi · कविता 2 4 259 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2020 · 1 min read आव्हान आओ नव अभिलाषाओं और आशाओं के दीप जलाएं , समग्र व्याप्त क्लेष, संताप नष्ट कर निराशा दूर भगाएं , त्याग स्वार्थ , द्वेष नष्ट कर , परस्पर सद्भाव बढ़ाएं ,... Hindi · कविता 6 7 561 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2020 · 10 min read केंद्रीय जांच ब्यूरो : एक नज़र डॉक्टर जी के गोस्वामी वर्तमान पुलिस महानिरीक्षक उत्तर प्रदेश के साथ सुश्री प्राची भारद्वाज के अंग्रेजी साक्षात्कार का हिंदी रूपांतरण डॉ .जी के गोस्वामी, IPS वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य... Hindi · लेख 1 1 318 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2020 · 1 min read पेंगुइन संवाद एक दिन बेबी पेंगुइन ने अपने बाबा पेंगुइन से कहा, मुझे इस बिल्ली मौसी से डर लगता है, जो शेर की तरह दहाड़ रही है, लगता है मुझको कच्चा खा... Hindi · कविता 5 8 561 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2020 · 4 min read उन्माद उन्माद एक भीड़ की मनोवृत्ति की प्रेरित दशा है। जिसमें सम्मिलित व्यक्ति समूह की सोच से प्रभावित एवं संचालित होता है। जिसमें उसकी व्यक्तिगत सोच का कोई स्थान नहीं होता... Hindi · लेख 3 4 418 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Nov 2020 · 1 min read चिंगारी निगाहें मुज़्तरिब़ हैं , बहका -बहका सा रहता हूं , ज़ेहन में अजीब सी कशम़कश़ है , दिल में एक सोज़ जगाए रहता हूं , कुछ समझ कर भी कुछ... Hindi · कविता 5 6 544 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Oct 2020 · 2 min read दोहरे मापदंड हम कब तक इन दोहरे मापदंडों को सहन करके जीते रहेंगें। इस कोरोना काल में जहां एक तरफ संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने का प्रचार एवं... Hindi · लेख 5 4 302 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Oct 2020 · 1 min read जी चाहता है वो हुस्ऩ -ए - मुजस्स़म मुमताज़ किसी तआ'रुफ़ का मोहताज़ नहीं, उस नज़र- ए - नाय़ाब को किसी तारीफ़ की दरकार नहीं, इक शोला सा है भड़का , कय़ामत के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 581 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2020 · 1 min read आदमी इंसां से वहशी बन गया है आदमी , मज़लूमों पर ज़ुल्म ढाता है आदमी , झांककर अपने गिरेबाँ में न देखता , औरौं में ख़ामियांँ ढूंढता रहता है आदमी ,... Hindi · कविता 5 2 436 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2020 · 1 min read चेतना जागृति प्रभात की नवकिरणों का प्रसार हृदय प्रफुल्लित करता है, ठंडी बयार का स्पर्श मन मस्तिष्क को आल्हादित करता है , प्राकृतिक छटा का विहंगम दृश्य सुखद अनुभूति प्रदान करता है,... Hindi · कविता 5 4 326 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Oct 2020 · 1 min read प्रतिभा घूरे में पड़े हुए ये हीरे हैं , जिन्हें कोई ना पहचान सका, कीचड़ में खिले हुए अप्रतिम पुष्प हैंं , जिन्हें अब तक कोई न जान सका , निर्धनता... Hindi · कविता 6 10 711 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Oct 2020 · 1 min read इंतज़ार आदमी वक्त के हाथों कितना मजबूर है , सलाहयित होने के बावजूद कितना मा'ज़ूर है , एक अदने से जरास़िम का तोड़ अब तक खोज रहा है , मौत के... Hindi · कविता 8 6 567 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Oct 2020 · 1 min read अना ज़िंदगी भर अपनी मन की करता रहा, तेरी हर बात मैं अनसुनी करता रहा, ज़िंदगी के इस आखिरी दौर में तुझ से इल्तिज़ा करता हूं , मेरी ख़ता माफ़ करना... Hindi · कविता 10 12 413 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Oct 2020 · 1 min read संदेश अंतर्मन तिमिर नष्ट हो , जागृत हो आशा किरण , स्पंदित हो सद्भाव , नष्ट हो व्याप्त घृणा विकिरण , प्रेम मुदित मनस बने , संचरित हो सद् विचार ,... Hindi · कविता 8 6 451 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Oct 2020 · 2 min read प्रवृत्तियांँ मनुष्य में मानवीय एवं राक्षसी प्रवृत्ति दोनों का वास होता है जो मनुष्य के व्यवहार को संचालित करता है। मानवीय प्रवृत्ति की अधिकता उसे मानवीय गुणों से संपन्न श्रेष्ठ बनाती... Hindi · लेख 7 4 574 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Oct 2020 · 1 min read ज़िंदगी का सफ़र आरज़ू कभी न थी के बेमिसाल बन पाऊं , हस़रत ये थी के इंसान बन किसी के काम आऊं , ज़िंदगी के श़िद्दत - ए - सफ़र की राह में... Hindi · कविता 8 4 285 Share Previous Page 17 Next