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30 Nov 2020 06:34 AM

बहुत उम्दा ???

30 Nov 2020 08:11 AM

धन्यवाद !

29 Nov 2020 07:04 PM

मेरी रचना का शुद्ध हिंदी रूपांतरण प्रस्तुत है :

कवि की लेखनी उसके ह्रदय का स्वर होती है,
यह कभी परिस्थिति जन्य वेदना के शब्द कहती है ,
तो कभी प्रफुल्लित गीत पिरोती है ,
कभी यह प्रेमी की भावना में डूबे प्रेम गीत सुनाती है ,
कभी हृदय से हृदय के स्पंदन की अनुभूति काव्य बन प्रस्तुत होती है ,
कभी सुंदरता का वर्णन बनती , तो कभी प्रेम कामना होती है ,
कभी प्रेमियों के मीठे सपने बुनती है ,
तो कभी दुःखी प्रेमी के तम में डूबती है ,
कभी निराशा भरी जीवन गाथा कहती है ,
कभी दुःखी हृदय का आर्त्तनाद बनती है ,
तो कभी आकांक्षाओं की अपेक्षा बनती है ,
कभी प्रेम प्रतिज्ञा वर्णित करती ,
तो कभी कृतघ्नता विदीर्ण हृदय की अभिव्यक्ति बन जाती है ,
कभी मद्यप की अचैतन्य अवस्था का कारण ,
तो कभी सुरासुंदरी एवं मधुशाला का संदेश बनती है,
कभी सौंदर्य एवं प्रेम में छल का मंतव्य बताती है ,
तो कभी जीवन यथार्थ के शब्द बन जाती है ,
हर समय , हर कालखंड , एवं हर परिस्थिति का वर्णन प्रस्तुत करती है ,
कवि का आत्मसम्मान एवं सत्य निष्ठा उसकी लेखनी होती है ।

आशा है आपको मेरी रचना पूर्णरूपेण समझने में सहायक होगा।

धन्यवाद !

29 Nov 2020 10:10 AM

बहुत गूढ एवं रहस्य से भरपूर कुर्तियां इस रचना में पढ़ने को मिली, जिन्हें समझना मुझ जैसे सामान्य ज्ञान रखने वाले के बस में नहीं है,सादर नमन।

28 Nov 2020 11:36 PM

बहुत सुंदर

29 Nov 2020 06:18 AM

धन्यवाद !

बहुत खूब। आपको सादर अभिवादन।

29 Nov 2020 06:18 AM

धन्यवाद !

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