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Comments (22)

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बहुत सुंदर रचना सर

22 Dec 2020 12:16 AM

धन्यवाद !

लाजवाब सृजन

21 Dec 2020 02:19 PM

धन्यवाद !

बहुत सुंदर प्रस्तुति सर

18 Dec 2020 08:18 AM

धन्यवाद !

17 Dec 2020 11:45 PM

हर आपने काव्य प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है। मैं खोज रही थी आपकी कोरोना पे काव्य

21 Dec 2020 02:19 PM

मैंने अपनी रचना पोस्ट कर दी है।
कृपया अवलोकन करें ।

हृदय उदित दार्शनिक भाव। अति सुन्दर प्रस्तुति । अभिनन्दन , नमन आपको

17 Dec 2020 12:41 AM

प्रोत्साहन का साधुवाद !

15 Dec 2020 09:14 PM

You r right.. ??

16 Dec 2020 12:48 AM

धन्यवाद !

यथार्थ का धरातलीय सुन्दर चित्रण। शुभकामनाएं।

15 Dec 2020 07:38 AM

प्रोत्साहन का साधुवाद !

14 Dec 2020 08:23 PM

शुरू से अंत तक कविता यथार्थ का चित्रण कर रही है, जगना सबको पड़ेगा, तभी चिंतन आगे बढ़ेगा !! गहन सोच !

14 Dec 2020 08:26 PM

धन्यवाद !

जबर्दस्त श्रीमान । ऐसा लग रहा है कि आपने कितने सालों की जमा समय गाद को बाहर भेंक दिया है और फिर स्वक्ष झरना बन सांस ले रहे हो ।
क्या बात है जबरदस्त

14 Dec 2020 07:17 PM

समयांन्तर में देश में नैतिक मूल्यों के ह्रास के कटु यथार्थ की अनुभूति को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
रचना में निहित भावों को समझ कर टिप्पणी का स्वागत है।
धन्यवाद !

सही बात है आपको सादर प्रणाम।

14 Dec 2020 07:02 PM

धन्यवाद !

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