Comments (4)
6 Oct 2020 09:31 AM
बहुत सुंदर सर आपको सादर नमस्कार
Shyam Sundar Subramanian
Author
6 Oct 2020 02:24 PM
धन्यवाद !
जिंदजी का अनुभव , साल दर साल घटना दर घटना मोती बनाकर लय की माला में पिरो दिए हैं ।
अगर गलत नही तो , ज्यादातर इसी अनुभव से ही गुजरते हैं । सायद जिंदगी का ये साँचा है जिसमे हर किसी को फिट होना होता है । इसके लिए कोई सीमा नही ।
वर्तमान जीवन का कटु यथार्थ यही है।
धन्यवाद !