surenderpal vaidya 401 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 27 Dec 2020 · 1 min read कोरोना को मात कोरोना को मात ~~ रोजी रोटी की तलाश में, दूर दूर तक जाते लोग। कष्ट सभी सहकर जी लेते, रूखी सूखी खाते लोग। रोग मुसीबत बनकर आया, घेर लिया सबको... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 23 690 Share surenderpal vaidya 6 Feb 2021 · 1 min read ख़त लिखते रहना ख़त लिखते रहना ~~~~~~~~~~~~~~~~~ मत रुकना ख़त लिखते रहना। स्नेह भरी नदिया बन बहना। कलियों की कोमलता लेकर, तितली जैसी चंचलता भर। मदमाते महके शब्दों में, जो मन में आए... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 40 480 Share surenderpal vaidya 5 Jul 2023 · 1 min read चाहते हो ** गीतिका ** ~~ तुम स्वयं को क्यों बदलना चाहते हो। जिन्दगी को आम करना चाहते हो। स्नेह पूरित है बहुत फितरत तुम्हारी। व्यर्थ क्यों फिर आह भरना चाहते हो।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीतिका 6 3 118 Share surenderpal vaidya 13 Jul 2023 · 1 min read मुस्कुराना चाहते हो ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी में मुस्कुराना चाहते हो। और सब को आजमाना चाहते हो। तुम नहीं बदलोगे अपनी चाहतें। शर्त पर बाजी लगाना चाहते हो। तोड़ देते हैं सभी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीतिका 6 3 174 Share surenderpal vaidya 9 Feb 2021 · 1 min read गूंजने लगे हैं स्वर (घनाक्षरी) घनाक्षरी- १ ~~ गूंजने लगे हैं स्वर, भंवरों के चारों ओर। खिलने लगे अनेक, पुष्प भांति भांति के। सहसा ही भंग होती, जा रही एकाग्रता है। दर्शन सुपावन हैं, सुप्रभात... Hindi · घनाक्षरी 5 5 278 Share surenderpal vaidya 16 May 2021 · 1 min read आ गई बरसात (गीतिका) आ गई बरसात (गीतिका) ~~ आ गई बरसात शीतल सा मधुर उपहार लेकर। तप्त मौसम में सहज राहत भरी बौछार लेकर। एक पाखी नील नभ में खूब ऊंचा उड़ रहा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 459 Share surenderpal vaidya 19 Sep 2021 · 1 min read स्वप्न सजाता कौन (गीतिका) आधार छंद- वीर/आल्ह (मापनीमुक्त मात्रिक) ३१ मात्रा, १६,१५ पर यति, अन्त गुरु लघु। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ * गीतिका * ~~ अगर न आती ऋतु बसंत की, सुन्दर स्वप्न सजाता कौन। सुन्दर फूलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 424 Share surenderpal vaidya 13 Feb 2021 · 1 min read कहां रहेंगे गांव (मुक्तक) मुक्तक- १ ~~ आधुनिकता की परिभाषा में, कहां रहेंगे गांव। राम राज्य की चाह निरंतर, ढूंढ रही है ठांव। गांव नगर की भेंट चढ़ रहे, असमंजस में आज। व्याकुल मन... Hindi · मुक्तक 4 6 296 Share surenderpal vaidya 9 Mar 2021 · 1 min read मुक्ति मोक्ष कैवल्य (कुण्डलिया) * कुण्डलिया * ~~ सत्य साधना से मिले, मुक्ति मोक्ष कैवल्य। मानव जीवन का यही, है अति पावन लक्ष्य। है अति पावन लक्ष्य, कीजिए इसी लिए श्रम। स्वप्न करें साकार,... Hindi · कुण्डलिया 4 3 495 Share surenderpal vaidya 11 Jun 2021 · 1 min read वर्षा गीत गीत- १ ~~ छम-छम वर्षा की बौछारें, खूब सुहाती है सबको। राग मधुर गाया करती हैं, सबके मन भाया करती है। भीगे तन का रूप मनोहर, सहज निखारा भी करती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 3 1k Share surenderpal vaidya 23 Sep 2022 · 1 min read दीप बनकर जलो तुम * गीतिका * ~~ तमस है घना दीप बनकर जलो तुम। कभी मत रुको राह चलते चलो तुम। कभी आंख में आ गये अश्रु गम के। कहो शीघ्र उनसे खुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 179 Share surenderpal vaidya 23 May 2023 · 1 min read स्वप्न कुछ ** गीतिका ** ~~ स्वप्न कुछ सबको सलोने दीजिए। नव उमंगें कम न होने दीजिए। बोनसाई बन गया है पेड़ का। बेवजह मत बोझ ढोने दीजिए। खूब फलने फूलने की... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका 4 1 137 Share surenderpal vaidya 20 Mar 2024 · 1 min read * शक्ति है सत्य में * ** गीतिका ** ~~ शक्ति है सत्य में जब समाहित सदा। साथ देना जरूरी बहुत सर्वदा। ये पराजित नहीं है कभी भी हुआ। है हमेशा रहा साथ मंगल प्रदा। सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 4 3 43 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * सत्य पथ पर * ** गीतिका ** ~~ बेकरारी में नहीं अब हाथ मलना चाहिए। जब जमाने में सभी को साथ चलना चाहिए। सत्य पथ पर कष्ट होंगे सब करेंगे हम सहन। अब स्वयं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 4 1 41 Share surenderpal vaidya 18 Feb 2019 · 1 min read आहत है देश आज (घनाक्षरी) आहत है देश आज (घनाक्षरी) ~~~~~~~~~~~~~~~~~ * एक * आहत है देश आज, खोए हैं धरा के लाल। मत बैठो मौन धार, शत्रु को मिटाइए। शांति का विरोधी दुष्ट, करता... Hindi · घनाक्षरी 3 2 254 Share surenderpal vaidya 24 Oct 2020 · 1 min read आ गया बसंत काल घनाक्षरी- १ ~~ फिर नयी उमंग ले, आ गया बसंत काल। गूंजता है आम्रकुंज, कोयल के गान से। हर एक डाल डाल, खूब है रही मचल। बसंतप्रिया कोकिला, गा रही... Hindi · घनाक्षरी 3 1 453 Share surenderpal vaidya 11 Mar 2021 · 1 min read हमेशा चलो तुम (गीतिका) * हमेशा चलो तुम * ~~ साथ मिलकर समय के हमेशा चलो तुम। सब हताशा तजो हाथ मत यूं मलो तुम। जान लो मंजिलें कर रहीं हैं प्रतीक्षा। दूरियां हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 366 Share surenderpal vaidya 17 May 2021 · 1 min read जल की बौछार लिए (घनाक्षरी जल की बौछार लिए ~~ घनाक्षरी- १ बरसात आ गई है, जल की बौछार लिए। तपती धरा की देखो ,प्यास शांत करने। घनघोर काली घटा, छा गई सभी जगह। शीतल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 3 5 352 Share surenderpal vaidya 22 May 2021 · 1 min read बादल (गीतिका) बादल (गीतिका) ~~ नील नभ पर खूब छाए जा रहे बादल। दृश्य मनभावन बनाए जा रहे बादल। आ गये हैं ये छमाछम बारिशें लेकर, हर तरफ सबको भिगाए जा रहे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 356 Share surenderpal vaidya 7 Aug 2021 · 1 min read शक्ति का आधार हो तुम शक्ति का आधार हो तुम ~~ राष्ट्र की नित बढ़ रही शुभ शक्ति का आधार हो तुम। दुश्मनों को भस्म कर दें जल रहे अंगार हो तुम। राम के प्रिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 269 Share surenderpal vaidya 9 Dec 2022 · 1 min read बसंत ऋतु में ** गीतिका ** ~~ बसंत ऋतु में कुदरत का जब, रूप बदलने लगता है। खिला खिला हर दृश्य देखकर, हृदय मचलने लगता है। डूब न जाए आकर्षण में, चंचल है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 168 Share surenderpal vaidya 25 Jun 2023 · 1 min read सजाता कौन ** गीतिका ** ~~ होली का शुभ पर्व न आता, मुख पर रंग सजाता कौन। मधुर स्नेह के भाव हृदय में, खुलकर यहां जगाता कौन। कभी कभी ऐसा लगता है,... Hindi · कविता · गीतिका 3 127 Share surenderpal vaidya 5 Jul 2023 · 1 min read झील में प्रतिबिंब ** गीतिका ** ~~ झिलमिलाती कल्पनाओं का अजब संसार। झील में प्रतिबिंब बन ज्यों हो रही साकार। सुन रहे आहट कदम की हम सभी चुपचाप। पुल बनी हमको लिए है... Hindi · कविता · गीतिका 3 115 Share surenderpal vaidya 31 Oct 2023 · 1 min read * जिन्दगी * ** गीतिका ** ~ जिन्दगी है मुस्कुराने के लिए। गीत सुन्दर गुनगुनाने के लिए। अब कभी पीछे नहीं मुड़ देखना। हर कदम आगे बढ़ाने के लिए। याद रख लेना अधिक... Hindi · आनन्दवर्धक छंद · गीतिका 3 2 73 Share surenderpal vaidya 15 Nov 2023 · 1 min read रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है। रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है। भोर में नव चाहतें जब अंगड़ाई ले रही है। दृश्य मनहर ले दिशाएं दृष्टिगोचर हो रही जब। सूर्य की हर रश्मि... Quote Writer 3 1 97 Share surenderpal vaidya 19 Feb 2024 · 1 min read * सुन्दर फूल * ** गीतिका ** ~~ सुन्दर फूल जगा देते हैं, मन में प्यार। लेकिन अल्प समय इनका है, जीवन सार। खिला खिला जीवन लाता प्रिय, मन में भाव। किंतु शूल हेतु... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · निश्चल छंद 3 1 63 Share surenderpal vaidya 19 Mar 2024 · 1 min read * सत्य एक है * ** गीतिका ** ~~ सत्य एक है जिनको ज्ञानी, अलग ढंग से कहते। ज्ञान सिंधु में सब मिल जाता, अविरल बढ़ते बढ़ते। सत्य भावनाओं से ऊपर, रौशन पथ करता है।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · छंद सार 3 1 53 Share surenderpal vaidya 22 Mar 2024 · 1 min read * मायने हैं * ** गीतिका ** ~~ आपसी मतभेद सारे पाटने हैं। तब कठिन होते समझने मायने हैं। सत्य क्या है और क्या मिथ्या यहां पर। जो हमें सब दिख रहा है सामने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · सार्द्धमनोरम 3 1 44 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2024 · 1 min read * हो जाता ओझल * ** कुण्डलिया ** ~~ हो जाता ओझल कभी, बादल में है चांद। किंतु पुनः दिखता हमें, कुछ ही पल के बाद। कुछ ही पल के बाद, सत्य है शाश्वत रहता।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · सत्य 3 1 48 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2024 · 1 min read * नाम रुकने का नहीं * ** गीतिका ** ~~ ज्ञान की शुभ रौशनी की ओर बढ़ना है हमें अब। है तमस अज्ञान का हर वक्त हरना है हमें अब। नाम रुकने का नहीं लेना कभी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · माधव मालती छंद 3 45 Share surenderpal vaidya 25 Apr 2024 · 1 min read * संवेदनाएं * ** गीतिका ** ~~ हर समय जीवित रहें संवेदनाएं। स्नेह की शुभ भावना मन में जगाएं। भूख से कोई तड़पता न रहे अब। पास हो कुछ बांट कर सबको खिलाएं।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · संवेदनाएं · सार्द्धमनोरम छंद 3 26 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read भोर समय में आज सभी को भोर समय में, हमें जगाना है। सभी के मन में न उठने का, एक बहाना है। फूल खिले हैं देख लीजिए, कलियां मुस्काई। साथ सभी को आगे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भोर · विष्णुपद छंद 3 24 Share surenderpal vaidya 26 May 2019 · 1 min read समंदर ज़िन्दगी का समंदर ज़िन्दगी का * गीतिका * ~ प्यार है उपहार सुन्दर ज़िन्दगी का। खूब लें आनन्द जीभर ज़िन्दगी का। डूब जाएं स्नेह की गहराइयों में, छलछलाता इक समंदर ज़िन्दगी का।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 452 Share surenderpal vaidya 22 Jul 2019 · 1 min read गुरु की कृपा अपार (कुण्डलिया) कुण्डलिया-१ ~~ मिले जिसे भी भाग्य से , गुरु की कृपा अपार। जन्म सफल उसका हुआ, मन के मिटे विकार। मन के मिटे विकार, ज्ञान के दीप जलाओ। जगमग कर... Hindi · कुण्डलिया 2 330 Share surenderpal vaidya 16 Dec 2019 · 1 min read हिम्मत कभी न हारिए (गीतिका) * हिम्मत कभी न हारिए * ~~ हिम्मत कभी न हारिए, सहन कीजिए वार। मिले शत्रु को पटखनी, हो जाएं तैयार। शक्ति हीन की है नहीं, किसी जगह भी पूछ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 471 Share surenderpal vaidya 21 Sep 2020 · 1 min read सूर्य हिन्दी का * गीतिका * ~~ सूर्य हिन्दी का प्रखर चमके गगन में। भावना इस हेतु हो प्रत्येक मन में। प्राप्त कर लें हम प्रगति के लक्ष्य नूतन। चूक मत करना कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 278 Share surenderpal vaidya 26 Sep 2020 · 1 min read खिल उठे फूल (मुक्तक) मुक्तक- १ खिल उठे फूल ही फूल हर ओर हैं। खूबसूरत महकते सभी छोर हैं। भावनाएं जगी जा रही स्नेह की। बंधनों की रही टूट हर डोर हैं। ~~~~~~~~~~~~~~~~ मुक्तक-... Hindi · मुक्तक 2 2 329 Share surenderpal vaidya 9 Oct 2020 · 1 min read चन्द्रमा का देखिए • गीतिका • * चन्द्रमा का देखिए तो गोल है आकार। चांदनी का खूब है इसमें भरा भंडार। हर तरह से खूबसूरत बन गई है रात। दूर तक है रौशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 271 Share surenderpal vaidya 23 Oct 2020 · 1 min read दीवार की बातें दीवार की बातें ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ * गीतिका * ~~ कभी भी अब नहीं करनी यहां दीवार की बातें। भुलानी है हमेशा के लिए उस पार की बातें। जमाना कुछ कहे हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 569 Share surenderpal vaidya 24 Feb 2021 · 1 min read आ गया बसंत (घनाक्षरी) * घनाक्षरी * ~~ आ गया बसंत नव, राग रंग रूप लिए। हर्षित प्रफुल्लित सा, प्रकृति का छोर है। स्नेह पूर्ण भावना जो, मन में उदित हुई। स्पंदित हृदय पर,... Hindi · घनाक्षरी 2 1 299 Share surenderpal vaidya 5 Mar 2021 · 1 min read समय की चाल को * गीतिका * ~~ पहचान लेना है समय की चाल को। फैले हुए उलझन भरे जंजाल को। धोखा कभी हो भी गया तो ग़म न कर। जो बच गया दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 502 Share surenderpal vaidya 29 Apr 2021 · 1 min read कौन जाने (गीतिका) कौन जाने ~~ जा रहा किस ओर मानव कौन जाने। क्यों उसे हैं इस धरा पर ज़ुल्म ढाने। भर गया हर ओर जहरीला धुआं है। नील नभ से लुप्त हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 313 Share surenderpal vaidya 21 May 2021 · 1 min read वर्षा ऋतु (मुक्तक) वर्षा ऋतु (मुक्तक) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ १. सावनी वातावरण में घूमने का मन बहुत है। हो रही बारिश छमाछम भीगने का मन बहुत है। ओढ़ कर काली घटाएं आ गई बरसात रिमझिम।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 2 3 637 Share surenderpal vaidya 2 Aug 2021 · 1 min read करो प्यार तुम (गीतिका) * करो प्यार तुम * ~~ सभी से हमेशा करो प्यार तुम। करो बस यही काम हर बार तुम। मुहब्बत बड़ी बात है जान लो। सहन कुछ करो पांव में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 306 Share surenderpal vaidya 20 Aug 2021 · 1 min read बहुत अब हो चुका बहुत अब हो चुका (गीतिका) ~~ बहुत अब हो चुका खिलवाड़ धरती भी बचानी है। प्रदूषित हो गया देखो धरा नभ और पानी है। बहुत ऊंचे उड़े हो अब धरातल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 516 Share surenderpal vaidya 10 Sep 2021 · 1 min read मत करना आराम गीतिका आधार छंद- सरसी ,१६-११ पर यति, २७ मात्रा * मत करना आराम * ~~ श्रम करना है बहुत जरूरी, मत करना आराम। व्यर्थ नहीं यूं ही बीते अब, सुबह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 400 Share surenderpal vaidya 17 Sep 2021 · 1 min read बहुत उनको निहारा (गीतिका) * बहुत उनको निहारा * ~~ जहां जब भी मिले हमने बहुत उनको निहारा। बहुत सुन्दर लगी छवि प्रिय जिसे मन में उतारा। सिसकती जिन्दगी है मुश्किलों के बीच बढ़ती।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 462 Share surenderpal vaidya 24 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी बितानी जिन्दगी बितानी (गीतिका) ~~ जब साथ साथ रहकर है जिन्दगी बितानी। यादें कठिन समय की हमको नहीं भुलानी। ठंडी हवा बहे जब आनंद खूब आए। अब एक दूसरे से नजरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 379 Share surenderpal vaidya 19 Nov 2021 · 1 min read हरी भरी हो गई धरा (गीतिका) हरी भरी हो गई धरा (गीतिका ~~ हरी भरी हो गई धरा है, पत्ता पत्ता मुसकाता। छाई हैं घनघोर घटाएं, बादल पानी बरसाता। ताल सरोवर हुए लबालब, भर आए नदियां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 354 Share surenderpal vaidya 23 Apr 2022 · 1 min read बादलों के पार * गीतिका * ~~ खुश हुआ मन नील नभ का देख कर विस्तार। चाह है बस उड़ चलूं अब बादलों के पार। है हमारा खूबसूरत सा महकता साथ। स्वप्न सुखमय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 213 Share Page 1 Next