Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2021 · 1 min read

कहां रहेंगे गांव (मुक्तक)

मुक्तक- १
~~
आधुनिकता की परिभाषा में, कहां रहेंगे गांव।
राम राज्य की चाह निरंतर, ढूंढ रही है ठांव।
गांव नगर की भेंट चढ़ रहे, असमंजस में आज।
व्याकुल मन को कहां मिलेगी, ईश कृपा की छांव।

मुक्तक- २
~ ~
बड़े बड़ों का दंभ भी, हो जाता जब चूर।
कालचक्र के सामने, हो जाते मजबूर।
एक एक कर सामने, आते इसके रूप।
खेल नियति का देखिए, होता है अति क्रूर।

मुक्तक- ३
~~
छा गए बादल गगन में आ गई बरसात।
सोचते ही रह गए हम कह न पाए बात।
जुल्फ की सुन्दर घटाओं का अलौकिक रूप।
मोहता जब मन न रहते वश कहीं जज्बात।

मुक्तक- ४
~ ~
बढ़ी ज्यों ज्यों तपन है ग्रीष्म की व्याकुल हुआ तन मन।
झुलसते जा रहे कोमल हरे पत्तों भरे उपवन।
धधकती ग्रीष्म में प्यासी धरा की प्यास बुझ जाए।
लिए रिमझिम फुहारें बारिशों की आ गया सावन।

मुक्तक- ५
~ ~
बौछारें छम-छम पानी की बरसाती है।
सावन की ऋतु मन को ठंडक पँहुचाती है।
खूब मचल उठता है मन का प्यासा पाखी।
प्यास मिलन की और अधिक बढ़ती जाती है।
***********************************
– सुरेन्द्रपाल वैद्य।
मण्डी (हिमाचल प्रदेश)

Language: Hindi
4 Likes · 6 Comments · 290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम की ऊँची चार
Seema Verma
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
Neelam Sharma
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
धीरे धीरे  निकल  रहे  हो तुम दिल से.....
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
Rakesh Singh
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
सागर से दूरी धरो,
सागर से दूरी धरो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
Anil Mishra Prahari
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
संदेह से बड़ा
संदेह से बड़ा
Dr fauzia Naseem shad
सच्चाई की कीमत
सच्चाई की कीमत
Dr Parveen Thakur
मेरे पास तुम्हारी कोई निशानी-ए-तस्वीर नहीं है
मेरे पास तुम्हारी कोई निशानी-ए-तस्वीर नहीं है
शिव प्रताप लोधी
3021.*पूर्णिका*
3021.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आख़िरी मुलाकात !
आख़िरी मुलाकात !
The_dk_poetry
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
श्री राम भजन
श्री राम भजन
Khaimsingh Saini
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
मुझे आशीष दो, माँ
मुझे आशीष दो, माँ
Ghanshyam Poddar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
मिमियाने की आवाज
मिमियाने की आवाज
Dr Nisha nandini Bhartiya
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
💐 Prodigy Love-44💐
💐 Prodigy Love-44💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
"रामगढ़ की रानी अवंतीबाई लोधी"
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
Loading...