मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
दुश्मन को दहला न सके जो खून नहीं वह पानी
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
🌹Prodigy Love-21🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ऑंसू छुपा के पर्स में, भरती हैं पत्नियॉं
तेरी चाहत में सच तो तुम हो
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )